Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2023 · 1 min read

आजकल गजब का खेल चल रहा है

आजकल गजब का खेल चल रहा है
पैसे देकर सम्मान पत्र मिल रहा है
देने वालों की भी क्या कमी
जब लेने वालों ने ही ठेका ले रखा है ।

हरमिंदर कौर अमरोहा

1 Like · 185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोशिशें हमने करके देखी हैं
कोशिशें हमने करके देखी हैं
Dr fauzia Naseem shad
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*जो भी अच्छे काम करेगा, कलियुग में पछताएगा (हिंदी गजल)*
*जो भी अच्छे काम करेगा, कलियुग में पछताएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
गैरों सी लगती है दुनिया
गैरों सी लगती है दुनिया
देवराज यादव
आँख से अपनी अगर शर्म-ओ-हया पूछेगा
आँख से अपनी अगर शर्म-ओ-हया पूछेगा
Fuzail Sardhanvi
दीप शिखा सी जले जिंदगी
दीप शिखा सी जले जिंदगी
Suryakant Dwivedi
19)”माघी त्योहार”
19)”माघी त्योहार”
Sapna Arora
दलित समुदाय।
दलित समुदाय।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मैं कहना भी चाहूं उनसे तो कह नहीं सकता
मैं कहना भी चाहूं उनसे तो कह नहीं सकता
Mr.Aksharjeet
तुम मुझे देखकर मुस्कुराने लगे
तुम मुझे देखकर मुस्कुराने लगे
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
बेजुबाँ सा है इश्क़ मेरा,
बेजुबाँ सा है इश्क़ मेरा,
शेखर सिंह
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
Rajesh Kumar Arjun
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
प्रदीप कुमार गुप्ता
#लघुकथा / #विरक्त
#लघुकथा / #विरक्त
*Author प्रणय प्रभात*
Many more candles to blow in life. Happy birthday day and ma
Many more candles to blow in life. Happy birthday day and ma
DrLakshman Jha Parimal
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
Vaishaligoel
***
*** " पापा जी उन्हें भी कुछ समझाओ न...! " ***
VEDANTA PATEL
प्राप्ति
प्राप्ति
Dr.Pratibha Prakash
आदान-प्रदान
आदान-प्रदान
Ashwani Kumar Jaiswal
কুয়াশার কাছে শিখেছি
কুয়াশার কাছে শিখেছি
Sakhawat Jisan
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
sushil sarna
राम काज में निरत निरंतर
राम काज में निरत निरंतर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
स्याह एक रात
स्याह एक रात
हिमांशु Kulshrestha
" हर वर्ग की चुनावी चर्चा “
Dr Meenu Poonia
गरीबी
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2362.पूर्णिका
2362.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक फूल खिला आगंन में
एक फूल खिला आगंन में
shabina. Naaz
आया तेरे दर पर बेटा माँ
आया तेरे दर पर बेटा माँ
Basant Bhagawan Roy
Loading...