कहां जाऊं सत्य की खोज में।
रंग बिरंगी दुनिया होती हैं।
Diploma in Urdu Language & Urdu course| Rekhtalearning
*बाबा लक्ष्मण दास जी की स्तुति (गीत)*
आ लौट के आजा टंट्या भील
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
अपने-अपने काम का, पीट रहे सब ढोल।
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
अंधेरा छंट जाए _ उजाला बंट जाए ।
खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
बड़ी हसीन रात थी बड़े हसीन लोग थे।
"अगर हो वक़्त अच्छा तो सभी अपने हुआ करते