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6 Jun 2023 · 1 min read

गुलमोहर तुम हो शहजादे

गुलमोहर तुम हो शहजादे
तुमको मेरी राधे राधे ,
तप्त हवाओं संग खेलते
बने बड़े ही सीधे साधे ।

माथ सुमन सोहें अति सुंदर
रंग लाल है बड़ा मनोहर,
झुलसे कभी न कड़ी धूप में
कितने मोहक बाहर अंदर !

तुम सूनी राहों की शोभा
तुमने सबका ही मन मोहा,
सहनशक्ति वंदनीय तुम्हारी
जिसका सबने माना लोहा ।

तरु जगत का श्रृंगार हो तुम
सुंदरता- अंबार हो तुम
बनकर लाल चुनरिया सोनी
सजाते धरा अपार हो तुम ।

डॉ रीता सिंह
चन्दौसी,सम्भल

Language: Hindi
195 Views
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