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305 authors · 6221 posts
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कीमत
कीमत
Umender kumar
मजदूर की व्यथा
मजदूर की व्यथा
Umender kumar
“वक्त“ मत दो मुझे,
“वक्त“ मत दो मुझे,
Umender kumar
हम तो खाली हाथ थे
हम तो खाली हाथ थे
Umender kumar
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
मुर्दों के जज़्बात
मुर्दों के जज़्बात
Umender kumar
जीवनसंगिनी की याद
जीवनसंगिनी की याद
Umender kumar
" जी लो यारों
Kamini Khurana
विरानो से निकलकर
विरानो से निकलकर
Umender kumar
टूटा दिल
टूटा दिल
Umender kumar
मेरी बेचैनी
मेरी बेचैनी
Umender kumar
अपनों की भूख का डर
अपनों की भूख का डर
Umender kumar
तेरी महफिल
तेरी महफिल
Umender kumar
ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
Umender kumar
तेरा अक्स
तेरा अक्स
Umender kumar
नियति!
नियति!
Priya princess panwar
तेरा ख्वाब
तेरा ख्वाब
Umender kumar
मां
मां
Umender kumar
तेरी याद
तेरी याद
Umender kumar
“पापा आप बहुत याद आते हो”
“पापा आप बहुत याद आते हो”
Umender kumar
हम पत्थर हैं
हम पत्थर हैं
Umender kumar
पिता की अस्थिया
पिता की अस्थिया
Umender kumar
जमाने से क्या शिकवा करें बदलने का,
जमाने से क्या शिकवा करें बदलने का,
Umender kumar
जीने का हुनर
जीने का हुनर
कृष्ण मलिक अम्बाला
अनुभव की माला
अनुभव की माला
कृष्ण मलिक अम्बाला
बोलो बेटों बताओ बेटों
बोलो बेटों बताओ बेटों
कृष्ण मलिक अम्बाला
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
कृष्ण मलिक अम्बाला
दुनियां बताए अपने गम __ कविता
दुनियां बताए अपने गम __ कविता
Rajesh vyas
घूर
घूर
Dr MusafiR BaithA
जागरूक हों आज के अंधियारे युग में
जागरूक हों आज के अंधियारे युग में
कृष्ण मलिक अम्बाला
34. मानवता की आवाज
34. मानवता की आवाज
Dr. Man Mohan Krishna
हर माँ से है गुजारिश
हर माँ से है गुजारिश
कृष्ण मलिक अम्बाला
जीवन हमारा रैन बसेरा
जीवन हमारा रैन बसेरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
औरत की हँसी
औरत की हँसी
Dr MusafiR BaithA
अतीत के सपनों का देखा
अतीत के सपनों का देखा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
रिम झिम रिम झिम वर्षा आई…
रिम झिम रिम झिम वर्षा आई…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
घर
घर
Dr MusafiR BaithA
तुम मेरी क्या हो ?
तुम मेरी क्या हो ?
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
याद आए दिन बचपन के
याद आए दिन बचपन के
Manu Vashistha
आया मौसम बरसात का
आया मौसम बरसात का
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
कैलेंडर नया पुराना
कैलेंडर नया पुराना
Dr MusafiR BaithA
निस्वार्थ प्रेम का नाम है पापा
निस्वार्थ प्रेम का नाम है पापा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
*मन का समंदर*
*मन का समंदर*
Sûrëkhâ Rãthí
18. तेरी जिंदगी से बहुत दूर चले जाना है
18. तेरी जिंदगी से बहुत दूर चले जाना है
Dr. Man Mohan Krishna
लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी
लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी
Dr MusafiR BaithA
सजना मेरे आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तुम
तुम
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
कभी कम न हो…
कभी कम न हो…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
रूठी प्रियसी
रूठी प्रियसी
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तुम्हारा विश्वास न था
तुम्हारा विश्वास न था
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
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