2717.*पूर्णिका*
2717.*पूर्णिका*
🌷 जगमग रात सितारे देखो🌷
22 22 22 22
जगमग रात सितारें देखो।
साथी अपना दुलारे देखो।।
मिट जाए अंधेरा जग से।
दीया अपना प्यारे देखो।।
चाहत अपनी सुंदर जीवन ।
पुण्य है पाप किनारे देखो ।।
हम सतपथ अनुगामी हरदम।
करते नेक निहारे देखो।।
थामे हाथ किसी का खेदू ।
बढ़ते रोज सहारे देखो ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
12-11-23 रविवार(दीपावली )