Posts Language: Maithili 933 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Next DrLakshman Jha Parimal 2 Jan 2022 · 1 min read " फेसबुक क ग्रुप " ( एकटा विचित्र अनुभव ) डॉ लक्ष्मण झा "परिमल " ============== हमरो मन मे ग्लानि भ गेल समाज मे रहित छी कहिया धरि ढहलेल बकलेल सन एकाकी जीवन बितायब ?... Maithili · कविता 188 Share Acharya Rama Nand Mandal 1 Jan 2022 · 1 min read नववर्ष। नववर्ष। नववर्ष मंगलमय होयत धनी आ पढल लिखल के। नववर्ष मंगलमय होयत कहिया गरीब आ अनपढ के। नववर्ष मंगलमय होयत कहिया कबाड़ चूने वाला के। नववर्ष मंगलमय होयत नेता, अफसर... Maithili · कविता 1 286 Share DrLakshman Jha Parimal 1 Jan 2022 · 1 min read " नव वर्षक अभिनन्दन " डॉ लक्ष्मण झा "परिमल" ================ नव वर्षक शुभकामना दैत हम क रहल छी अभिवादन जीवन सुख सं भरल रहय कखनो नहिं मलिन रहय आनन !! बीतल क्षण इतिहास बनल नव... Maithili · कविता 363 Share Acharya Rama Nand Mandal 31 Dec 2021 · 1 min read बीतल बरस। कहै छी बरस बीत गेलै। परंच हम बीत गेली हैय। वोहिना जेना फलां त मर गेलै। समसान घाट से आबै हैय। सोचू न बरस फेर आ गेलै। परंच बीतल समयनै... Maithili · कविता 409 Share DrLakshman Jha Parimal 28 Dec 2021 · 1 min read " इरषे नागड़ि नहि कटबाऊ" डॉ लक्ष्मण झा"परिमल " ================== इरषे नागड़ि हमहूँ कटेलहूँ , नहि मनुख हम बनि सकलहूँ ! फुसिए जानवर क झुंड मे मुड़ियारी हम दैत रहलहूँ !! कखनो मन भेल नेता... Maithili · कविता 123 Share DrLakshman Jha Parimal 28 Dec 2021 · 1 min read " नारी " डॉ लक्ष्मण झा "परिमल " =============== इतिहास साक्षी अछि .......प्रायः प्रायः वीरांगना लोकनि अनिन्द्य सुन्दरिये छलीह ! रणचण्डिक रूप धारण करि शत्रु विनाश केलनि ....किन्तुर क रानी चेलम्मा अप्पन सुंदरता... Maithili · लेख 193 Share DrLakshman Jha Parimal 28 Dec 2021 · 1 min read "कँपकँपी " डॉ लक्ष्मण झा"परिमल " ============= कँपकँपा गेलहुं इ जाड सं बसात बुझु जान लेत ! गत्र-गत्र तोडि देत केना आब हम उठब ? कान ,नाक मुंह शिथिलता रूप लेलक, सिरकक... Maithili · कविता 261 Share DrLakshman Jha Parimal 23 Dec 2021 · 1 min read " फेस बुकक ढोलचमकी मे सिसकैत सम्बन्ध " डॉ लक्ष्मण झा"परिमल " ======================== इ अद्भूत लोलना हमरा भेट गेल हम संपूर्ण जगत सं जुडी गेलहूँ ! जे हमर क्षितिजक छोर मे भूतला गेल छलाह तिनको हम साथ लेलहूँ... Maithili · कविता 294 Share DrLakshman Jha Parimal 22 Dec 2021 · 2 min read " तथापि हम नहि सुधरब " डॉ लक्ष्मण झा "परिमल " =================== अद्भूत यंत्र हमरा भेटि गेल ! बैसल -बैसल इएह सब त हम करइत रहित छी ! कखनो फ़ेसबुक देखलहूँ ....कखनहूँ व्हाट्सएप्प केँ निहारलहुं ......