स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ
91 कुंडलियाँ महामारी-स्वास्थ्य
[30/5/2019, 4:11 PM] Ravi Prakash: चार दिन का यह मिलना( कुंडलिया)
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मिलना जग में चल रहा,मिलकर बिछुड़े लोग
मिलना जब जिससे हुआ ,विधि का है संयोग
विधि का है संयोग, लोग अच्छे मिल जाते
मिलकर जिनसे रोज,गीत दिल के अणु गाते
कहते रवि कविराय, फूल का जैसे खिलना
मुरझाकर अवसान, चार दिन का यह मिलना
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश ) मोबाइल 9997 6151
[31/5/2019, 10:02 PM] Ravi Prakash: तंबाकू (कुंडलिया )
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तंबाकू कहने लगी, कर लो मुझसे प्यार
आओ चिपटें दो घड़ी, फिर मर जाएं यार
फिर मर जाएं यार , चढ़ोगे कैसे सीढ़ी
सिग्रेट है क्या ठीक, चाहिए या फिर बीड़ी
कहते रवि कविराय, छुरी समझो या चाकू
लेकिन है यमराज , पेट में जा तंबाकू
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 999761 5451
[1/6/2019, 11:41 AM] Ravi Prakash: दोपहरी घनघोर ( कुंडलिया )
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जिनके घर एसी लगे, एसी में दिन – रात
उनसे मत कहिए कभी, गर्मी दुख की बात
गर्मी दुख की बात , सताती गर्मी कैसे
दोपहरी घनघोर , कट रही जैसे – तैसे
कहते रवि कविराय, बादलों फेंको तिनके
बारिश के भंडार, जल भरे मन हों जिनके
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[1/6/2019, 11:50 AM] Ravi Prakash: रोगी (कुंडलिया)
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रोगी जिसका तन हुआ, समझो तन बेकार
जीने का फिर क्या मजा , जीना है दुश्वार
जीना है दुश्वार , देह का समझो ढ़ोना
जब तक चलती सांस ,रोज किस्मत को रोना
कहते रवि कविराय, देह मत करिए भोगी
रखिए तन का ध्यान, न तन हो पाए रोगी
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[1/6/2019, 12:42 PM] Ravi Prakash: छोटे मन के लोग( कुंडलिया )
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छोटी – छोटी सोच है , छोटे मन के लोग
संबंधों का कर रहे , मतलब से उपयोग
मतलब से उपयोग , भतीजा भाई कैसा
किसका कौन पड़ोस, यार कहलाता पैसा
कहते रवि कविराय ,आजकल दुनिया खोटी
कहने को विस्तार, दरअसल मन से छोटी
———–+————————————– रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 999 7615 451
[1/6/2019, 6:00 PM] Ravi Prakash: जुम्बा डांस( कुंडलिया )
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मिलकर नाचो झूम के , सीखो जुम्बा नृत्य
सेहत को करता भला , सुंदरतम यह कृत्य
सुंदरतम यह कृत्य , मस्तियाँ लेकर आता
कसरतकला प्रभाव,नृत्य मिलकर दिखलाता
कहते रवि कविराय, जिंदगी जीओ खिलकर
सबसे उत्तम नाच , चलो करते हैं मिलकर
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997 61 54 51
[1/6/2019, 7:05 PM] Ravi Prakash: बोला कौवा( कुंडलिया)
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बोला कौवा क्या करूं ,मोटी है आवाज
काले मेरे रंग का , जाने क्या है राज
जाने क्या है राज , उसे मैंने समझाया
काला गोरा छोड़ , ईश ने तुझे बनाया
कहते रवि कविराय ,अरे कौवा तू भोला
जो तेरी आवाज, ठीक तू उसमें बोला
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[2/6/2019, 9:56 PM] Ravi Prakash: पुरानी यादें (कुंडलिया )
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सोना छत पर अब कहां,पानी का छिड़काव
तारे दिखते हैं किसे, कब कौवे की कॉव
कब कौवे की कॉव, लालटेनें जलती थीं
गपशप में हर रोज , सुर्ख शामें ढलती थीं
कहते रवि कविराय, पुरातन का क्या रोना
एसी जिंदाबाद , बंद कमरे में सोना
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[3/6/2019, 4:12 PM] Ravi Prakash: आयुष्मान भारत योजना( कुंडलिया)
