Posts "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 92 authors · 325 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read तर्क-ए-उल्फ़त तर्क-ए-उल्फ़त की क़सम कैसे निभाऊँ बोलो, ख़ुद - परस्ती में कहीं मैं न गँवा दूँ खुद को। इश्क में अश्क बहें नैन पुकारें तुझको। जब तलक दीद न हो चैन... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 91 Share Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन अब हमारी है तुम्हारी रोज़ शब। बस ख़ुमारी है तुम्हारी रोज़ शब। हो भला कैसे मुकम्मिल आप बिन, बेमुरव्वत है हमारी रोज़ शब। चंद यादें चंद वादे और ग़म, ज़ीस्त... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल · बह्र 2122 2122 212 77 Share Dr. Vaishali Verma 2 May 2024 · 1 min read वृक्ष की संवेदना *हे मानव है* *मेरा क्या क़सूर* *शहरी बस्ती बसाने* *में क्यूँ काँटे मुझे* *हर रोज़* *मेरी संवेदना* *अपने से काहे* *करें यूँ दूर* *चिड़ियों का क्यूँ* *छीने बसेरा* *अपना घर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 101 Share Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read रिवायत दिल की बहुत टोका बहुत रोका मगर ये दिल नहीं माना। हाँ सब कुछ जान कर भी ये रहा चाहत में अंजाना।। नहीं परवाह इसने की कभी भी दुनियादारी की, हुआ बदनाम... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · रिवायत 88 Share Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read हाईकु १) खूब हंसाता दुखी-मौन होकर देखो जोकर। २) वाणी है मौन बोलती हुई आँखें खुशियां तांकें। ३) झेले जोकर मानसिक तनाव हंसी के भाव। ४) है मसखरा हंसमुख स्वभाव दिल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · हाईकु 84 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 2 May 2024 · 1 min read मन की संवेदना मन की संवेदना छिपाकर जीना सीख गया मैं हंसना सीख गया मैं गम को पीना सीख गया मैं इस दुनिया में श्रेष्ठ भावना यूं ही मर जाती है सपनों की... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 132 Share संजीवनी गुप्ता 2 May 2024 · 1 min read संवेदना भावनाओं का अंबार है मानव, राग, द्वेष, हिंसा का गुबार है मानव। खंगाले जरा खुद के भीतर तो, संवेदनाओं का विस्तार है मानव। भरते हुए विभिन्न प्रकार की भावनाएं, उकेरा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 75 Share manjula chauhan 1 May 2024 · 1 min read धरती ईश्वर की एक अद्भुत रचना, बिना जिसके जीवन बस एक सपना । विलक्षण स्वरूप, सुन्दरता अकाट्य, पर हारी अपनो से ही प्रेम से जिनके बाध्य। ममता का प्रेममयी रूप-अनूप, रहते... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 99 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 1 May 2024 · 1 min read संवेदना जब हृदय अभिभूत हो जाए , किसी प्राणी की वेदना से। तन में घनीभूत प्राण यूं, विचलित हो उठे वेदना से। संतृप्त भावों की धरा पर, संवेदना की शीतल बूंदें।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 202 Share surenderpal vaidya 1 May 2024 · 1 min read * बचाना चाहिए * ** गीतिका ** ~~ क्यों न दिल को कसमसाना चाहिए। बालपन को भी बचाना चाहिए। बोझ है भारी बहुत जब शीश पर। क्यों भला फिर मुस्कुराना चाहिए। आंख के आंसू... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · आनंद वर्धक छंद · गीतिका 2 104 Share उमा झा 1 May 2024 · 3 min read वेदना किसी नगर में एक राजा था । उसका स्वभाव, कहा नहीं जा सकता है कि वह कैसा है? उसके राज्य में प्रजा का जीवन यापन हो रहा था पर---। एक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 54 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read संवेदना सहज भाव है रखती । न मरती है संवेदना , न मिटती है संवेदना, शांत भले ही हो, पल भर मे जगती है संवेदना। न जाने कब और किस पल ? छू ले किसी का... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 115 Share उमा झा 1 May 2024 · 1 min read करुणभाव एक शिकारी जंगल पहुँचा, करने को, शिकार। जोश भरी थी मन में ऐसी, धून था शीश सवार। जाल बिछाया, दाना डाला, छुप गया झाड़ी पार। तभी अचानक एक हिरणी का,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 63 Share Neelam Sharma 1 May 2024 · 1 min read श्रमिक श्रमिक दिवस...... ****************** माथे चंदन प्रत्येक मज़दूर कोटि वंदन। सहता पीर श्रमिक जिगर में धरता धीर। मेहनत है लाठी मजबूत है काठी परिश्रम है दस्तूर श्रमिक मज़दूर। नीलम शर्मा ✍️ "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · हाइकु 1 91 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read बना रही थी संवेदनशील मुझे जब मै टहल रहा मदहोस था, सुना , रोते किसी को बागो में, फल लदे हुए थे वृक्ष की गोद मे, ना भूख थी, ना बेहोश थी, आंँसू मे डूबे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 110 Share Shama Parveen 1 May 2024 · 1 min read संवेदना संवेदना ------- जीवन भरा पड़ा है संवेदना से कभी करुणा कभी वेदना से धरती पर आया है जो भी सुख-दुख कटेगा वो भी रात है अगर तो दिन भी होगा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · Poem 3 87 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 May 2024 · 1 min read संवेग बने मरणासन्न अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है प्यार, मोहब्बत, इंसानियत का, खात्मा चल रहा है जी लो जिंदगी का सफर, हमें कब चले जाना है संवेदनाएं खत्म... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रेमदास वसु सुरेखा · संवेग बने मरणासन्न · संवेदनाएं खत्म 1 94 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read मूक संवेदना संवेदनाये क्या कहती है ? दुख दर्द को खूब समझती है, सुख की अनुभूती करती है, मूक होकर भी शब्द कहती है। संवेदनाये एक जाग्रति है, चेतनाये कही जुड़ी है,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 88 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 1 May 2024 · 1 min read हे कृतघ्न मानव! हे मानव! तू कितना कृतघ्न है। जिस वृक्ष ने तुझे जीवन दिया तु उसे निर्दयता से काटा जा रहा तू इतना निर्दय कब हो गया? जो तुझे सांस देते रहे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 44 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read संवेदनाएं मत पालो ये भ्रम मन में, वेदनाएं विलुप्त हो गयी है , संवेदनाएं कही खो गयी । जगाती है तुम्हे तुमसे, जोड़ती है तुम्हे उनसे, संवेदनाएं यही कही है। एक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 1 79 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read पंचायती राज दिवस बूद बूद से भरे घडा, कयू तू अकेला खडा? एक और एक ग्यारह! पंचायती राज पौ बारह!! अपनी समस्या अपनो हल! जीवन भनो रहै सदा सरल!! कोर्ट कचहरी से निजात!... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 107 Share Khajan Singh Nain 1 May 2024 · 1 min read चरित्र क्या सफेदी अपने आप में दिखाई ना देने वाली चीज है ? या फिर लोग नहीं देखते इसकी मुझे खीझ है. या शायद मेरे ऐसा चिलाने में भी कोई भेद... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 43 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read राजनीति राजनीती आज कितनी बदहवास हो गई! कर्मठ कर्मयोगी छोड गुडो की दास हो गई!! कुछ करते है केवल पैत्रक व्यवसाय की तरह! प्रजातंत्र बेमानी,उनके परिवार की खास हो गई!! प्रधान... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 65 Share Khajan Singh Nain 1 May 2024 · 1 min read मणिपुर की वेदना बेज़ार रो रहा है देश महसूस कर मणिपुर की वेदना, पर ‘उनको’ महसूस नहीं होता, खो चुके हैं संवेदना। बस्ती के साथ मानवता भी जल रही है, सत्ता की हवस... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 89 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read पृथ्वी दिवस इस पृथ्वी के हम सब ऋणी है! इसकी दक्षिणा क्या कभी गिनी है? देती है शुद्ध वायु,जल,फल-फूल, सुगंधित सुरम्य वातावरण धनी है!! बदले मे हम दे रहे मात्र उसे प्रदूषण!... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 77 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read श्रमिक दिवस मई दिवस की हार्दिक शुभकामनाए! श्रमिक संताप से कुठित ममभावनाए!! आठ घंटे का मिलता है केवल वेतन! 10-12 घंटे कार्य करने की प्रताडनाए!! पँजीपति औ श्रम विभाग की साठगाठ, होती... