Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

अभी कुछ बाकी है

जिंदगी में न जाने कितने मुकाम हासिल हुए
फिर भी लगता है कि कहीं कुछ बाकी है
सूरज तो निकल चुका है तय समय पर
मन का अंधकार मिटे ऐसा सवेरा होना अभी बाकी है
उठ तो रोज ही जाते हैं इस आपाधापी की जिंदगी में
आंखें खुले तो मन की ,इसलिए जागना अभी बाकी है
फोन नोटिफिकेशन में ध्यान रहता है दिन भर
खुले आकाश के नीचे फुर्सत से चहचहाट सुनना अभी बाकी है
सबको पता है कि बस चल रही हैं कट रही है जिंदगी
फिर हम दौड़कर क्यों पीछे छोड़े जा रहे हैं उसे
मुस्कुराहट के जो छोटे-छोटे पल मिले
बड़ी खुशियों की आशा में उन्हें अनदेखा किए जा रहे हैं
सभी को देख कर मुस्कुरा देते हैं बस खुद को देख कर मुस्कुराना अभी बाकी है
क्या गजब का हुनर दिया है मालिक ने सब में बुराइयां देखने का
आंखों को देखकर सच्चाई पढ़ सके यह कला सीखना अभी बाकी है
बहुत डूब लिए इच्छाओं के समंदर में
सुकून के लिए बस बाहर निकलना अभी बाकी है
जन्म तो ले चुके बरसों पहले इंसान के रूप में
आत्मा से हो जाऊं मैं भी इंसान यह जतन अभी बाकी है

Language: Hindi
1 Like · 67 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"बुराई की जड़"
Dr. Kishan tandon kranti
सम्मान करे नारी
सम्मान करे नारी
Dr fauzia Naseem shad
स्वीकारा है
स्वीकारा है
Dr. Mulla Adam Ali
यश तुम्हारा भी होगा।
यश तुम्हारा भी होगा।
Rj Anand Prajapati
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
Ravi Prakash
आपस की गलतफहमियों को काटते चलो।
आपस की गलतफहमियों को काटते चलो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हम हैं कक्षा साथी
हम हैं कक्षा साथी
Dr MusafiR BaithA
आडम्बर के दौर में,
आडम्बर के दौर में,
sushil sarna
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जब भी अपनी दांत दिखाते
जब भी अपनी दांत दिखाते
AJAY AMITABH SUMAN
12. घर का दरवाज़ा
12. घर का दरवाज़ा
Rajeev Dutta
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
"मन मेँ थोड़ा, गाँव लिए चल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"जुबांँ की बातें "
Yogendra Chaturwedi
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
आज मैया के दर्शन करेंगे
आज मैया के दर्शन करेंगे
Neeraj Mishra " नीर "
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
Neelam Sharma
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
नेताम आर सी
"प्यासा" "के गजल"
Vijay kumar Pandey
लोग दुर चले जाते पर,
लोग दुर चले जाते पर,
Radha jha
" हर वर्ग की चुनावी चर्चा “
Dr Meenu Poonia
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
फागुनी धूप, बसंती झोंके
फागुनी धूप, बसंती झोंके
Shweta Soni
■ जय ब्रह्मांड 😊😊😊
■ जय ब्रह्मांड 😊😊😊
*प्रणय प्रभात*
“ इन लोगों की बात सुनो”
“ इन लोगों की बात सुनो”
DrLakshman Jha Parimal
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...