Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 15 Next Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read शुभ धाम हूॅं। हुस्न की मुझको पहचान है, किंतु मैं। प्रेमी उत्कर्ष के शीर्ष का घाम हूॅं। इन निगाहों के आकर्ष से न खिंचू। पास आओ मुहब्बत का शुभ धाम हूॅं। धाम=तीर्थ स्थान/देव... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 289 Share Poonam Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read बेटियाँ * बेटी है घर की शान, * होने ना दो इसे तुम परेशान , * करने दो इसको जो चाहे , * बने डॉक्टर या पहलवान। * पढ़ो पढ़ाओ बेटी... Poetry Writing Challenge-2 1 53 Share विजय कुमार अग्रवाल 20 Feb 2024 · 1 min read संयुक्त परिवार परिवार की परिभाषा धीरे धीरे क्यों बदल रही हैं। क्यों महल दुमहलों की सीमाएं अब सिमट रही हैं।। पहले परिवार में सब मिलजुलकर घर में ही रहते थे। जिसे गर्व... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 138 Share Vandna Thakur 20 Feb 2024 · 1 min read दिलकश विषय 💕दिलकश💕 बहुत दिलकश था वो नज़ारा, जब पकड़ा था तूने हाथ हमारा, तेरी ही आँखों में डूब गया, मैं तो सारा का सारा, तू ही है दुनिया तू ही... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 2 2 102 Share Ghanshyam Poddar 20 Feb 2024 · 1 min read होली के दिन जा रे पपीहा, जाओ उस देश, जहां पिया जी रहते हैं देना सही-सही वही संदेश, जो मैं तुम्हें बताऊंगी। आओ जल्दी से जल्दी, बिना देर, होली आनेवाली है आओगे जब,तब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 130 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read अंतिम यात्रा पर जाती हूँ, अंतिम यात्रा पर जाती हूँ, स्वीकार करो अंतिम प्रणाम सुख दुःख के साथी रहे सदा कटुता मन में तुम ना रखना स्मृतियों में कोई विकल्प अच्छी यादों का भी रखना,... Poetry Writing Challenge-2 1 77 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read अंतर बहुत है कल्पना में,सत्य में अंतर बहुत है मंच में,नेपथ्य में अंतर बहुत है चाह किसकी हो सकी पूरी यहाँ पर भावना में,तथ्य में अंतर बहुत है। Poetry Writing Challenge-2 2 130 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read अधिमास किसे ये ज्ञान है जीवन में कब सुखवास आएगा, खिलेंगे फूल कब पतझर में कब मधुमास आएगा, सुना है,सुख की अवधि घट रही है मेरे जीवन में दुःखों का इस... Poetry Writing Challenge-2 45 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read अवतार जब गलत, सही हो जाता है कुछ साबित ना हो पाता है जब झूठ खड़ा मुस्काता है सच तम से घिरता जाता है तब होता है अवतार कोई इतिहास गवाही... Poetry Writing Challenge-2 1 62 Share Shweta Soni 20 Feb 2024 · 1 min read मौन कभी तर्कों से बात ना बने तो धारण करना मौन,, क्लिष्ट हो जाते हैं शब्द जब वाक्य हो जाते हैं,कठिन तब तुम सरलता से चुप रहना और साधारण करना मौन। Poetry Writing Challenge-2 47 Share Roopali Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति प्रकृति बसाने को अपने नए घराने, कितने आशियाने उजाड़े हैँ जो बोया था बीज कल, फसल वही अब काट रहे हैँ प्रकृति के इस भयावह रूप से आज इसीलिए हम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 54 Share Chunnu Lal Gupta 20 Feb 2024 · 1 min read " ऐसा रंग भरो पिचकारी में " प्रेम रंग की बौछारें हैं भीगो अबकी बारी में नेह,स्नेह,भाव,प्रीत के रंग भरो पिचकारी में बैर,द्वेष के भाव मिटे सब प्रेम उगे हर क्यारी में फुहारों से ग़मक उठे मन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 640 Share Shutisha Rajput 20 Feb 2024 · 1 min read हुनर फूलों में इतर छुपा होता है, कैसे जाने ये। किसकी किस्मत कहां बदल, जाए कैसे माने ये। पत्थर पर घिसने के बाद, ही हिना रंग लाती है। मेहनत करने के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 53 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read दिल सचमुच आनंदी मीर बना। जब सात रंग मिल एक हुए, जल गई फाॅंस मन धीर बना। उड़ता गुलाल भी थिरक-थिरक, ऋतुनाथ-नेह गह हीर बना। रोमांच रोंगटे खड़े हुए,तन सुह्रद -रंगमय चमन हुआ। अनुपम प्रहलाद-प्रीति... