Posts Poetry Writing Challenge 305 authors · 6200 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 24 Next Bharti Das 12 Jun 2023 · 1 min read पुष्प वृक्ष के ह्रदय का आनंद होता पुष्प उल्लास अभिव्यक्ति का आवाज होता पुष्प पवित्र भावनाओं का प्रतीक होता पुष्प सुकोमल संवेदना का चित्र होता पुष्प कहता है सुमन हे श्रेष्ठ... Poetry Writing Challenge · कविता 2 151 Share Anjana banda 12 Jun 2023 · 1 min read मेरे छिनते घर मत पूरी करो हर आस मेरी पर मुझको भी जीने दो निहारे आँखे इक विश्वास भरी मत मारो कुछ दिन तो और जीने दो क्षमा कर दो अपराध मेरे सीमा... Poetry Writing Challenge · Save Animals · कविता 175 Share Srishty Bansal 12 Jun 2023 · 1 min read एक कतरा प्यार दादी, मेरा सिर, और आपका हाथ हो। होठों पर आपके, मेरे लिए प्यारा- सा एक आशीर्वाद हो। मुझे देख प्यार से मुस्कुराना, मेरी छोटी-छोटी कामयाबियों पर लगे लगाना। आपका और... Poetry Writing Challenge · कविता 184 Share Bharti Das 12 Jun 2023 · 1 min read वो पाठशाला कहाते हैं देवमंदिर के प्रांगण जैसे श्रद्धावत शीश नवाते हैं, जीवन-पाठ जहां पर पढ़ते वो पाठशाला कहाते हैं. हर दिन कुछ नया सिखाते शिष्टाचार समझाते हैं, अनुशासन की सीख से सारे सदाचार... Poetry Writing Challenge · कविता 123 Share Srishty Bansal 12 Jun 2023 · 1 min read तन्हां जो छोड़ जाओगे तो... तन्हां जो छोड़ जाओगे, तो महफ़िल बनाएंगे। काली रात दे जाओगे, तो तारों की बारात सजाएंगे। आंसू दे जाओगे, तो हरियाली बरसाएंगे। अंधेरा दे जाओगे, तो जूगनुओं को बुलाएंगे। कांटे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 189 Share Srishty Bansal 12 Jun 2023 · 1 min read आशियाना तुम्हारा भटक रहे थे हम, एक सुकून भरे आसरे के लिए, तो उनके दिल का पता चला। दिल तो हमारा तब टूटा, जब उनके दिल में कोई और था, एक ज़िद्दी... Poetry Writing Challenge · कविता 249 Share Srishty Bansal 12 Jun 2023 · 1 min read ❤️सिर्फ़ तुझे ही पाया है❤️ ❤️तेरी तस्वीरों को मैंने अपने दिल के चार दीवारों पर लगाया है ।❤️ ❤️दुनिया से दूर तेरे साथ एक नया संसार बसाने का सपना सजाया है ।।❤️ ❤️तेरे ख़्वाबों से... Poetry Writing Challenge · कविता 2 179 Share Srishty Bansal 12 Jun 2023 · 1 min read मेरा सुकून.... ❤️तेरा दिल , मेरा सुकून । तेरे ख़्वाब , मेरा सुकून ।।❤️ ❤️तेरी बातें , मेरा सुकून । तेरी आँखें , मेरा सुकून ।।❤️ ❤️तेरी हँसी , मेरा सुकून ।... Poetry Writing Challenge · कविता 256 Share Srishty Bansal 12 Jun 2023 · 1 min read नहीं हूं... 🖤मेरी खताओं से रूबरू करा दो मुझे , मैं अपने गुनाहों से वाक़िफ नहीं हूं ।🖤 🖤गुनहगारों को गवाह नहीं मिलते हैं , मैं अपने गुनाहों की वकील नहीं हूं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 165 Share Srishty Bansal 12 Jun 2023 · 1 min read बहुत देखें हैं.. मैं सबको ज़िंदगी इसलिए देती हूं , क्योंकि मैंने मरते हुए लोग बहुत देखें हैं । मैं सबके चेहरे पर मुस्कान इसलिए बनाए रखती हूं , क्योंकि मैंने गम बहुत... Poetry Writing Challenge · कविता 178 Share Srishty Bansal 12 Jun 2023 · 2 min read ये पल आएंगे आज नहीं , तो कल आएंगे ! बहुत याद हमें ये पल आएंगे । आएंगे ये , ज़हन में समा जाएंगे । समाएंगे ये , दिल में बस जाएंगे ।... Poetry Writing Challenge · कविता · स्कूल की यादें 193 Share Bodhisatva kastooriya 12 Jun 2023 · 1 min read किसान मै दीन हीन जर्जर किसान, धन की मादक्ता क्या जानू? मै कुटियों मे रहने वाला, महलों का स्वादन क्या जानू?मै दीन.... रूखी-सूखी बासी रोटी खाऊ, पिज़्ज़ा-बर्गर सब क्या जानू?मै दीन....... