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7 Feb 2019 · 1 min read

मुक्तक

खुदाया तूने उसको क्यों बड़ा संगदिल बनाया है।

चक्षु को नीला और उसका बदन शीशा बनाया है।

मुहबत में ये हसरत थी कि उसको आँखों से छू लूँ ।

रब्बा तू ने उसे सूरज , मुझे जुगनू बनाया है।

Language: Hindi
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