Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (275)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

वाह वाह सर

1 Dec 2018 01:41 PM

बहुत बहुत बधाई हो आपको… ?

बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय सादर नमन

आपको भी बधाई हो आनन्द जी?

जी सादर आभार

समस्त पाठक जन का ह्रदयतल से बहोत बहोत धन्यवाद, (जिन्होंने वोट दिया उनका भी जिन्होंने वोट नही दिया उनका भी) आप सबका स्नेह व आशीर्वाद यूहीँ बना रहे?।
सहित्यपीडिया के इस मंच को सादर नमन जिसके आयोजन से आज इतने कलम के धनी से मुखातिब होने का हमे अवसर मिला ।।
?धन्यवाद?

Congrats ji

आपको भी, मुबारकां।।

30 Nov 2018 11:48 PM

सुंदर भाव ।कृपया एक नजर मेरी लिखी कविता पर भी डालिए यदि पसंद आए तो वोट कीजिए।voted

30 Nov 2018 11:07 PM

ईश्वर की अनुपम सौगात है माँ,
सृष्टि के कण-कण में व्याप्त है माँ |
चाहो तो दिल चीर कर दिखा दूँ,
हर स्पंदन में संव्याप्त है माँ |

हृदय का हर स्पंदन जिसका ऋणी हो उस माँ पर कुछ लिखना, उसके असीम व्यक्तित्व को शब्दों में सीमाबद्ध करना बिलकुल असंभव है | आपके प्रयास को मैं नमन करता हूँ | मेरा भोट स्वीकार करें |

आपका ये आशीर्वाद शिरोधार्य आदरणीय?

30 Nov 2018 11:02 PM

294 वाँवोट मेरा

30 Nov 2018 10:30 PM

अपनी सुंदर रचना पर 292 वां वोट स्वीकार करे भाई

आपके आशीर्वाद का स्वागत?

शुक्रिया आपका 291 वा वोट स्वीकार करे।

धन्यवाद मान्यवर?

I have voted 287

धन्यवाद महोदय?

30 Nov 2018 07:25 PM

जी वोट कर दिया है 286 नंबर पर

हृदयतल से धन्यवाद?

283मेरा वोट स्वीकार कीजिए। आप भी मुझे वोट देकर कृतार्थ कीजिए

क्षमा मान्यवर, परन्तु आपका वोट अभी तक काउंट नही हुआ है।।

30 Nov 2018 05:16 PM

बड़ी आत्मीयता से लिखी है आपने रचना,बधाई
२83वां वोट मेरा

30 Nov 2018 04:40 PM

282वाँ वोट मेरा आपको ।

स्वीकृति महोदया?

30 Nov 2018 02:28 PM

सुप़भात बहुत बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है आप की मेरी वोट स्वीकार करें।

हृदयतल से स्वागत?

आपका वोट नहीं मिला आदरणीय

पुनः जाँच करें आदरणीय????
?
अंत और आगाज वही है।
कण कण मे वह बसी हुयी है।
वेदपुराणों ने यश गाया।
ऋषि मुनियों ने इसको ध्याया ।

शब्द नहीं वाणी में मेरी।
कैसे माँ महिमा गान करूँ ?
है सम्पूर्ण शब्द माँ जग में।
व्यापी वह सम्पूर्ण जगत में।

(रागिनी गर्ग रामपुर यूपी )

This is a competition entry

Competition Name: साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता- “माँ”

Vote 176
You have already voted on this post
Voting system is connected with Facebook.
Your Facebook account must have a valid email id otherwise you will not be able to vote.
You will be either logged in or signed up to Sahityapedia account through Facebook Login.
By using this website, you agree to Sahityapedia’s Terms of Use.

Page 1
Loading...