Rita Singh Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read मानव तुम कौन हो मानव तुम कौन हो ? मानव तुम कौन हो ? क्या तुम माँ के गर्भ में पले उस भ्रूण का केवल विकसित रूप हो जो ईश्वर प्रदत्त एक निश्चित आकृति... Poetry Writing Challenge · कविता 4 239 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read नत मस्तक हुआ विज्ञान नत मस्तक हुआ विज्ञान आज प्रकृति के आगे , प्रदूषण की है मार पड़ी कहाँ जाएँ मनुज अभागे । साँस लेना हुआ दूभर प्राण वायु नखरे दिखाए, बता दो ऐ... Poetry Writing Challenge 2 478 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 2 min read माला के जंगल कुछ तपस्वी से लगते हैं शांत भाव से तप करते हैं हरे भरे तरोताजा से प्रफुल्लित मन खड़े रहते हैं । कुछ बुझे - बुझे मुरझाये से हैं कुछ झाड़... Poetry Writing Challenge 2 301 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read आओ रोपें एक तरू हम आओ रोपें एक तरू हम अपनी प्यारी सुता के नाम सींचें उसको नेह नीर से आएगा वह सभी के काम । नेह नीर से सिंचित तरुवर बेटी जैसी चिन्ता करते... Poetry Writing Challenge 2 240 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read गगन भवन में घन हैं छाए गगन भवन में घन हैं छाए शीतल पवन संग लहराए , तपती धरती के आँचल में हरा भरा संदेशा लाए । तरुवर बाग बाग मुस्काए क्यारी , पौध धान लहराए,... Poetry Writing Challenge 3 1 321 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read तांडव प्रकृति जब करती है तांडव प्रकृति जब करती है विज्ञान अँधेरे में छिप जाता मशीने खड़ी खड़ी रोती हैं आधार उनका भी हिल जाता । आंधी तूफान के रूप में नर्तन हवा जहाँ करती... Poetry Writing Challenge 1 331 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read गूँजे कानन सूना सूना क्या मानव लीला तेरी लील गया तू जंगल सारे , करें रुदन सब वनवासी बचे नहीं वृक्ष घर हमारे । घूमें गज हरि सड़कों पर खोजें जल भोजन बेचारे, भटक... Poetry Writing Challenge 2 208 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read सावन ने खोले पट अपने सावन ने खोले पट अपने मेघों ने डेरा है डाला , घुमड़ घुमड़ कर दे दी आहट , बरस उठा वो घन मतवाला । भीगे हैं वन ,भीगे उपवन भीग... Poetry Writing Challenge 2 1 298 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read सजी धरा है सजा गगन है सजी धरा है सजा गगन है सज गया सृष्टि का कण कण है रँग बिरंगे पुष्पों की स्मित से मुस्काने लगा जन गण मन है । नवल धवल बने तरु... Poetry Writing Challenge 3 367 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read चैत्र मास के सुंदर जंगल हरे भरे हैं नवल धवल से लगते जैसे धुले धुले से ताजगी लिए मुस्काए से मानो सजकर खड़े हुए हैं जैसे कहीं गमन को आतुर चैत्र मास के सुंदर जंगल... Poetry Writing Challenge 2 229 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read बना माघ है सावन जैसा बसंत ऋतु में मेंघों ने है यह कैसी ताल लगाई है, भोर पहर ही देखो नभ से बरखा भी गाती आई है । रिमझिम रिमझिम गान सुनाती मीठे मीठे भाव... Poetry Writing Challenge 2 174 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read जल बिन सूना है संसार जल जीवन का है आधार जल जग का करता उद्धार । जल सृष्टि का एक उपहार जल से भू पर बनी बहार । जल औषध का एक प्रकार करता रोगों... Poetry Writing Challenge 2 429 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read आयी बसंती सुबह सुहानी आयी बसंती सुबह सुहानी सजी धरा अब