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सेवा जन की कर रहा , भारत आयुष्मान
मुफ्त चिकित्सा से गढ़े, इसने नव- प्रतिमान
इसने नव- प्रतिमान , धन्य सरकार बधाई
अभिनंदन की पात्र , डॉक्टरों की अच्छाई
कहते रवि कविराय , पा रहे निर्धन मेवा
अद्भुत है यह काम, वास्तविक सचमुच सेवा
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 999 7615 451
[6/6/2019, 10:37 AM] Ravi Prakash:
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कबूतरखाने घर में ( कुंडलिया )
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घर में अब आँगन कहाँ, आँगन में अब पेड़
आँगन पट कमरे बने , घर की पूरी रेड़
घर की पूरी रेड़ , एक के छह – छह बच्चे
खिड़की रोशनदान,ठीक से अब कब सच्चे
कहते रवि कविराय, न पक्षी महानगर में
इंसानों का हाल , कबूतरखाने घर में
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[6/6/2019, 11:01 AM] Ravi Prakash: पीने का पानी (कुंडलिया )
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पीने का पानी कहाँ , पानी सोना मोल
हीरे जैसे बिक रहे , पानी वैसे तोल
पानी वैसे तोल , इसे ही कलियुग जानो
सूखी नदियाँ नीर, मलिन नाला- सा मानो
कहते रवि कविराय, दौर मुश्किल जीने का
आता है कब हाथ , मुफ्त पानी पीने का
————————————————रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल नंबर 999761 5451
[6/6/2019, 1:09 PM] Ravi Prakash: गर्मी गुस्सेनाक (कुंडलिया )
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पारा बढ़ता जा रहा , गर्मी गुस्सेनाक
जलभुनकर ज्यों कह रही कर दूंगी सबखाक
कर दूंगी सब खाक , पेड़ से छाया मांगो
ओ मनुष्य अविवेक ,नींद से अब तो जागो
कहते रवि कविराय, चक्र है बिगड़ा सारा
कटते देखे पेड़ , चढ़ा कुदरत का पारा
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल999 7615451
[6/6/2019, 3:58 PM] Ravi Prakash: शीघ्र वर्षा की कामना से आपूरित एक कविता :-
बरसो मेघा( कुंडलिया)
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बरसो मेघा अब हुई , गर्मी अपरंपार
धरती कहती बारिशें , दो मेरे सरकार
दो मेरे सरकार , बादलों को कहलाओ
धरती करे पुकार , बादलों जल्दी आओ
कहते रवि कविराय, गगन वालों कुछ तरसो
धरती कैसे हँसे , मेघ थोड़ा तो बरसो
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 999 7 61 5451
[6/6/2019, 10:29 PM] Ravi Prakash: मौसम है अब खुशनुमा( कुंडलिया )
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बादल तेरा शुक्रिया , बारिश का छिड़काव
मौसम है अब खुशनुमा , दे मूछों पर ताव
दे मूछों पर ताव , धूप रोती बेचारी
गई अकड़ फूँ आज , जून की गर्मी सारी
कहते रवि कविराय,गजब होता नभ का जल
सूरज जाता हार , नीर जब लाता बादल
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99976 15451
[7/6/2019, 11:03 PM] Ravi Prakash: हों सब लोग निरोग (कुंडलिया )
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बीमारी से सब बचें, हों सब लोग निरोग
सबकी दीखे नासिका , लय में करती योग
लय में करती योग, हाथ- पैरों में बल हो
आँखे देखें साफ , कान की गति निर्मल हो
कहते रवि कविराय, जिंदगी वह ही प्यारी
जिसमें हो उत्साह , नहीं कोई बीमारी
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[8/6/2019, 4:31 PM] Ravi Prakash: बेटी के मां बाप (कुंडलिया )
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लड़की की हैं फिक्र में, बेटी के माँ-बाप
रोने से कब क्या हुआ, रोना व्यर्थ विलाप
रोना व्यर्थ विलाप , बेटियाँ निर्भय घूमें
मुस्कानों के साथ , उच्चतम नभ को चूमें
कहते रवि कविराय, साँस हर माँ की धड़की
खतरे में है जान , रो रही लगती लड़की