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत 1 182 Share Anjana banda 12 Jun 2023 · 1 min read पुलवामा14 फरवरी ये गुलाब उनके लिए जो अब नही रहे ।।।।।।। खून बह रहा है रगों में इसलिए खौला जा रहा है सही सलामत हूँ इसीलिए कलेजा मुँह को आ रहा है... Poetry Writing Challenge · अमर शहीद · देश के जवान · हिंदुस्तान 1 118 Share Srishty Bansal 12 Jun 2023 · 1 min read कोई चोर है... मेरे दिल को ले गया वो , ज़रूर कोई चोर है ! ज़िंदगी को भर दिया उसने रंगों से , शायद कोई मोर है ! ढलना सिखाया नहीं मुझे उसने... Poetry Writing Challenge · Love Lines · Romantic Shayari 169 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read गुनाहों की गौद मे पलता रहा इंसान गुनाहों की गौद मे पलता रहा इंसान सदी दर सदी यूहीं ढलता रहा इंसान मिट्टी के कीड़ों ने हड्डियां भी न छोड़ीं कब्र के अंधेरों मे गलता रहा इंसान चीख... Poetry Writing Challenge 104 Share Kishore Nigam 12 Jun 2023 · 1 min read (2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा ! ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा ! नव- विचारों के विहग नव, नित उड़ें उन्मुक्त होकर चटक रंगों से रँगे पंखों सहित बल खा रहे हों तू इन्हें उल्लास... Poetry Writing Challenge 2 192 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read मंजूर था 1- शीर्षक- मंजूर था पतझड़ में पत्तों का झर जाना शायद यही मंजूर था। खो के अस्तित्व खुद में सिमट जाना शायद यही मंजूर था। कभी जो सजते थे शाखों... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 143 Share Anjana banda 12 Jun 2023 · 1 min read अभी कुछ बाकी है जिंदगी में न जाने कितने मुकाम हासिल हुए फिर भी लगता है कि कहीं कुछ बाकी है सूरज तो निकल चुका है तय समय पर मन का अंधकार मिटे ऐसा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 90 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read मन की दूरी मन से है क्यूँ मन की दूरी, संग हूँ पर है क्या मज़बूरी। रह गए अनकहे कितने प्रश्न, होगी कब मेरी साध ये पूरी। नित भावों का घिर-घिर जाना, उमड़-घुमड़... Poetry Writing Challenge · कविता 1 124 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read जहन मे सौ सौ बार आया था वो जहन मे सौ सौ बार आया था वो हर बार मगर लगता साया था वो उसे दिल में बसा रखा है अभी भी किस मुँह से कहोगे पराया था वो... Poetry Writing Challenge 1 1 108 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read मसरूफ़ मसरूफ इस कदर है वो वक़्त खैरियत का भी नहीं ये दिल्लगी अच्छी भी है और नागवार भी।। चंद रोज़ हैं ज़िन्दगी के क्या उन्हें पता नहीं अनजान बनना ठीक... Poetry Writing Challenge · कविता 144 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read रात ने खबर दी है रात ने खबर दी है बहुत हो चुकी है भागमभाग दिन भर की आओ मेरे आगोश में खो जाओ भुला दो तपन दिन की सो जाओ सुकूँ की नींद छुपा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 77 Share Anjana banda 12 Jun 2023 · 1 min read शिक्षिका बचपन में जब देखा करती थी पास की बहन जी को, किसी का ब्लाउज और किसी की साड़ी चप्पल भी एडी से घिसी थी बेचारी चेहरे पर थी तीन कोस... Poetry Writing Challenge · Kavita · Proud To Be Teacher · Teachers 147 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read नदी की आत्मकथा शीर्षक -नदी की आत्मकथा मैं नदी हूँ। मैं निरन्तर चलती हूँ। प्रस्तरों से,कंटको से, पथरीली धरा पर, बहती हूँ। मैं नदी हूँ। मेरे अनेकानेक नाम हैं। किसी ने गंगा कहा,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 267 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read उजाले लापता हैं और कोई गवाह नही है बियाबान है