Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2024 · 1 min read

विरले ही संवेदनशील

आधुनिकता की चकाचौंध में
मानवता शून्य हो गयी,
स्वार्थ वश अहंकार से
संवेदना शून्य हो गयी,
दिखावेपन में आजकल
विवेकहीन हो गयी,
जल्दबाजी से पाने में
अधैर्य पूर्ण हो गयी,
मगर बचा है कहीं-कहीं किसी के
संवेदना के भाव मन में ,
दयालु प्रवृत्ति उदार कर्म,
विरले है मानव मिलते अति जतन।
-सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान

3 Likes · 37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
inner voice!
inner voice!
कविता झा ‘गीत’
दिल में एहसास
दिल में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
अकेला गया था मैं
अकेला गया था मैं
Surinder blackpen
"ये कैसा जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
Swara Kumari arya
NSUI कोंडागांव जिला अध्यक्ष शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana
NSUI कोंडागांव जिला अध्यक्ष शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana
Bramhastra sahityapedia
कन्या पूजन
कन्या पूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अपभ्रंश-अवहट्ट से,
अपभ्रंश-अवहट्ट से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिक्र क्या जुबा पर नाम नही
जिक्र क्या जुबा पर नाम नही
पूर्वार्थ
*
*"गौतम बुद्ध"*
Shashi kala vyas
विनय
विनय
Kanchan Khanna
अंधेरे आते हैं. . . .
अंधेरे आते हैं. . . .
sushil sarna
#drarunkumarshastri♥️❤️
#drarunkumarshastri♥️❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शुभ दिवाली
शुभ दिवाली
umesh mehra
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लिखते रहिए ...
लिखते रहिए ...
Dheerja Sharma
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
2385.पूर्णिका
2385.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
सत्य कुमार प्रेमी
अहंकार का एटम
अहंकार का एटम
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
Neelam Sharma
और क्या कहूँ तुमसे मैं
और क्या कहूँ तुमसे मैं
gurudeenverma198
*पहिए हैं हम दो प्रिये ,चलते अपनी चाल (कुंडलिया)*
*पहिए हैं हम दो प्रिये ,चलते अपनी चाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माना के तुम ने पा लिया
माना के तुम ने पा लिया
shabina. Naaz
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
Rajesh vyas
जन्मदिवस विशेष 🌼
जन्मदिवस विशेष 🌼
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मौन
मौन
Shyam Sundar Subramanian
Loading...