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[9/6/2019, 9:16 AM] Ravi Prakash: ताजा भोजन (कुंडलिया)
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ताजा भोजन जो मिला ,समझो है वरदान
मिलना इसका भाग्य में, होता क्या आसान
होता क्या आसान , रखा बासी सब खाते
डिब्बा लेकर साथ , काम पर चलकर जाते
कहते रवि कविराय ,वही किस्मत का राजा
रोटी खाता रोज , गर्म जो ताजा- ताजा
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[9/6/2019, 11:36 AM] Ravi Prakash:
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मुफ्त में बच्चे पलते( हास्य कुंडलिया)
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बच्चे पैदा कीजिए , घर-घर दस या बीस
ऊपरवाला दे रहा , लेता है कब फीस
लेता है कब फीस , मुफ्त में बच्चे पलते
राशन के कब दाम , चुकाने पड़ते खलते
कहते रवि कविराय ,अक्ल के समझो कच्चे
भरते रहते टैक्स , एक-दो जिनके बच्चे
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 9997 61 545 1
[10/6/2019, 1:00 PM] Ravi Prakash:
इसलिए विपदा सौ सौ ( कुंडलिया)
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सौ-सौ विपदाएं दिखीं, लेकिन सबसे खास
जनसंख्या जो बढ़ रही, यह कर रही उदास
यह कर रही उदास, सभी चौपट कर देगी
जितना करो विकास,भुखमरी से भर देगी
कहते रवि कविराय ,कर रहे पैदा नौ – नौ
सुरसा- से परिवार, इसलिए विपदा सौ –सौ
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रचयिता:रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 999 7615451
[11/6/2019, 9:11 AM] Ravi Prakash: सदा शुभ जेठ दशहरा( कुंडलिया)
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जेठ दशहरा आ गया, देखो इसकी शान
नदियाँ बहती कर रहीं,इसके यश का गान
इसके यश का गान, लगाओ इसमें गोता
जलक्रीड़ा इंसान, कर रहा जो खुश होता
कहते रवि कविराय, नदी पर डालो पहरा
निर्मल नदियाँ नीर, सदा शुभ जेठ दशहरा
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[11/6/2019, 10:46 AM] Ravi Prakash:
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प्यासी धरती( कुंडलिया)
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प्यासी धरती कर रही , करुणा भरी पुकार
सूखी मैं खुद हो गई , सूखे जल भंडार
सूखे जल भंडार , नदी है सूखी मैली
कीचड़ का ज्यों भार, अंक में भरती थैली
कहते रविकविराय,रोज तिल तिल कर मरती
जिससे बुझती प्यास,आज खुद प्यासी धरती
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99976 15451
[12/6/2019, 9:56 AM] Ravi Prakash: कोसी देखो आज( कुंडलिया)
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बरसाती नाला बना , निर्मल नदी प्रवाह
कूड़ा कचरा जब दिखा,मुख से निकली आह
मुख से निकली आह, स्वर्ग से थी यह आई
पूजनीय वरदान , उपेक्षा केवल पाई
कहते रवि कविराय, लाज खुद पर है आती
कोसी देखो आज , सिर्फ नाला बरसाती
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 999 7615 451
[14/6/2019, 2:49 PM] Ravi Prakash: दो बच्चे हैं आपके (कुंडलिया )
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भरिए सारी जिंदगी , टैक्सों की भरमार
दो बच्चे हैं आपके , छोटा – सा संसार
छोटा – सा संसार , आप सब खर्च उठाएं
दस बच्चों के बाप , आपसे लेकर खाएं
कहते रविकविराय,आप खप-खप कर मरिए
करता गलती और , आप वह गलती भरिए
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रचयिता ःरवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[14/6/2019, 5:16 PM] Ravi Prakash:
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फेंकते आधा खाना (कुंडलिया)
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करते बर्बादी दिखे , भोजन की हर रोज
किसने कितना प्लेट में ,छोड़ा करिए खोज
छोड़ा करिए खोज , फेंकते आधा खाना
