Dear Stranger
मैंने ना कभी ये नहीं चाहा कि
तुम रोशनी बन मेरी अंधेरी राते मिटा दो,
या मेरे ख्वाबों को अपनी जिदंगी का मकसद बना लो,
या फिर मेरी कही हर बात तुम्हारे लिए जरुरी हो
या मेरे अलावा किसी और को ना देखो तुम
मैंने तो बस इतना चाहा है कि
मेरी अंधेरी रातों में तुम साथ हो मेरे ताकि मैं खुद में रोशनी ढूंढ सकूं,
तुम्हारे होते हुए मुझे कभी मेरे ख्वाबों से समझौता ना करना पड़े
मेरी हर बात को बस सुन लो तुम
और चाहें देखो तुम दुनिया पर नजरों को तलाश हर दफा बस मेरी हो….
-सोniya