बन पटरानी ओढ़ चुनरिया पीत वर्ण की मनहु राज करे महारानी । आयी बसंती सुबह सुहानी ।। उठो सुगंधी पवन चली है कितनी... Poetry Writing Challenge 2 1 161 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read सूरज प्राची से जब झांके सूरज प्राची से जब झांके , धरती पर मुस्काता कौन । खग समूह में पर फैलाये , कलरव गीत सुनाता कौन । धीर गंभीर नील नीरमय, रहा धरा के चरण... Poetry Writing Challenge 316 Share Rita Singh 7 Jun 2023 · 1 min read दहके दिनकर दिनभर अंबर दहके दिनकर दिन भर अंबर धरती तपती बाहर अंदर , कुपित हुई है पवन घूमती लिये तेज लूओं का खंजर । जेठ माह है अकड़ दिखाता घुमा रहा गरमी का... Poetry Writing Challenge 357 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read कंकड़ पत्थर के जंगल में कंकड़ पत्थर के जंगल में तरुवर छाँव कहाँ से लाऊँ , तपस में तपती मीनारों की कैसे अब मैं तपन मिटाऊँ । पूछ रही नव पीढ़ी मेरी कैसी होती छाँव... Poetry Writing Challenge 3 1 467 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read बोली चिड़िया डाली डाली बोली चिड़िया डाली डाली उपवन की कर लो रखवाली , पहले शिकार बस मैं ही थी अब पात पात भी चुन डाली । गिन गिन काटे तरुवर सारे लूट लिये... Poetry Writing Challenge 2 326 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read छाया धुंध का राज गगन में छाया धुँध का राज गगन में फैला विष है आज चमन में तरुवर पात सभी मुरझाये मानों झुलसे बड़ी अगन में । झूठे बोल कुहासा आया उसने घेरी भोर अकड़़... Poetry Writing Challenge 1 221 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read वैसाख मास संग अपने बैसाख मास सँग अपने कनक उपहार लाया है , हुआ कण कण है प्रफुल्लित जन मन सब हरषाया है । चमके खेत स्वर्ण – आभ से कृषक हृदय मुस्काया है... Poetry Writing Challenge 1 205 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read चैत्र माह का हैं उपहार नव नव पल्लव सज्जित तरुवर चैत्र माह का हैं उपहार , कोमल कोपल महक डाल पर करती सुरभित पवन बयार । मानो वृक्ष वर बन सँवरकर सेहरे की लड़ियाँ रहे... Poetry Writing Challenge 305 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read गुलमोहर तुम हो शहजादे गुलमोहर तुम हो शहजादे तुमको मेरी राधे राधे , तप्त हवाओं संग खेलते बने बड़े ही सीधे साधे । माथ सुमन सोहें अति सुंदर रंग लाल है बड़ा मनोहर, झुलसे... Poetry Writing Challenge 227 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read अमलतास तरु एक मनोहर तेज ताप पर प्रतिस्पर्धा में जीत सदा ही है वो पाता , पीत वसन में सँवर - सँवर कर जो लहर - लहर है मुस्काता । तप्त हवाओं के स्पर्शों... Poetry Writing Challenge 183 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read क्यों मानव तुम समझ न पाये काट वनों को भवन बनाये क्यों मानव तुम समझ न पाये, ठंडी छाँव गँवाकर है अब अपनी करनी पर पछताये । धूल धुंआ धुंध दानव जैसे अपना पूरा मुख फैलाये,... Poetry Writing Challenge 1 340 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read सर सर बहती हवा कह रही... सर - सर बहती हवा कह रही मत काटो मनुज पँख हमारे , स्वस्थ साँस का स्रोत यही हैं समझो सच जीवन का प्यारे । नहीं रहेंगे विपिन अगर तो... Poetry Writing Challenge 1 284 Share Rita Singh 6 Jun 2023 · 1 min read सूरज हरता जग की कालिमा, करता है उजियार । अग्नि तत्व है जीव को , देता रवि उपहार ।। सूरज नभ से दे रहा , दुनिया को संदेश । उठो उजालों... Poetry Writing Challenge 1 338 Share