दृश्य आजकल आम , दीखता है रोजाना
कहते रवि कविराय, प्लेट में दुगना धरते
भोजन का अपमान , देखिए कितने करते
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 9761 5451
[15/6/2019, 4:18 PM] Ravi Prakash: आठ बच्चों के चर्चे (कुंडलिया )
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आबादी को रोकिए ,करिए त्वरित उपाय
वरना दुगना खर्च है ,आधी होगी आय
आधी होगी .आय, आठ बच्चों .के चर्चे
बढ़ते जाते रोज , सब्सिडी वाले खर्चे
कहते रवि कविराय, देश की है बर्बादी
बढ़ती. जाती रोज ,देश की नित आबादी
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रचयिताः रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तरप्रदेश, मोबाइल 99 97 61 5451
[16/6/2019, 11:53 AM] Ravi Prakash: दिनांक 10 जून 2019 से 19 जून 2019 तक अग्रवाल धर्मशाला रामपुर में श्री राम सत्संग मंडल द्वारा श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल के मुख्य यजमान की भूमिका में आयोजित रामकथा गोंडा से पधारे श्री राधेश्याम द्विवेदी रामायणी जी के श्रीमुख से प्रस्तुत की गई । तबले और बाजे के साथ यह संगीतमय रामकथा सभी के हृदयों पर छा गई । प्रस्तुत है इसी सफल आयोजन को साधुवाद देते हुए एक कविता( कुंडलिया):-
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धारा रामकथा बही , वक्ता राधेश्याम
तर जाता संसार से, भजता जो श्रीराम
भजता जो श्रीराम, मधुर गायी .चौपाई
तबले बाजे संग , मधुरता अद्भुत आई
कहते रवि कविराय, रामपुर हर्षित सारा
मंत्रमुग्ध अविराम, रामरस बहती धारा
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रचयिता: रवि प्रकाश,, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 99 97 61 5451
[16/6/2019, 12:29 PM] Ravi Prakash: आधी बीती जून( कुंडलिया)
⛈⛈⛈⛈⛈⛈???
राहत गर्मी से मिले , ठंडक का हो भाव
प्रभु जी मेघों से कहो, कर दें अब छिड़काव
कर दें अब छिड़काव, सूर्य की तपन हटाओ
घोर घमंडी धूप , धूल अब इसे चटाओ
कहते रवि कविराय, सभी की है यह चाहत
आधी बीती जून , मिले गर्मी से राहत
???????⛈⛈⛈⛈
रचयिताः रविप्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 9997 61 5451
[16/6/2019, 3:26 PM] Ravi Prakash:
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हैंडपंप बेकार (कुंडलिया)
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पानी अब देता कहां , हैंडपंप बेकार
खाली चलता फालतू, पहले सौ- सौ बार
पहले सौ- सौ बार, भूमि जल स्तर गिरता
संकट जल का घोर, इस तरह देखो घिरता
कहते रवि कविराय, एक दिन हालत आनी
खींचो दो सौ बार , किंतु कब देगा पानी
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रचयिता ःरवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451
[16/6/2019, 4:56 PM] Ravi Prakash: सत्संग (कुंडलिया)
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आए वह क्षण धन्य हैं , जिनमें है सत्संग
सच्चाई जीती जहां , लड़ी झूठ से जंग
लड़ी झूठ से जंग, सकारात्मकता आती
गया निराशा भाव, अमरता मुख पर छाती
कहते रवि कविराय, शांत मन प्राण बनाए
जीवन का सौभाग्य, संत जीवन में आए
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99976 15451
[17/6/2019, 11:14 AM] Ravi Prakash: पहले पूछो आय( कुंडलिया)
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बच्चा जो पैदा करें , पहले पूछो आय
कैसे रोटी नाशता , कैसे होगी चाय
कैसे होगी चाय , आय का स्त्रोत बताएं
मिले मुफ्त में माल, देश का धन मत खाएं
कहते रवि कविराय, नियम हो सच्चा- सच्चा
अपने बल पर ठीक , दूसरा करना बच्चा
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रचयिता ः रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[17/6/2019, 2:21 PM] Ravi Prakash: उल्टी पुल्टी रीति( कुंडलिया)
