_महावीरा
जैन धर्म से है हम नहीं
पर, भगवान भला अलग होते हैं कहीं!!
पढ़ते थे ज्ञान पुस्तक में,
महापुरुष महावीर की गाथा
सत्य, अहिंसा के पथ पर चलना सिखाया था,
“जियो और जीने दो” का मंत्र अपनाया था,
छोड़ वैर विरोध,ना आए मन में क्रोध,
यही सबको समझाया था
रखो उच्च विचार,करो क्षमाप्रचार
नियम बतलाया था,
सम्यक विचार, दर्शन, चरित्र जैसे
त्रिरत्न का ज्ञान करवाया था।
नफरत नहीं करो किसी से
ममता भाव बढ़ाया था
जरूरत है धरा पर फिर से
महावीरा आपके ज्ञान की
आशीर्वाद आपका पाने को
भक्त ने शीश झुकाया था।।।।
– सीमा गुप्ता