यदाकदा... Maithili · लेख 337 Share Acharya Rama Nand Mandal 22 Dec 2021 · 1 min read हो बाबा। हो बाबा । गुरु देव महेश्वर छी। केना भांग पियै छी। केना गांजा पियै छी। हो बाबा। केना बौआइत रहल छी। केना पगलायल रहल छी। केना आंखि लाल रहल छी।... Maithili · कविता 495 Share Acharya Rama Nand Mandal 21 Dec 2021 · 3 min read रक्त संबंध रक्त संबंध। ---------------- कर्मवीर सिंह एकटा सम्पन्न किसान रहे।उनका एकटा बेटा प्रताप सिंह रहे। वही गांव सोनबरसा में एकटा सम्पन्न किसान रामबालक महतो रहे। रामबालक महतो के एकटा बेटी वसुन्धरा... Maithili · कहानी 934 Share श्रीहर्ष आचार्य 20 Dec 2021 · 1 min read इजोरिया प्रबल अधुनिक काल मे ओझल संस्कृति संस्कार मे मानसिक रुपि शब्द वेदन व्याप्त मनुक्ख अबोध निर्बल सभ्भ कोरा बढउनै उठनै पग पग संग धेने चलु जाहि ठाम छीटल सगरे इजोरिया... Maithili · कविता 841 Share Acharya Rama Nand Mandal 20 Dec 2021 · 1 min read मनुष बंटल। मनुष बंटल ---------------- धरम से देश बंटल। हिन्दूस्तानआ पाकिस्तान बनल।। भाषा से राज्य बंटल। बंगाल आ बिहार बनल।। जाति से समाज बंटल। बाभन आ सोलकन बनल।। धरम से मनुष बंटल।... Maithili · कविता 323 Share Ashwini Jha 20 Dec 2021 · 1 min read सस्ता सब्जी सस्ता सब्जी दबा क खाऊ आउ सुनबै छी अझुका भाव २० के पलांकी २० के मेथी २० के बथुआ हे लेने जाउ नवका आलू के नै पुछू भाव ५० के... Maithili · कविता 3 1 352 Share Acharya Rama Nand Mandal 18 Dec 2021 · 3 min read यशोदा माय यशोदा माय बरहमपुरी गांव में एकटा पुजारी बरहम शर्मा रहे।जे गांव के महादेव मठ में पुजारी के काम करे। पुजारी मिलनसार रहे। पुजारी जी मठ में ही अपन पत्नी अहिल्या... Maithili · कहानी 605 Share Acharya Rama Nand Mandal 17 Dec 2021 · 1 min read रार छिरल रार छिरल मिथिला में रार छिरल। मैथिली में रार छिरल। अंगिका लेल रार छिरल बज्जिका लेल रार छिरल। बोली लेल रार छिरल। कोड लेल रार छिरल। जनगणना लेल रार छिरल।... Maithili · कविता 248 Share DrLakshman Jha Parimal 17 Dec 2021 · 2 min read " हमरो सासुर बदलि गेल " डॉ लक्ष्मण झा"परिमल" ============= सासुरक स्वरूप बदलल, लोको सब बदलि गेलाह ! नवका पुरान भेल , परिचित अपरिचित भेलाह !! बदलि गेल उत्सुकता, गाम मे "ओझा" एलाह ! पुरनका लोक... Maithili · कविता 154 Share Dr. Kishan Karigar 17 Dec 2021 · 3 min read भगम भग्गी फैशन (हास्य कटाक्ष) बाबा बड़बड़ाइत बजैत रहै जे आब केकरा रोकू? हे केकरा टोकू? ई छौंड़ा छौंड़ी सब त एकटा फैशन जेंका बना लेलक? ई भगम भग्गी फैशन जे ने कराबै? खून खूनामे,... Maithili · हास्य/हास्य-व्यंग्य 1 436 Share Mohan Mahato Koiri 16 Dec 2021 · 1 min read शिर्षक :- मृत्युमेला हमरा सँगे घिचल अन्तिम फोटो संजोइग कऽ राइख लिय कहियो काम आइब सकैय हमर श्रद्धाञ्जली देबलेल लिखलेल Facebook पऽ एकटा होनहार युवा युवा कवि एकटा नव आसक दीप जे आइ... Maithili · कविता 2 418 Share Acharya Rama Nand Mandal 15 Dec 2021 · 1 min read हिन्दू हिन्दू आइ हिन्दू केते डरल हैय। जेना औरेंगजेब के शासन हैय। जेना आइ हम हिन्दू हैय। जेना