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15 Jun 2023 · 1 min read

सजना मेरे आजा रे…

आजा रे…आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…
तुझे प्रीत के गीत बुलाएं
तू कहां छिपा रे
आजा रे…आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…
खुशी के दिन प्रीत के क्षण
वो अक्सर याद आते है
आजा रे…आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…
कैसे भुलाऊं उन दिनों को
वो अक्सर याद आते है
आजा रे…आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…
तुम्हारा रूठ कर जाना, मेरा मनाना
वो अक्सर याद आते है
आजा रे…आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…
हाथों में हाथ, मुलाकात
वो अक्सर याद आते है
तुम तो मेरे सबकुछ हो
भुलाऊं कैसे उन्हे
आजा रे…आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…
प्यारे से नयनों के दपर्ण
तुम्हारा रूठ कर जाना
न फिर मिलना
वो अक्सर याद आते है
आजा रे…आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…

नाम-मनमोहन लाल गुप्ता
मोबाइल-9927140483

Language: Hindi
1 Like · 231 Views
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Books from मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
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