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20 Feb 2024 · 1 min read

कविता

लेखनी
शब्दों की गागर में भावों का सागर
रखती छुपाए सदा लेखनी
कल आज कल में जीवन के पल में
अंतर बताती सदा लेखन।
बन करके साथी रहती है संग में
जिसने भी इसका रखामान है
सपनों का संसार जीने की हर राह
जो चाहो बताये सदा लेखनी।
जादू है इसके हर हर्फ में
जो लिखा बना वो अमिट काल तक
मन की छवि को उकेरे हूनर से
जो सोचो दिखाएं सदा लेखनी।
मेले अकेले में सुख और दुख के रेले में
जिसने इसे हमसफ़र चुन लिया
दुनिया की परवाह क्या वह करे
जिसकी दुनिया बसाये सदा लेखनी।
ताकत से करती हुकूमत सभी पर
अजर और अमर जिसकी पहचान है
जीना सिखाए जग को जगाये
दुख में हँसाये सदा लेखनी ।

नमिता शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 100 Views
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