पहिले हिन्दू न रहैय। जेना बाद हिंदू न रहबैय। जेना औरेंगजेब अब आवै... Maithili · कविता 259 Share DrLakshman Jha Parimal 15 Dec 2021 · 1 min read " पुरनका विवाह " ( व्यंग अछि आर किछु नहि ) डॉ लक्ष्मण झा"परिमल" =========== हमर व्याह कहिया भेल माथ कुड़ियबैत रहलहूँ स्मरण नहि भेल ! घरवाली सं पुछलियनि त कहलनि - "सभा सं... Maithili · कविता 543 Share Acharya Rama Nand Mandal 14 Dec 2021 · 1 min read कोयल आ काग। कोयल आ काग कोयल कारी बोले मीठा। काग कारी बोले खारा। कोयल कुहुके विरही विथा। काग बोले विरही संदेशा। कोयल कारी बडा चातुरा। काग कारी बडा चेष्टना। काग रुप बडा... Maithili · कविता 295 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Dec 2021 · 2 min read " हम छी फेसबुक "खटरा हजाम " डॉ लक्ष्मण झा"परिमल" ====================== पहिने घरे -घरे पहुँचैत छलहूँ ..किनको दाढ़ि बनबैत छलहूँ ..किनको केस छांटय पडैत छल ...मुंडन ,.....उपनयन आ विवाह इत्यादि मे हमर खोज- पुछारी खूब होइत छल... Maithili · लेख 183 Share श्रीहर्ष आचार्य 13 Dec 2021 · 1 min read स्वागत कतैक दिन बाद गमैक उठल आगन परदेशी आबि रहल साजल अछि स्वागत मुदा टिकुली टेढ़ भने ललकी नूआ पेन्ह कनै हर्षित आछि तन आ मन सभऽ साजल अछि स्वागत स्वागत... Maithili · कविता 562 Share Acharya Rama Nand Mandal 12 Dec 2021 · 1 min read केवल मानव केवल मानव मानैय छी ईश्वर विभिन्न प्राणी बनैलै हैय। सुग्गा मैना कौआ विभिन्न रुप बनैलै हैय। गाय भैंस बकरी विभिन्न रुप बनैलै हैय। मानव जानवर चिड़िया विभिन्न रुप बनैलै हैय।... Maithili · कविता 227 Share श्रीहर्ष आचार्य 12 Dec 2021 · 1 min read मिथिला हे विदेह वंशुधारा हे माता, हे अंग वंशुधारा हे माता , हे बज्जि वशुधारा हे माता, हे जगत जननी हे भाग्य विधाता , हे कुलदेवी वन देवी विद्या-देवी हे माता,... Maithili · कविता 330 Share DrLakshman Jha Parimal 12 Dec 2021 · 1 min read " सम्बोधन ,शालीनता आ शिष्टता क इंजेकशन " डॉ लक्ष्मण झा ""परिमल "" =========================== हमरा विचित्र रोग सनिहा गेल अछि ! कियो हमर लेख ,कविता ,व्यंग आ ख्खिसा पिहानी क समालोचना ,टिप्पणी ,प्रशंसा आ आभार व्यक्त करताह हुनका... Maithili · लेख 219 Share Phoolchandra Rajak 12 Dec 2021 · 1 min read मेरी वीरता। मेरी वीरता पुकार रही है। दुष्टों से जंग करने के लिए कह रही है।पर! दुष्टों से जंग करने के लिए हथियार चाहिए। दुष्टों से जंग करने के लिए लक्ष्मण जैसा... Maithili · कविता 1 268 Share Acharya Rama Nand Mandal 11 Dec 2021 · 1 min read मिथिला महात्म्य मिथिला महात्म्य केहन हमर मिथिला रहे! दादा हमर जमींदार रहे!! केहन हमर मिथिला रहे! बड़का घर लोरिन रहे!! केहन हमर मिथिला रहे! बड़का घर खवास रहे!! केहन हमर मिथिला रहे!... Maithili · कविता 425 Share Acharya Rama Nand Mandal 11 Dec 2021 · 1 min read झक झोरैय हैय! झक झोरैय है! कुछ बात मन के झक झोरैय