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 147 Share Shutisha Rajput 20 Feb 2024 · 1 min read जरूरी हैं रिश्ते कितना आसान होता है, रिश्ते बनाना और तोड़ना। उतना ही मुश्किल होता है, इन्हें बनाना और जोड़ना। ये सभी विश्वास पर टिके होते हैं, बिना विश्वास के ये तिनके ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 70 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read खींचो यश की लम्बी रेख। 'नायक' अपनी छवि को देख। लिखो आप मानवता लेख। छोड़ ईर्षा-भ्रम का थैला। खींचो यश की लम्बी रेख। पं बृजेश कुमार नायक Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 1 145 Share विजय कुमार अग्रवाल 20 Feb 2024 · 1 min read कोशिश कोशिश करना काम है तेरा, कोशिश करके ही हल निकलेगा। आज यदि तू रहा असफल,फल आज नहीं तो कल निकलेगा।। कर इतनी मेहनत तू धरा पर,तेरी मेहनत से जो पसीना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 120 Share Roopali Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम............ ना अल्फाज़ों का मोहताज़ ना ख़ामोशी का ग़ुलाम गुफ़्तगू से परे है प्रेम । ना तारीखों का गुलदस्ता ना तोहफ़े का फूल यादगार् पलों का बागीचा है प्रेम ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 58 Share Shutisha Rajput 20 Feb 2024 · 1 min read होली आओ सुनाए तुम्हें होली की कहानी, जिसमें जली थी होलिका अभिमानी। ले प्रहलाद को आग में, बैठी थी वो अनजानी। जल गई स्वंय ही और, ख़तम हो गई उसकी कहानी।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 82 Share Shutisha Rajput 20 Feb 2024 · 1 min read रंगीन सी जिंदगी घड़ा बनाकर पटकने से पहले, उसमें पानी तो भर जाने दो। इस हसीन जिंदगी के खत्म होने, से पहले इसमें प्यार का रंग तो चढ़ जाने दो। बसंत तो आती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 55 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #वासंती बयार# इठलाती, मदमाती आई सखि ऋतु वसंत बौराई कलियों पर छाया तरूणाई का रंग , वासंती चुनर ओढ़े, प्रकृति की निखरी छटा लहराती पवन चली, सुरभित है दिग-दिगंत। गूंज उठी अमराई,... Poetry Writing Challenge-2 1 113 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #मेरी डायरी# कुछ पन्ने पलटे आज डायरी के कुछ फलसफे मिले जिंदगी के, कुछ लम्हे बचपन के निकले और कुछ बेपरवाह नादानियों के, कहीं कुछ मखमली सी यादें थी तो कुछ रेशम... Poetry Writing Challenge-2 1 102 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read सत्रहवां श्रृंगार कुछ लड़कियां दिखावटी दुनिया से अलग चमक-दमक से दूर रहती हैं। खुद को सजाने-संवारने पर ज्यादा वक्त नहीं लगाती हैं। अपने घुंघराले बालों को आजाद (खुला) छोड़ देती हैं नयनों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 102 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #शबाब हुस्न का# तेरी हर अदा, जैसे लचकते फूलों की डालियां, तेरे महकते गेसुओं की लटें जैसे सावन की काली घटाएं तेरे सुर्ख लबों पर ये तबस्सुम जैसे आफताब की रोशनी तेरे पायल... Poetry Writing Challenge-2 1 60 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read अंकित मैं प्रेम को पन्नों पर जाया नहीं करना चाहता। अपने अहसास अपनी भावनाओं व अंतर्मन की बातों को पन्नों पर नहीं बल्कि आपके हृदय पर 'अंकित' करना चाहता हूँ। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 69 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read # वो खत# तुम्हारा खत और वो कार्ड आज भी मेरी डायरी में महफूज़ है खुशनुमा यादों के साथ जो तुमने मुझे पहली बार भेजा था, कैसे भूल सकती हूं तुम्हारे भेजे उस... Poetry Writing Challenge-2 62 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read अमर काव्य लेखन वह,जो राष्ट्रहित सजग चेतनाकाश- देकर,बने सु प्रीति सह मातृभूमि उल्लास। सहजरूप गह, दिव्यता का छू ले उत्कर्ष। अमर काव्य हर हृदय को दे सद्ज्ञान-प्रकाश। पं बृजेश कुमार नायक Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 197 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #कस्मे-वादें # कोई सागर इन आंखों में आता नहीं कोई नज़ारा इन आंखों को भाता नहीं, दुनिया के मेले में मिले तो कई रहगुजर कोई बढ़ के हाथ थाम ले,ऐसा नज़र आता... Poetry Writing Challenge-2 123 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read विभेद दें। आत्मशुद्धिमय सजग सिपाही बनकर युवजन लक्ष्य भेद दें। बिना जागरण के स्वदेश को,भार और तम द्वंद्व खेद दें। समझ न सकें राष्ट्र की पीड़ा, कैसे कह दें सद्ज्ञानी हैं। सुप्त... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 1 180 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना। जनम लेकर,खेल सह सद्भावना। युवावस्था प्यार की संभावना। बुढापे में ज्ञान आया,तन झुका। ढ़ल गया सूरज बिना प्रस्तावना। पं बृजेश कुमार नायक Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 190 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #घरौंदा# आंखों में बसा एक सपना जो कभी बंद पलकों में बुना था, चाहा था एक ऐसा घरौंदा बनाना जिसमें दिलों की बंद खिड़कियां, किसी की गुनगुनाहट से खुलती हों, जहां... Poetry Writing Challenge-2 51 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read दिव्य बोध। जो जाग्रत वह ज्ञान गहेगा, सुप्त क्रोध को। बनकर मन का दास,पाल मत दुख -अबोध को। सहजरूप गह गर्दभ से भी ज्ञान मिलेगा। कह 'बृजेश' सच,पकड़ो अनुपम दिव्य बोध को।... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 175 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read प्रेम जीवन धन गया। बुढ़ापा अनुभव से सीखा,हॅंसा ज्ञानी बन गया। नहीं सीखा,भ्रमित हो, माया में निश्चय सन गया। सीख लेते वही जन नायक बनें "नायक बृजेश" जो न सॅंभले, दुख में डूबे, प्रेम... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 227 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता। जो नर-मन खुशमिजाजी का सुघड़ अंदाज बन जाता। उसी जीवन में आनंदी भरा गुणराज आ जाता। न जाने आगे-पीछे का, निरंतर आज में रहकर। सदा बढ़ता है वह 'नायक' अमल... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 164 Share VINOD CHAUHAN 20 Feb 2024 · 1 min read अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है अरे कोई बताएगा-क्या कोई बताएगा कहीं महफ़िल तो कहीं ये तन्हाई क्यों है अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑......... कौन किसका क्या ले जाता है झूठा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 131 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read हृदय वीणा हो गया। जल उठे साथी, तो मेरा सीना चौड़ा हो गया। ज्ञानी -गुरु की चौखट औ श्रम का पसीना हो गया। सुबोध की चाहत में जागृत भाव से आगे बढा । समय... Poetry Writing Challenge-2 · पं बृजेश कुमार नायक के मुक्तक 188 Share VEDANTA PATEL 20 Feb 2024 · 1 min read *** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! *** "" तुम उगना चाहते हो... और मैं बढ़ना चाहता हूँ...! तुम एक से अनेक... और मैं केवल संवरना चाहता हूँ...! तुम और मैं... हैं एक ओस-बूंद की तरह...! हम मिलेंगे,... Poetry Writing Challenge-2 1 138 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं। बैरी से भी ज्ञान ग्रहण कर लेता हूॅं। अमल भाव में चार चरण कर लेता हूॅं। दुख में भी है बोध,सजग 'नायक' बनकर। मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं। पं... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 1 193 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read कहाॅं तुम पौन हो। निज गिरेवाॅं झाॅंक, जानो कौन हो। अहंकारी या सहजता गोन हो। सूत्र कहता स्वयं को पहचान कर, जो बढ़ोगे, फिर कहाॅं तुम पौन हो। पं बृजेश कुमार नायक Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 231 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #हौसले# इस रंग बदलती दुनिया में, कुछ यूं भी करना पड़ता है, रंजो-गम लाख हों ,झूठी मुस्कुराहटों का लबादा ओढ़ना पड़ता है, जिंदगी तेरी हर अदा से वाकि़फ हैं कुछ इस... Poetry Writing Challenge-2 1 69 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read ज्ञानमय नहीं मोह-ग्रस्त बन। चेत-सूर्य मस्त बन। आत्मा को जानकर। ज्ञान -प्रेम भक्त बन। बोध की सु गोन है। सहज और मौन है। 'नायक' वह ज्ञानमय। कहीं से न पौन है।... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 195 Share Nmita Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read कविता *लेखनी* शब्दों की गागर में भावों का सागर रखती छुपाए सदा लेखनी कल आज कल में जीवन के पल में अंतर बताती सदा लेखन। बन करके साथी रहती है संग... Poetry Writing Challenge-2 1 153 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read सुबुधि -ज्ञान हीर कर रो मत जग-पीर पर। सुबुधि -ज्ञान हीर कर। आत्म-सुख लिखो स्वयं, निज उर - तकदीर पर। पं बृजेश कुमार नायक Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 170 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 20 Feb 2024 · 1 min read మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము రాఘవేంద్రుని మహా దివ్య క్షేత్రము.. మహిమ గల మందిరము మంత్రాలయము.. భక్తి శక్తి కి నిలయం మంత్రాలయము.. గురు రాయుని బోధనలు మంచి కి మార్గం. మూల రాముని భజనలు ముక్తి కి మార్గం. శాంతి... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 1 142 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read वसंत गीत है वसंत का ऋतुओं के कंत का, बौराई अमराई, झूमने लगा है मन, प्रकृति ने रचा रास, मन में बाजे मृदंग, कर सिंगार रितुराज ,दहका है पीत रंग, ओढ़... Poetry Writing Challenge-2 39 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 20 Feb 2024 · 1 min read గురు శిష్యుల బంధము గురు శిష్యుల బంధము చందనం లోని సుగంధం నది పైన వారధి... రాతి లోని శిల్పం... వృక్షం పైన ఫలం ... శిష్యులపై గురువుకు ఉండేది.. అనురాగపు ప్రేమ.. రాబోయే ఆశయం.. సాధించే సాధకుడు.. చరిత్రను సృష్టించే వీరుడు.. గురువు పై... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 1 113 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #वो अजनबी# ये शहर बहुत अजनबी लगता था तेरे बिना पर ,तुझसे मिलकर, ये मौसम गुलाबी हो गया, जब भी गुज़री कोई शाम तेरे साए में ऐसा लगा, समां फिर से गुलज़ार... Poetry Writing Challenge-2 63 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2024 · 1 min read फूल राष्ट्रहित सु नेक बन। दिव्य ज्ञान -टेक बन। भारत -उद्यान के, फूल हॅंसें एक बन। नेहरूप चूल हूॅं। आनंदी मूल हूॅं। जागरण सु तूल बन, हॅंसूं, क्यों कि फूल हूॅं।... Poetry Writing Challenge-2 · नायक जी के मुक्तक 146 Share Nmita Sharma 20 Feb 2024 · 1 min read कविता *प्रकृति* इन हवाओं में जहर क्यों बह रहा है जाने अन्जाने में हम से कह रहा है ओ मनुजअब भी संभल जा है समय प्रकृति का हर तत्व वरना ढह... Poetry Writing Challenge-2 90 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 20 Feb 2024 · 1 min read అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి. అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి. అందమైన అక్షరమాలను అంతం చేయడానికి వచ్చింది ఈ అందమైన పూతతో ఈ ఆంగ్ల చెదలు. తుమ్మెద, పువ్వులోని మకరందం ను తాగేసినట్టు, తెలుగు నేలలో తెలుగు ను నాశనం చేస్తుంది ఈ... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 106 Share Previous Page 15 Next