9/11 चंद तस्वीरें
जमीन खून से लाल था पहले
अंबर अब अंगार हुआ I
आतंक की आंधी इस कदर
क्यों लोगों का श्रृंगार हुआ II
नहीं पता था हमको यारों
पानी भी जल जायेगा I
सात समुन्दर पार एक दिन
जादू सा चल जाएगा II
दुनिया को झकझोर दिया
एक अभूतपूर्व अफसाने ने I
आतंकवाद का ऐसा रूप
देखा न था जमाने ने II
प्रेम से सींचे भू-मण्डल पर
नफरत का यह कैसा दौर I
बम, बारुद, तलवार की भाषा
चल रहा है चारों ओर II
एक चुभन घातक है यारों
फूले हुए गुब्बारे पर I
सबक क्यों नहीं लेते हैं हम
छोटे से इस नारे पर II
अभी अंधेरा घनघोर नहीं
उजाले में दीप जलाएं हम I
कितना अच्छा होता काश !
शांति पथ पर कदम बढ़ाएं हम II
हुआ अंधेरा यार तो समझो
दुनिया ही रुक जाएगी I
मानवता हर पल कांपेगी
हर क्षण सच्चाई झुक जाएगी II
✍️_ राजेश बन्छोर “राज”
हथखोज (भिलाई), छत्तीसगढ़, 490024