हैय! भगवान कोई वर्ण के झक झोरैय हैय! बेटा राम दशरथ के झक झोरैय हैय! बेटी सीता धरती के झक झोरैय... Maithili · कविता 261 Share Acharya Rama Nand Mandal 9 Dec 2021 · 1 min read अंगिका बज्जिका अंगिका बज्जिका अंगिका बज्जिका मैथिली से हो गेल गायब। मिठगर बोली मैथिली के हो गेल गायब। अंगिका आदि कवि रहे सरहपा भे गेल गायब। बज्जिका आदि कवि रहे गयाधर भे... Maithili · कविता 476 Share श्रीहर्ष आचार्य 9 Dec 2021 · 1 min read न रहै झूठा हिअ गेल चएन गेल दऽ गेला झुनझुना हे सखि पिया नैय ऐला न रहै झूठा सिंगापुर गेला विलायती भेला कलुआ बरद जेना फुला हे सखि पिया नैय ऐला ना रहै... Maithili · कविता 296 Share Acharya Rama Nand Mandal 8 Dec 2021 · 1 min read सीता आ राम सीता आ राम मैथिल के सीता आ राम। बहिन सीता आ बहनोई राम।। जगत के सीता आ राम। पत्नी सीता आ पति राम।। ब्रह्मांड के सीता आ राम। आत्मा सीता... Maithili · कविता 691 Share DrLakshman Jha Parimal 6 Dec 2021 · 1 min read "रविवारक छुट्टी ओगरबाहि मे बीतल " डॉ लक्ष्मण झा "परिमल " -------------------- आई पकड़ा गेलहुं! श्रीमती कहलनि 'छत पर गेहूँ सुखा लिय हम भानस करैत छी देखब ! चिड़िया -चुनमुन नहिं खाय '! कुली -मिस्त्री काज... Maithili · कविता 280 Share Meenu Ray 6 Dec 2021 · 1 min read हम की सुनायब मैया सब किछ आहां जनै छी हम की सुनायब मैया सब किछ आहां जनै छी-2 मझधार में फसल छी से नै आहां देखै छी-2 हम की सुनायब मैया सब किछ आहां जनै छी-2 अंतरा केहन करम... Maithili · लेख 328 Share Mohan Mahato Koiri 5 Dec 2021 · 1 min read शिर्षक :- हम आ ओ हम रही २२ के ओ रहै २० के जहिया पहिलबेर देखलियै ओइ miss के हम भेलियै २३ के ओ भेलै २१ के हमहु पाछु पयर गेलियै ओकर बड कैसके हम... Maithili · कविता 1 1 357 Share DrLakshman Jha Parimal 3 Dec 2021 · 1 min read “ निष्क्रिय नेता “ डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ” =============== न मधुर गायन अछि , न रागक ज्ञानी छी ! केहूना मन लगबैत छी , हम त अज्ञानी छी !! कविता नहि लिखैत छी ,... Maithili · कविता 1 185 Share DrLakshman Jha Parimal 3 Dec 2021 · 1 min read " इडली आ दोसा " डॉ लक्ष्मण झा "परिमल" ============ कनि हमरो मन कनि हुनको मन एहिबेर छुट्टी मे किछु बनए नीक वस्तु भोजन लेल! दक्षिण भारतक व्यंजन मे निर्णय सहज भेल बनए इडली दोसा... Maithili · कविता 590 Share श्रीहर्ष आचार्य 2 Dec 2021 · 1 min read मिथिला बौध्द मैथिल माय के देस प्राचीन संस्कृतिक गोद मे मिठ बोल भाषा कर्णप्रिय संस्कार पहचान हमर पाहुन राम हाँसैय आगन मे विधापति संग महादेव कृष्ण सदा विराजमान करैए नित भोर... Maithili · कविता 2 250 Share Lalita Kashyap 2 Dec 2021 · 1 min read ओस मनहरण घनाक्षरी ओस वार्णिक छंद। विधान 8,8,8,7 यति16,15, पदान्त गुरु सम तुकांत । नभ से उतर आई, बूंद रूप मन भायी, हीरे जैसी चमक की, लड़ियों की तार है। आते-... Maithili · कविता 2 2 334 Share श्रीहर्ष आचार्य 2 Dec 2021 · 1 min read उगल सगर इजोरिया आइ चलल होइ बौध्द आगन मे मनक महक उठल इ संसार विस्मृत चिन्ह काल्हि बिसरएब उगल सगर इजोरिया आइ देव मढ़ी वैशाली स्वर्गसँ पावन हाथ जोड़ि कण कण केँ प्रणाम मा... Maithili · कविता 1 227 Share Acharya Rama Nand Mandal 1 Dec 2021 · 1 min read बहिन बड़ बहिन माय सम मानू। छोट बहिन बेटी सम मानू।