Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

चैत्र मास के सुंदर जंगल

हरे भरे हैं नवल धवल से
लगते जैसे धुले धुले से
ताजगी लिए मुस्काए से
मानो सजकर खड़े हुए हैं
जैसे कहीं गमन को आतुर
चैत्र मास के सुंदर जंगल ।

कोमल कोमल पातों वाले
मादक मादक खुशबू वाले
प्यार लुटाते से धरणी पर
बड़े नेहसिक्त हृदय वाले
बड़े सजे से और सँवरे से
चैत्र मास के सुंदर जंगल ।।

हरियाली झोली में लाये
जी भर वसुधा को दे जायें
फर फर करके मन की बातें
मनहु महक संग गीत सुनायें
लगते कितने मोहक मोहक
चैत्र मास के सुंदर जंगल ।।

डॉ रीता सिंह
चन्दौसी सम्भल

Language: Hindi
2 Likes · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोनों की सादगी देख कर ऐसा नज़र आता है जैसे,
दोनों की सादगी देख कर ऐसा नज़र आता है जैसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरा होना...... मैं चाह लेता
तेरा होना...... मैं चाह लेता
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ओ मां के जाये वीर मेरे...
ओ मां के जाये वीर मेरे...
Sunil Suman
पहला सुख निरोगी काया
पहला सुख निरोगी काया
जगदीश लववंशी
एहसास के रिश्तों में
एहसास के रिश्तों में
Dr fauzia Naseem shad
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
नूरफातिमा खातून नूरी
बंद करो अब दिवसीय काम।
बंद करो अब दिवसीय काम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
लम्हों की तितलियाँ
लम्हों की तितलियाँ
Karishma Shah
*करो अब चाँद तारे फूल, खुशबू प्यार की बातें (मुक्तक)*
*करो अब चाँद तारे फूल, खुशबू प्यार की बातें (मुक्तक)*
Ravi Prakash
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
#प्रयोगात्मक_कविता-
#प्रयोगात्मक_कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
गलत चुनाव से
गलत चुनाव से
Dr Manju Saini
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
Vindhya Prakash Mishra
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
शेखर सिंह
पंछी
पंछी
sushil sarna
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
Taj Mohammad
3180.*पूर्णिका*
3180.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यार की दिव्यता
प्यार की दिव्यता
Seema gupta,Alwar
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
फूल मोंगरा
फूल मोंगरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कुछ लोग बड़े बदतमीज होते हैं,,,
कुछ लोग बड़े बदतमीज होते हैं,,,
विमला महरिया मौज
"What comes easy won't last,
पूर्वार्थ
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
मंजिल तक पहुंचने
मंजिल तक पहुंचने
Dr.Rashmi Mishra
* हाथ मलने लगा *
* हाथ मलने लगा *
surenderpal vaidya
हिंदी की दुर्दशा
हिंदी की दुर्दशा
Madhavi Srivastava
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
Pramila sultan
पिछले पन्ने भाग 1
पिछले पन्ने भाग 1
Paras Nath Jha
Loading...