_ आ अब लौट चलें……….
काश आ जाते वो बचपन के दिन
कोई बजा देता फिर खुशियों की बिन
हौसला फिर से वही बरकरार रहे
फिर हो जाए मन आशाओं में विलीन।।।।
काश आ जाते वो बचपन के दिन,
एक एक कर तारे गिन पाता
विरक्ति भाव जीवन में ना कभी आता
साथ देता सब कोई अंत समय तक
फिर कभी ना सताए तन्हाई गमगीन।।
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कोई बजा देता फिर खुशियों की बिन
काश आ जाते वो बचपन के दिन।।।।।।।
:- बिमल रजक