सोलह आने सच...
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
*डॉ मनमोहन शुक्ल की आशीष गजल वर्ष 1984*
तेरी गोरी चमड़ी काली, मेरी काली गोरी है।
प्रेरणा - एक विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
Remembering that winter Night
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बहुत ही घना है अंधेरा घृणा का
निगाह मिला के , सूरज पे ऐतबार तो कर ,
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
वेलेंटाइन डे बिना विवाह के सुहागरात के समान है।
जीवन से अज्ञानता का अंधेरा मिटाते हैं