१। बड़ भाई बाबू सम मानू। छोट भाई पुत्र सम मानू।२। काका फुफा पिता सम मानू। काकी फुआ माता सम मानू।३।... Maithili · कविता 571 Share ABDHESH JHA 1 Dec 2021 · 2 min read बूढ़ी बुढ़ी 1 ******************************************** पछिला साल चारि बरिस पर आयल छलखिन बेटा सासुक सराध मे सासुर दू दिन गामों मे रहलाह मायकेर जमा कयलहा, साग नेबो लताम सं आमद जे किछु... Maithili · कविता 2 2 308 Share Dr. Kishan Karigar 1 Dec 2021 · 1 min read बाबा भक्त कटाक्ष भक्त- हो बाबा आई बसहा बरद नै चरबै छहू? कहाँ जाई छहू? बाबा- हौ भेलेंटाईन पार्क सबहक चक्कर काटि रहल ज गौड़ि दाई परपोज कए दिए? भक्त- हो बाबा कहले... Maithili · लेख 1 772 Share ABDHESH JHA 30 Nov 2021 · 1 min read बस्तीक लोकक विरुद्ध बस्तीक लोकक विरुद्ध ############################### लोक बुझैत अछि बस्तीक बस्तीक भाषा कुकुरक भों भों करबाक अर्थ सांझ प्रात हूल हूल करबाक पाछा की थिकैक लालसा/मंशा ओ जानैत अछि निजगूत ओकर अयबाक... Maithili · कविता 2 2 356 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read मनोभाव मन एक्केटा बलवान आ चंचल, क्षण-क्षण बदलए रंग पार असंभव, यद्यपि बुद्धि सूक्ष्म, आ मन स उपर, कहैछ ज्ञानी बुद्धि बले मन पर बश... तथापि की बदलि सकै छी? "उत्तर"... Maithili · कविता 2 2 509 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read जीवन चक्र कखनो जीवन बसंत बनि बरसतै… कखनो इ पतझड़ बनि झहरतै… कखनो पूर्णिमा रैतक चान जकां… सब संताप हैर लेतै… कखनो अमावस के स्याह रैत बैन डरौतै… इ क्रम त अहिना... Maithili · कविता 2 2 365 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read क्षणभंगुर जीवन जीवन छै क्षणभंगुर, गुरुर नहि ढहि रहल, जनितो तथ्य, सत्य, असत्य के गहि रहल, की हैत कखन, के बुझि सकल, एकरा अागू सब वेवश, की, केकरो वश चलल, सत मार्ग... Maithili · कविता 2 4 232 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read हे मातृभूमि प्रणाम! फुसक घर, खरही के टाट खपरैल घर, अँगना कात भनसा घर, माटिक चुल्हा राखल डिबिया, ओ लेबल लोहिया... पाछू बारी, आगू फुलवारी, फरकी स घेरल, पोखरी कात चललै बचपन ल... Maithili · कविता 1 2 395 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read बूढ़क दर्द बड़ जरुरी बूढ़ के अपना संग में पाई रहब नहि लगई नीक कनिको ज बुढ़ाड़ी हाथ बन्हल... बड अभिलाषा बूढ़ के अपने हाथे खर्च करब छोट-मोट खगता ख़ातिर किए पत्नी... Maithili · कविता 1 1 366 Share Previous Page 11 Next