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 74 Share Ritu Asooja 1 May 2024 · 1 min read संवेदनाओं का क्रंदन मानव मन की सुन्दर कोमल भावनाओं का दाह संस्कार होते देख मेरी संवेदनाऐं जागृत हो ह्रदय रुदन करने लगीं.. आततायी संवेदन शून्य हो, भावन रहित हो गये थे.. क्रूरता पशुता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 93 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 May 2024 · 1 min read जाओ कविता जाओ सूरज की सविता जाओ कविता जाओ कविता जाओ दुनिया में सूरज की सविता उजागर करो युद्धों की विभीषिका सुनो रसिया यूक्रेन अमेरिका सुनो दुनिया के नेताओं आओ होश में आ जाओ मानवता को... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 1 94 Share Roshni Sharma 30 Apr 2024 · 1 min read खो गईं। वेदना तो बहुत है संवेदनाएं खो गई मौत तो दुगुनी हुई पर सांत्वनाएं खो गईं। स्वार्थ का है बोल बाला, हर तरफ संसार में प्रेम, ममता, स्नेह की संभावनाएं खो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · गीत 7 3 131 Share surenderpal vaidya 30 Apr 2024 · 1 min read * कष्ट में * ** मुक्तक ** ~~ कष्ट में कोई दिखे लेकिन कदम थम ही न पाएं। मात्र अपने स्वार्थ हित जो जिन्दगी को नित बिताएं। इस धरा पर बोझ बनकर जी रहे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · माधव मालती छंद · मुक्तक 2 1 90 Share Neena Kathuria 30 Apr 2024 · 1 min read संवेदना अभी भी जीवित है संवेदना अभी भी जीवित है विकास के पथ पर अंतिम श्वास लेता वो वृक्ष देख व्याकुलता से पद स्थिर हो गये हमारे अनायास ही बह निकली चक्षु से जब अश्रु... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 104 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 30 Apr 2024 · 1 min read शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ हे देवाधिदेव देव गजानन, श्री चरणों में बंदन है आतंक से पीड़ित मानवता का, तुमसे करुण निवेदन है हे रिद्धि सिद्धि के दाता भगवन, हे सद्बुद्धि के दाता हे लंबोदर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 113 Share Godambari Negi 29 Apr 2024 · 1 min read संवेदना मर गई मन की संवेदना! कब कैसे क्यों ? कोई बता सकता है क्या? नहीं कैसे बतायेगा! संवेदना बची ही कहाँ है भीतर। सब ही तो तलवार लिए खड़े हैं,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 4 127 Share Dr. Vaishali Verma 29 Apr 2024 · 1 min read तकनीकी की दुनिया में संवेदना तकनीकी की दुनिया में संवेदना शून्य हो रही, चिट्ठीयो में सिमटी संवेदनाओ ने ले लिया अब रुख़ मोबाईल का, मानव ही मानव से कट रहा इस दिखावटीपन की दुनिया में... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 100 Share Mahendra Narayan 29 Apr 2024 · 1 min read गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14 ऊहापोह लिए मन मेरा शेयर का बाजार लगे उठापटक करती रहती हैं, . इच्छाएँ पलकों जैसी। आशंकाएँ घेरे रहती , सिर मेरा अलकों जैसी। कुछ ज्यादा करना चाहूँ तो, मंदी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 105 Share Seema gupta,Alwar 29 Apr 2024 · 1 min read विरले ही संवेदनशील आधुनिकता की चकाचौंध में मानवता शून्य हो गयी, स्वार्थ वश अहंकार से संवेदना शून्य हो गयी, दिखावेपन में आजकल विवेकहीन हो गयी, जल्दबाजी से पाने में अधैर्य पूर्ण हो गयी,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 63 Share Dr. Vaishali Verma 29 Apr 2024 · 1 min read संवेदना( वीर ज़वान) 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 *वीर ज़वानो*की संवेदनाओ से तुमको अवगत कराता हूँ है ये भारत माता के सुपुत्र अपनी सरहद के ख़ातिर प्राणो की बलि दे जाते है, हाथों में थामे, हथियारों से... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 76 Share Seema gupta,Alwar 29 Apr 2024 · 1 min read आधा अधूरा सा,थकान भरा तन, आधा अधूरा सा,थकान भरा तन, किफायती सहेजें, संवेदना लिए मन, प्रेमपगी स्निग्धा स्नेहरसन आर्द्रतापन, वात्सल्य मृदुलता अंतर्व्यथा की तपन, नेह अपनत्व प्रमाणित करन की लगन, निरन्तर स्वयं का स्वयं से... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 268 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 29 Apr 2024 · 1 min read मोहब्बत का पहला एहसास वह दूर है मुझसे, फिर भी मेरी आँखों के सामने रहती है, मुझे मोहब्बत है उससे उतनी, उसकी तस्वीर की जरूरत नहीं पड़ती है....!! कभी बालों को हवा में फैलाती... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 150 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 29 Apr 2024 · 1 min read जागे जग में लोक संवेदना हे गणपति हे श्रेष्ठ शुभंकर विघ्न विनाशक अभयंकर हे देवाधिदेव गजानन श्रेष्ठ समन्वयक लंबोदर एक सूत्र में पिरो सभी को सारी दुनिया को संगठित कर नहीं धर्म पर झगड़े हों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 151 Share Rajesh Kumar Kaurav 29 Apr 2024 · 1 min read मन में भूल गया संवेदना, स्वार्थ भरा व्यवहार । तर्क शील मानव हुआ, अपने तक परिवार।। पति पत्नी संतान हित,जिते कुछ इंसान। सिमट गई संवेदना,हृदय बसा अभिमान।। मान प्रतिष्ठा के लिए,करता खोटे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 2 71 Share Rajesh Kumar Kaurav 28 Apr 2024 · 1 min read संवेदना संवेदना खत्म हो गई अब युग प्रभाव । दूजे के कष्ट तस्वीरों में खीचते बना चलन । भूखे के लिए दे नहीं पाते रोटी व्यस्त समय। सडकों पर कराहते घायल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · हाइकु 1 80 Share Karuna Bhalla 28 Apr 2024 · 1 min read इश्क : इश्क: प्रेम प्यार प्रीत मौहब्बत और लगन और इश्क जीवन का एक एक पन्ना इन्हीं की दास्तान में उलझा है या फिर सुलझा है. इतना तो अवश्य है कि... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 65 Share Karuna Bhalla 28 Apr 2024 · 1 min read संवेदना स्नेह संवाद संवेदना की बात चली तो लगा संवेदना के गलियारों में स्नेह के साथ अथाह प्रेम है साथ ही भीगे आँसुओं का गहरा समन्दर है आहों की कविता दर्द... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 63 Share Dr. Vaishali Verma 28 Apr 2024 · 1 min read किसान की संवेदना हूँ मैं एक किसान लगा हुआ हूँ खेती में,🌾🌾 सुखी रोटी खाता हूँ अन्नदाता कहलाता हूँ बंजर भूमि⛰🗻 उपजाऊ बना दूँ ऐसी संवेदना रखता हूँ। काया पड़ जाए काली 🌚... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 137 Share surenderpal vaidya 28 Apr 2024 · 1 min read * छलक रहा घट * ** कुण्डलिया ** ~~ छलक रहा घट प्रीति का, मन संवेदनशील। स्वार्थ भरी कोई वहां, चलती नहीं दलील। चलती नहीं दलील, प्यार होता है निश्छल। नहीं देखता वक्त, साथ देता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 2 95 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Apr 2024 · 1 min read संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां... सहमी सी है आज कलम, शब्द उदास हैं खोए-खोए ! जग में कितनी पीड़ाएँ हैं, आखिर कोई कितना रोए ! मानव ही जब मानव की, व्यथा समझ न पाता है।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 119 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 28 Apr 2024 · 1 min read संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷 संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका ☘️🍀🌿🙏🙏☘️🍀🌿🌷 संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका आस पास संगी साथी है उनका सुख दुख दर्द वेदना संग सहारा वैभव संतोषी जन जन का प्यारा सकारात्मक भाव पनपता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 134 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 28 Apr 2024 · 1 min read आदमी की संवेदना कहीं खो गई शहरीकरण में हम, कहां से कहां खो गए संवेदनशील थे हम, संवेदनहीन हो गए गांव थे अच्छे खासे, सब शहर हो गए जल जंगल जमीन, शहरों में खो गए संवेदनाएं... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 2 196 Share Harminder Kaur 27 Apr 2024 · 2 min read सवेदना संवेदना कल सवेदना से मुलाकात हो गई पहले रुकी फिर मुस्कुराई अपने अंदाज में बैयां में कुछ इठलाई। पूछने लगी कहाँ ? जाने की जल्दी है जनाब मैं तो आपको... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 5 91 Share Previous Page 3 Next