4866.*पूर्णिका*
4866.*पूर्णिका*
🌷 ये दुनिया रंग बदलती है 🌷
22 22 22 22
ये दुनिया रंग बदलती है ।
जीने का ढंग बदलती है ।।
रोना धोना मरना जीना।
देख यहाँ जंग बदलती है।।
फूल खिले महके ये बगिया ।
सच रोज उमंग बदलती है ।।
न सवाल यहाँ करते कोई ।
चाहत भी तंग बदलती है ।।
रहबर है कौन यहाँ खेदू।
नीति यहाँ भंग बदलती है ।।
……..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
06-11-2024बुधवार