जंगल यहाँ कोई सदा नही है दम सा घुटता है अब कहीं भी हवा नही है खमोशी से आकर छा गए सब और अंधेरे उजाले लापता हैं और... Poetry Writing Challenge 131 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read वेदना अंतर में कब से घुले हो या अंतर ही बना है तुझसे क्यों बिना बताए यूँ तुम छुपे रहते हो क्यों नहीं जाते निकल कर मेरे अंतर से वेधते रहते... Poetry Writing Challenge · कविता 1 103 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read जमीं को थामे रखता हूँ तो हाथों से सितारे जाते हैं गली गली हथकड़ियों मे बांध कर गुजारे जाते हैं सलीबों पे मसीहा आज भी टांग कर मारे जाते हैं खुद्दारों की लाशों पे पहले भरपूर नुमाइश होती है एक अरसे... Poetry Writing Challenge 148 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read अंतर में तुम अंतर में कब से घुले हो या अंतर ही बना है तुझसे क्यों बिना बताए यूँ तुम छुपे रहते हो क्यों नहीं जाते निकल कर मेरे अंतर से वेधते रहते... Poetry Writing Challenge · कविता 1 107 Share Shalini Mishra Tiwari 12 Jun 2023 · 1 min read अस्तित्व मेरा होना न होना एक जैसा होने में न होने का एहसास फिर भी चलती है जिंदगी निर्बाध किसी अनदेखे मुकाम की तरफ मालूम है है कुछ भी नहीं मिलेगा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 91 Share Rajesh vyas 12 Jun 2023 · 1 min read बदलाव की बयार है __ आजकल जिधर देखो बदलाव की बयार है। पैसे है तो प्यार नही तो कोई नही यार है।। अपनी गाएंगे _ सुनेंगे नही तुम्हारी किसी की। आत्म प्रशंसा का ही तो... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 1 146 Share Kishore Nigam 12 Jun 2023 · 1 min read (1) मैं जिन्दगी हूँ ! मैं उफनती धार हूँ , मैं जिन्दगी हूँ ! मैं नहीं साहिल , हूँ मैं मझधार , मैं बस जिन्दगी हूँ ! डूबता सूरज नहाकर मेरे जल में, फिर उठेगा... Poetry Writing Challenge 1 168 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read दबाव नही रक्खा कब जले कब बुझे कुछ याद नही रक्खा हमनें चरागों पर कभी दबाव नहीं रक्खा अपनी हैसियत में जिंदगी गुजर बसर की अनमोल चीजों पर अपना हाथ नहीं रक्खा वो... Poetry Writing Challenge 170 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read कश्तियों के समुंदर मे उतर जाने के बाद कश्तियों के समुंदर मे उतर जाने के बाद काफिला पलटता नही गुजर जाने के बाद अपने गुनाहों की तौबा कर चुका हूँ अब मुश्किल है बिगड़ना सुधर जाने के बाद... Poetry Writing Challenge 106 Share Vandna thakur 12 Jun 2023 · 1 min read भरी महफिल एक आकर्षण सा था, उसके चेहरे में वह चेहरा हमें भा सा गया था, अब सोच तो इस बात की थी , चेहरे पर तो चले गए पर उसके दिल... Poetry Writing Challenge · कविता 226 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 Jun 2023 · 1 min read मैं स्वयं को भूल गया हूं जीवन की आपा धापी में, निज कदमों से दौड़ रहा हूं। प्रारब्ध और निज कर्म धरा पर, जन्म जन्म से भोग रहा हूं।। कौन हूं मैं? और क्यों आया?, नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता 2 642 Share Vandna thakur 12 Jun 2023 · 1 min read सुधर जाओ तूने ऐसा किया तूने वैसा किया तो नहीं किया तूने वह किया, क्यों आपस में ही हूं लड़ रहे दुनिया वालों । एक ही जन्म मिला है जीवन सुधारने को... Poetry Writing Challenge · कविता 114 Share Vandna thakur 12 Jun 2023 · 1 min read हमने सबको अपनाया हमने सबको अपनाया, पर हमें किसी ने नहीं अपना है शादी करके मां का प्यार बाप का दुलार, सब खोया हमने जा के घर दूसरे। हमने सबको अपनाया, पर हमें... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1 473 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read मन मे फालतू के सवाल लिए फिरता है झूठा दबदबा झूठा रूआब लिए फिरता है वो फसादी है नया टकराव लिए फिरता है भला समंदर भी किसी ने उलीचा है कभी मन मे फालतू के सवाल लिए फिरता... Poetry Writing Challenge 233 Share Vandna thakur 12 Jun 2023 · 1 min read इल्जाम इल्जाम तो हर कोई लगाता है, पर अपनी गलती को क्यों नहीं मानता है। हां हमने तुमसे निस्वार्थ प्रेम किया, तुमने उस काबिल ना समझा। अरे हां मैं भूल गई... Poetry Writing Challenge · कविता 1 268 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 2 min read पतग की परिणीति आकाश के आंचल में पवन की ले बलैया उड़ती हुई पतंग बस एक पतंग नही है जीवन का एक व्यापक दर्शन और संदेश है। वह निर्द्वन्द उड़ती प्रतीत होती है... Poetry Writing Challenge 264 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read चाहत की गर्मी मे जलते क्यों नही चाहत की गर्मी मे जलते क्यों नही प्यार का मौसम है बदलते क्यों नहीं बहुत कहते थे मीलों चल सकता हूँ अब रूक क्यों गये चलते क्यों नहीं देखो ये... Poetry Writing Challenge 215 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read मां, तेरी कृपा का आकांक्षी। हे हंसवाहिनी ! ज्ञान दायिनी ! अज्ञानता हरो तुम मेरी, जीवन – ज्योति जला हिय में तम दूर करो तुम तो मेरी। आज तूलिका शिथिल हुई है इसको आलस ही... Poetry Writing Challenge 276 Share Vandna thakur 12 Jun 2023 · 1 min read अंत समय जीवन के चंद सांस की घड़ियों में आखिरी घड़ी में कुछ ऐसा काम करो कि रिश्ते नाते छोड़ कर मोह माया को त्याग कर ईश्वर का नाम लेकर के मरो।... Poetry Writing Challenge · कविता 278 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read तूने जो कही थी मन मे वो बात दबी है अबतक अबतक तूने जो कही थी मन मे वो बात दबी है अबतक दिन के उजालों के पांव तले रात दबी है अबतक अछूतों से मतलब की वो बात तो हंसकर... Poetry Writing Challenge 93 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read अंजुली स्नेह सिंचित अंजुली आकांक्षायें है सिमटी हुई, निष्काम भाव से चल पड़ा जहाँ भाग्य ने सोचा वहीं। साक्षी अतिरेक कर्म का संघर्षमय जीवन मेरा, सतत सोचता हूँ भाग्य ने मेरे... Poetry Writing Challenge 64 Share नेताम आर सी 12 Jun 2023 · 1 min read (ब्यंग्य) हमसे दोस्ती कर लिजिए पाक की सौगात है, आतंकवाद। लोग कर रहे हैं,परिवार का श्राद। हम हाथ जोड़े खड़े हैं, चरणों में पड़े हैं, हमसे दोस्ती कर लिजिए। हमसे दोस्ती . . . .... Poetry Writing Challenge · कविता 1 75 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read बस इतनी सी चाह बस इतनी सी चाह भगवन धरा स्वर्ग फिर बन जाये त्याग भेद भाव सब जन पुनः एक दूसरे के हो जाय। कितने धर्म व कितने पंथ मानव का घुट रहा... Poetry Writing Challenge 85 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read उधार की जिंदगी मन है कहीं और ही बसता तन उदास है मधुवन में , जीवन अब उधार सा लगता कान्हा अब तेरे उपवन में । बेशक राधा के हुए नहीं मीरा भी... Poetry Writing Challenge 83 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read स्वप्न व यथार्थ निकट से यह जीवन यथार्थ ही लक्षित है, परे यह बस स्वप्न ही सर्वदा परिलक्षित है। भ्रम जैसे क्षितिज के ऊपर आकाश का है, आकाश के ऊपर भी बस एक... Poetry Writing Challenge 74 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 12 Jun 2023 · 1 min read मृत्यु प्रेयसी बनी हमारी लम्हा लम्हा शाम ढल रही रफ्ता रफ्ता सांस घट रही सरक रहा जीवन ये रेत सा मोह हमारी भंग हो रही। बढ़ती रही उमर हमारी जन्मदिवस हम रहे मनाते, पैर... Poetry Writing Challenge 87 Share Previous Page 24 Next