Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2023 · 1 min read

2858.*पूर्णिका*

2858.*पूर्णिका*
🌷 हम सुंदर नजर रखते🌷
22 212 22
हम सुंदर नजर रखते।
बस प्यारे फजर रखते ।।
दुनिया देख है कैसी ।
अपना भी बसर रखते।।
क्या आवारगी अपनी।
सोच मद्देनजर रखते।।
दिल में प्यार है अपना।
यूं चाहत कसर रखते।।
छूते आसमां खेदू।
खुद का खुद शजर रखते।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-12-2023सोमवार

114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
देखता हूँ बार बार घड़ी की तरफ
देखता हूँ बार बार घड़ी की तरफ
gurudeenverma198
दूर मजदूर
दूर मजदूर
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
पूर्वार्थ
💐प्रेम कौतुक-320💐
💐प्रेम कौतुक-320💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भुक्त - भोगी
भुक्त - भोगी
Ramswaroop Dinkar
"सर्वाधिक खुशहाल देश"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसे दर्शन सदा मिले
ऐसे दर्शन सदा मिले
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
"दर्पण बोलता है"
Ekta chitrangini
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
धर्म और विडम्बना
धर्म और विडम्बना
Mahender Singh
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
..........लहजा........
..........लहजा........
Naushaba Suriya
जीवन से तम को दूर करो
जीवन से तम को दूर करो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2320.पूर्णिका
2320.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
■सीखने योग्य■
■सीखने योग्य■
*Author प्रणय प्रभात*
हृद्-कामना....
हृद्-कामना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
दोस्ती तेरी मेरी
दोस्ती तेरी मेरी
Surya Barman
तेरी तंकीद अच्छी लगती है
तेरी तंकीद अच्छी लगती है
Dr fauzia Naseem shad
*लम्हे* ( 24 of 25)
*लम्हे* ( 24 of 25)
Kshma Urmila
******
******" दो घड़ी बैठ मेरे पास ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*नारियों को आजकल, खुद से कमाना आ गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*नारियों को आजकल, खुद से कमाना आ गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
Anand Kumar
एक सत्य
एक सत्य
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
शिव प्रताप लोधी
नाम सुनाता
नाम सुनाता
Nitu Sah
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
Loading...