Posts "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 505 authors · 505 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Tr Abhineelu Joon 7 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ जैसा नही कोई दूसरा जग में, माँ बनने पर ही समझ ये आती। नौ महीने खून गर्भ में पिलाया, स्वस्थ बच्चा हो हर परहेज करती। पैदा होने पर खशियाँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 97 183 9k Share Mandeep Gill Dharak 1 Nov 2018 · 1 min read माँ ( माँ से बढ़कर कोई रिश्ता हैं नहीं ) माँ के बिना यह दुनियां है नहीं , माँ से बढ़कर कोई रिश्ता है नहीं। माँ की ममता है सबसे निराली, जिसको मिले वो है भाग्यशाली। माँ होती भगवान से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 89 228 2k Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Nov 2018 · 2 min read माँ माँ **** माँ तो बस माँ कहलाए हिरदय माल हमें बनाती है। हर सांस अपनी कर कुर्बान जीवन जीवंत बनाती है।। नेह उसका बरसे अपार बारिश की मस्त फुहारों सा,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 83 32 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Nov 2018 · 1 min read माँ की महिमा माँ की महिमा ***************** जिसकी बाहें सुख देती है, जैसे कोई पलना। उंगली पकड़ जिसका हमने,सीखा पग-पग चलना।। जिसके पैरों में जन्नत की, बात सभी करते हैं। जिसके उर में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 83 104 1k Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 1 Nov 2018 · 1 min read मेरी भोली “माँ” (सहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता) कभी वो ‘व्रत’ करती है, तो कभी ‘अरदास’ गाती है। मेरे खातिर न जाने वो, कितने तिकड़म भिड़ाती है।। वो रह ‘उपवास’ निर्जला, ‘जीवित्पुत्रिका’ निभाती है। मेरी भोली “माँ” मुझे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 80 275 2k Share Sumita Mundhra 1 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ मेरे जीवन का हर पल माँ आपका कर्जदार है । खून की हर बूंद में आपका वात्सल्य प्यार है । जीवन और मृत्यु की डोर तो ईश्वर के हाथ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 78 226 9k Share कल्पना 'कल्पना' 2 Nov 2018 · 1 min read मां, लिखते लिखते खत्म रोशनाई हुई मां तुझे सोचकर मैने जो भी लिखा , लिखते लिखते खत्म रोशनाई हुई। ग़म हवाओं ने मुझको कभी जो छुआ दर्द तुझको ही सीने में पहले हुआ मंदिरों, मस्जिदों और... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 78 181 6k Share Kuldeep Kaur 6 Nov 2018 · 1 min read मां... रब का स्वरूप निरा माँ..सुना है मैंने,तुम्हारी आँखें हुई थीं नम, जब देखा था तुमने, मुझको पहली बार l सब कहते हैं..एक प्यारी-सी, अद्वितीय मुस्कान थी, होंठों पर तुम्हारे; जब लिया तुमने मुझको,गोद में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 74 195 3k Share शालू मिश्रा 6 Nov 2018 · 1 min read वो है मेरी माँ ( वो है मेरी माँ) मुसीबत के समंदर में जो किनारा दिला दे वो है मेरी माँ । जीने के मायने मुझको है जिसने सिखाये वो हैं मेरी माँ ।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 71 199 5k Share सुषमा मलिक "अदब" 3 Nov 2018 · 1 min read माँ की व्याख्या तेरी व्याख्या करने को माँ, पंक्तिया कम रह जाती है। किस मिट्टी की है माँ तू, हर गम को तू सह जाती है।। ममता से भरपूर आँचल तेरा, माँ तेरा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 62 259 5k Share आनन्द बल्लभ 10 Nov 2018 · 1 min read माँ वेदों के बोल हैं चले गये तुम छोड़ अकेला कैसे पीड़ा दर्द सहें अब, निर्जन नीरव से जीवन में कैसे बिन तेरे रहें अब ? सब कुछ मिल जाये इस जग में पर माता... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 54 313 4k Share Mukta Tripathi 2 Nov 2018 · 1 min read माँ केवल माँ ।। माँ केवल माँ ।। तपती-भरी दोपहरी में पसीना बहाती । महल नहीं, झोंपड़ी की छाँव देना चाहती। चीथड़े पल्लू से लाल को लू से बचाती । प्यास भूल अपनी,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 52 323 2k Share Kalawati Karwa 4 Nov 2018 · 1 min read माँ "माँ " किन शब्दों मे करू माँ का गुणगान, क्योंकि कोई नहीं है माँ से महान, नहीं चाहती अहित कैसी भी हो सन्तान , हो कुटिल, स्वार्थी बच्चे, माँ करती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 52 177 5k Share Dheerja Sharma 11 Nov 2018 · 1 min read माँ जब कभी रिश्तों की गुत्थियां उलझ उलझ जाती हैं, तो माँ जाने कब चुपके से पास चली आती है। मेरे ख्यालों में उभरती है एक पुरानी सी तस्वीर, जिसमें 'मेरी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 51 109 1k Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 17 Nov 2018 · 1 min read "माँ का आँचल" आ के सँसार मेँ, ममतामयी मूरत पाई, लुटाने प्यार को,हर वक्त मेरी माँ आई। गिरना, उठना, या फिर चलना भी सिखाने आई, पहला अक्षर भी सिखाने,वो फ़क़त ख़ुद आई। "माँ"पुकारा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 51 133 3k Share Pradip Rathi 13 Nov 2018 · 1 min read माँ "माँ " कण-कण में निर्झर माधुर्य मिश्री घोलती , माँ शाश्वत प्रेम की सृजनहार होती । करुणा का सागर विशाल हृदय में रखती , माँ तेरे उपकारों की व्याख्या नही... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 49 116 4k Share Kriti Bhatia 23 Nov 2018 · 1 min read मां जब भी उदासी मे होती हूँ मैं तो मांँ प्यार भरी बाहें खिलार देती हैं । जब भी कभी रोती हूं मैं तो मांँ अपने आँचल से आंंसू पोंछ देती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 44 105 3k Share Dr. Arti 'Lokesh' Goel 1 Nov 2018 · 1 min read माँ तुम, मम मोचन! माँ तुम, शुचि मंत्र हो तुम! उचार जिह्वा ले विकल हृदय से विप्लव मनस में धीर भरती तंत्र हो तुम। माँ तुम, अमिय पान हो तुम! अवरुद्ध कंठ त्राण आशीष... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 42 123 4k Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 1 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तुम जननी हो जीवन जन्म दायनी कितनी पावन सादर नमन है। हे माता तुमसे ही जीवन संभव हुआ मातृ दिवस पे आज तुम्हे वंदन। ओ मेरी जननी तुम से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 41 163 1k Share Mukesh Kumar Badgaiyan 9 Nov 2018 · 1 min read माँं:जीवन का पर्याय हे माँ जब तुम्हारे गर्भ में था तब भी स्वर्ग में था जब तुम्हारी गोद में आया संसार स्वर्ग हो गया जीवन दिया माँ तुमने इस जीव को जो भटक... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 41 162 1k Share Prabhleen Kaur Gill 18 Nov 2018 · 1 min read माँ जैसा ना फरिसता कोई सबसे सुंदर सबसे प्यारी मेरी माँ, हर श्रय से लगती न्यारी मेरी माँ I माँ है यारों असल रुप भगवान का, इस जैसी न मिले कोई दुनियां में छाँ। माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 41 202 1k Share Ram Krishan Rastogi 1 Nov 2018 · 1 min read माँ --आर के रस्तोगी माँ पहली शिक्षक है,वह ही मात भाषा सिखाती है वह भले गीले में सोये,बच्चे को सूखे में सुलाती है माँ नौ मास कोख में रखती है प्रसव पीड़ा भी सहती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 40 158 4k Share Mugdha shiddharth 1 Nov 2018 · 1 min read माँ मेरी देवी नहीं माँ मेरी देवी नहीं – हाड़ - मांस की नारी है, ये अलग बात है , वो जग से अलग – थोड़ी सी न्यारी है ! नास्तिक नहीं वो –... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 40 91 2k Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 3 Nov 2018 · 1 min read माँ "माँ" वो एक लफ्ज़ जिसमें तीनों लोक समाए हैं, ब्रह्मा विष्णु महेश भी जिसने गोद में खिलाए हैं। नतमस्तक रहना सदा अपनी जननी के आगे तुम, तुम्हें पाने को ना... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 38 148 4k Share Neerja Sharma 22 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माँ , छोटा सा शब्द उपमाएँ इतनी , गिनती न हो जितनी सुबह से शाम , बस काम ही काम सबसे पहले उठती , सबसे पीछे सोती चेहरे पर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 37 69 1k Share Ashish Shrivastava 2 Nov 2018 · 1 min read बस तेरा ही जयकारा माॅ से ही जीवन है सारा , माॅ तुम जीने का सहारा मेरे तो मन मंदिर में, लगता माॅ का जयकारा । पाला-पोसा बड़ा किया हमको पैरों पर खड़ा किया... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 36 213 957 Share Sheela Gahlawat 28 Nov 2018 · 1 min read मां तपती धरती पे ठंडक जैसी होती है मां। जिसके लबों पे कभी भी होती नही ना। मां तो होती है जून में ठंडी छाया सी। निर्धन के सपने में होती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 36 55 1k Share एम के कागदाना 10 Nov 2018 · 1 min read मां किसी की भी नजरों में मां का प्यार नजर ही नहीं आता है मां की लोरी सुनने वालो मां का दर्द ए हाल नजर नहीं आता है अपने आंसु बचा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 34 89 2k Share Dr-Priyanka Tripathi 15 Nov 2018 · 1 min read ""माँ"" माँ ! तुम मेरी बरगद की छाया। तुमसे ही बनी है मेरी काया । जब तक थी , तेरे आगोश में । सुरक्षा का था पूरा एहसास । बादल की... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 34 152 1k Share Aruna Dogra Sharma 26 Nov 2018 · 1 min read माँ कितने मोहक थे वो दिन जब मैं तुम्हारी गोद में थी न दुख की चिंता, न सुख का आभास नन्ही बाहों में सिमटा था पूरा आकाश चौफेरे फैला था ममता... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 34 42 735 Share Diwakar Mahto 7 Nov 2018 · 1 min read मांँ हमारे हर दर्द को वो, लाख छुपाने पर भी आँखों से पहचानती है । वो माँ ही तो है, जो दुनिया से हमें नौ महिने ज्यादा जानती है ।। खुद... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 31 108 1k Share Aarti Ayachit 15 Nov 2018 · 1 min read मां के संस्कारों का सम्मान ये नव जीवन पाया तुझसे मां तुझ पर अर्पित पावन सुमन मां तुझ पर क्या लिखूं कविता मां तू स्वयं ही जीवन में परिपूर्ण मां तेरी क्या उपमा दूं मैं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 28 101 1k Share रागिनी गर्ग 17 Nov 2018 · 1 min read माँ व्यापी माँ सम्पूर्ण जगत में (सोलह मात्रिक संस्कारी जाति छन्द) करलो, करलो माँ की पूजा। माँ जैसा है और न दूजा। माँ तो है दीपक की बाती। जलती रहती दिन... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 28 141 2k Share Neelam Chaudhary 1 Nov 2018 · 1 min read ?माँ? मुँह से निकला पहला शब्द है माँ । बच्चे की पहली गुरु है माँ ।। ममता की सच्ची मूरत है माँ । हर बच्चे की जरूरत है माँ ।। माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 27 231 1k Share तुलसी पिल्लई 14 Nov 2018 · 1 min read कविता शीषक:- नाम:-तुलसी पिल्लई(जोधपुर,राजस्थान) "माँ का आँचल" ---------------------- जब छोटी-छोटी शिशु रही माँ के आँचल में छुपी गोद में रही दन्त रहित मुस्कान से माँ की आँखें भींग गई जब पाँव में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 26 84 1k Share विकास उपमन्यु 1 Nov 2018 · 1 min read माँ जब भी आता हूँ घर से मैं, यूँ क्षुब्ध होकर देखती है मेरी माँ जैसे बिछड़ रहा हो उसका चाँद आज गगन से। वो माँ की आँखों के निशब्द आँसू,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 92 995 Share मिथिलेश कुमार शांडिल्य 2 Nov 2018 · 1 min read हे माँ, तुम्हें नमन है. माँ, निर्झर का पानी है; अमिट कहानी है, माँ, सस्य श्याम धरती की तुम ही तो रानी है, माँ, जलती दुपहरी में पीपल का छाँव है, माँ, सागर की लहरों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 141 1k Share 'एकलव्य' 2 Nov 2018 · 1 min read 'माँ' तू चली गई ! कुछ डूबी-सी,उतराई-सी सुख-दुख में 'माँ' अंगड़ाई-सी। मैं 'चातक' पंक्षी-सा प्यासा 'माँ' वर्षा है मंडराई-सी। तब भूख लगी अब रोता हूँ जागा-जागा तन,सोता हूँ। वर्तमान में जीवित हूँ पर भूत के... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 124 987 Share Annu Ann 9 Nov 2018 · 1 min read मां माँ माँ उठो! कब तक सोती रहोगी, रोज़ तो मुर्गे की बाँग से पहले जाग जाती थी, मुँह-अँधेरे तेरे गोबर से आँगन लीपने की सरसराहट, मेरी नींद उखाड़ दिया करती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 142 976 Share Yogesh sharma 16 Nov 2018 · 1 min read वो अब बूढ़ी हो रही है मुझे अब फिक्र होने लगी है उसकी जिसने ताउम्र मेरी फिक्र की, मेरे देर से घर लौटने से लेकर देर से सोने तक की फिक्र, मेरे एक रोटी कम खाने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 58 1k Share Dilpreet Gill 23 Nov 2018 · 1 min read माँ (माँ की ममता) माँ शब्द मुँह से निकलते ही भर जाती है मुँह में मिठास । मिलता है मन को स्कुन क्योंकि ये रिश्ता है खास । माँ शब्द भी बना है यारों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 105 715 Share Dr. ADITYA BHARTI 24 Nov 2018 · 1 min read माँ अमूल्य कृति नौ महीने कोख में अपनी जिसने जिलाया है मुझे गर्भ में प्राण देकर अवचेतन से जगाया है मुझे प्रसव की पीड़ा उठा के इस दुनिया में लाया है मुझे सबसे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 25 73 2k Share Dr.seema Rani 3 Nov 2018 · 1 min read "तेरी मन्नतों के धागे माँ" तेरी मन्नतों के धागे मेरी उम्र के साथ बढ़ रहे है माँ एक तेरे ही प्यार के चाँद की कभी अमावस नहीं होती माँ। तेरे होने से जिंदा है मुझमें... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 24 216 1k Share बलकार सिंह हरियाणवी 13 Nov 2018 · 1 min read "माँ" नन्हे से बच्चे की वो जाँ होती है, आखिर माँ तो ईक माँ होती है। भूख,प्यास, संकट के समय, कड़ी धूप में, वो छाँ होती है। आखिर माँ तो ईक... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 24 80 737 Share Pushpa Tiwari 26 Nov 2018 · 1 min read हमारी माँ हमारी माँ जब खिलता है नव कोपल, स्त्री की फुलवारियों में | माँ बनकर बदल देती करुण रुदन को, मधुर किलकारियों में | माँ कराती है परिचय, नव कोपलों का... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 24 67 1k Share Ahtesham Ahmad 27 Nov 2018 · 1 min read माँ !! ( एक फ़रियाद ) माँ !! (एक फ़रियाद) रात का सन्नाटा देख मुझे कूड़े में क्यों फ़ेंक दिया? अपने ही ख़ून को यूँ आसानी से क्यों छोड़ दिया? जन्म तो सही से मुझे लेने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 24 76 916 Share आकाश महेशपुरी 2 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ●●● माँ कहती रहती है जिसको फूल फूल बस फूल पंख निकल आये हैं जबसे बना हुआ है शूल ●●● पेट काटकर जिसको पाला जिसकी बाहें माँ की माला... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत 23 183 960 Share दीपा जोशी 2 Nov 2018 · 1 min read माँ भोर की प्रथम किरण-सी सघन धूप में छाँव-सी गोधुलि में दीपक जैसी माँ निशापथ में तारक-सी। भाषा में स्वर-व्यंजन जैसी गीतों में सुर ताल-सी वीणा के मधुर सुरों-सी माँ मुरली... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 23 102 1k Share Neeraj Kumar 11 Nov 2018 · 1 min read "तू जग से प्यारी है माँ" तू जग से प्यारी है माँ सुन्दर और तू न्यारी है माँ जब मैं छोटा बच्चा था तब तेरा गुस्सा करना, था लगता मुझको बुरा माँ अब चाहता हूँ तू... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 23 122 1k Share बलबीर सिंह वर्मा "वागीश" 13 Nov 2018 · 1 min read माँ -------माँ-------- माँ , माँ खुशी है, ममता है, प्यार है माँ , माँ की महिमा अपरम्पार है माँ , माँ है तो ये संसार है माँ , माँ ही जन्नत... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 23 76 3k Share Page 1 Next