Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Sep 2023 · 1 min read

सामाजिक कविता: पाना क्या?

सामाजिक कविता: पाना क्या?
************************

~~~~ ||| ~~~~
जो पाकर खो जाए, उसका पाना क्या?
जहां जाकर लौटना हो, वहाँ जाना क्या?
जलती है तो जलने दे, आग ही तो है,
हो रहा है उजाला, तो बुझाना क्या?
~~~~ ||| ~~~~
जिस चेहरे से मिलती है खुशी, तुम्हे भी,
उस बालक को फिर, रुलाना क्या?
समझ जाएंगे लोग, तेरे हालात देखकर,
फिर लोगो को कुछ, बताना क्या?
हो गयी है तो हो जाने दे, मोहब्बत ही तो है,
नादान दिल को समझाना क्या?
~~~~ ||| ~~~~
पंछी जो आकर, तुझे गुंजन सुनाए,
उन परिंदो को घर से, उड़ाना क्या?
जब खुदा- रब- प्रभु तेरे अंदर ही बसे हैं,
फिर मंदिर- मस्जिद जाना क्या?
मिल ही जायेगा जिस काबिल होंगे हम,
फिर बार- बार हाथ फैलाना क्या?
~~~~ ||| ~~~~
अगर ख्वाहिश है बुलाने की तो बुला ही लो,
पर जो रुक ना सके, उसे बुलाना क्या?
जिसे आदत हो, चाँद सितारे देखने की,
उसे थपकी देकर, सुलाना क्या?
अरे आती है तो आने दे, याद ही तो है,
जिसके बिना रहा न जाये, उसे भुलाना क्या?

****************📚*****************

स्वरचित कविता 📝
✍️रचनाकार:
राजेश कुमार अर्जुन

4 Likes · 378 Views
Books from Rajesh Kumar Arjun
View all

You may also like these posts

ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
Manisha Manjari
पहले उसकी आदत लगाते हो,
पहले उसकी आदत लगाते हो,
Raazzz Kumar (Reyansh)
विषय:तोड़ो बेड़ियाँ।
विषय:तोड़ो बेड़ियाँ।
Priya princess panwar
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
" समझ "
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा पंचक. . . मकरंद
दोहा पंचक. . . मकरंद
sushil sarna
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
शुभ सवेरा
शुभ सवेरा
C S Santoshi
।। निरर्थक शिकायतें ।।
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सखी
सखी
आकाश महेशपुरी
भूल जाना मुझे....
भूल जाना मुझे....
Jyoti Roshni
किसी के दुःख को अपनें भीतर भरना फिर एक
किसी के दुःख को अपनें भीतर भरना फिर एक
Sonam Puneet Dubey
कुछ कर चले ढलने से पहले
कुछ कर चले ढलने से पहले
डॉ. दीपक बवेजा
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
..
..
*प्रणय*
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
shabina. Naaz
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
पूर्वार्थ
ये नोनी के दाई
ये नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कचनार
कचनार
Mohan Pandey
अधिमास
अधिमास
Shweta Soni
बेकरार
बेकरार
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
Phool gufran
ବିଭାଗ[ସମ୍ପାଦନା]
ବିଭାଗ[ସମ୍ପାଦନା]
Otteri Selvakumar
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
singh kunwar sarvendra vikram
नेता विपक्ष
नेता विपक्ष
विजय कुमार अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/161.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो आया
वो आया
हिमांशु Kulshrestha
Loading...