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कुछ खोया कुछ पा लिया, उल्टी- पुल्टी रीति
कोई बैरी बन गया , पाई कुछ से प्रीति
पाई कुछ से प्रीति , कभी सिंहासन पाया
कभी भाग्य की बात, पालथी में सुख आया
कहते रवि कविराय , कभी हंसता है रोया
धन है कभी असीम ,कभी है सब कुछ खोया
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रचयिता रवि प्रकाश बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 999 7615 451
[18/6/2019, 11:24 AM] Ravi Prakash: दिया बचपन को धोखा (कुंडलिया )
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हरा – भरा अब कब रहा , पेड़ों से संसार
हमने जग का कर दिया , पूरा बंटाधार
पूरा बंटाधार , दिया बचपन को धोखा
बच्चों को कब शेष ,भूमि का जल सब सोखा
कहते रवि कविराय, न सोचे अगर जरा अब
रेगिस्तानी देश , बनेगा हरा – भरा अब
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रचयिताः रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997 61 545 1
[18/6/2019, 11:53 AM] Ravi Prakash: समय (कुंडलिया )
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सारा बल है समय में ,चला समय का राज
हाथी को चूहा करे , चूहे को गजराज
चूहे को गजराज ,समय को शीश झुकाओ
अपमानों पर शोक , मान पर मत इतराओ
कहते रवि कविराय , समय ही जीता हारा
जितना भी है खेल, समय का ही है सारा
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘” रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[18/6/2019, 11:59 AM] Ravi Prakash: बुढ़ापा (कुंडलिया )
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बूढ़ा.तन यदि हो गया, समझो मत असहाय
सेहत रखिए ठीक से , छोटी- मोटी आय
छोटी मोटी आय , लोभ को मारो लातें
भजिए हरि का नाम ,कीजिए सच्ची बातें
कहते रवि कविराय , चक्र होता है पूरा
बचपन यौवन बाद , आदमी होता बूढ़ा
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 999 7615451
[18/6/2019, 12:16 PM] Ravi Prakash: स्वास्थ्य धन ( कुंडलिया)
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सबसे उत्तम धन सुनो , होता सेहतमंद
जिसको सेहत मिल गई , पाता अमरानन्द
पाता अमरानन्द , हाथ पैरों से चलते
रखिए आंखें ठीक , कान बिगड़े तो खलते
कहते रवि कविराय, गाँठ लो बाँधो अब से
रुपया पैसा गौण,स्वास्थ्य धन पहले सबसे
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[18/6/2019, 6:15 PM] Ravi Prakash: सड़क पर पैदल चलना (कुंडलिया)
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चलना मुश्किल हो गया ,सड़कें अब खूंखार
बाइक सरपट दौड़ती , ई- रिक्शा की मार
ई- रिक्शा की मार , चला पैदल मुरझाया
बचकर चलता रोज, टक्करें लेकिन खाया
कहते रवि कविराय, हाथ फिर केवल मलना
खा जाओगे चोट , देखकर पैदल चलना
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रचयिता : रविप्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[18/6/2019, 7:58 PM] Ravi Prakash: डॉक्टर है इंसान (कुंडलिया)
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हाड़ – माँस का है सुनो , डॉक्टर है इंसान
कोशिश करता है सभी ,लेकिन कब भगवान
लेकिन कब भगवान, मौत से जमकर लड़ता
कभी मौत पर जीत ,कभी यह रहा पिछड़ता
कहते रवि कविराय,पता क्या किसे साँस का
कब जीवन कब मौत ,आदमी हाड़ माँस का
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[19/6/2019, 5:42 PM] Ravi Prakash: मरीज की जांचें( कुंडलिया)
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कैसे जांचों के बिना , होगा सही इलाज
दुविधा में डॉक्टर फंसा,मुश्किल है यह आज
मुश्किल है यह आज, मरीजों में शक भारी
रखते राय मरीज , जांच है अत्याचारी
कहते रवि कविराय , चल रही जैसे – तैसे
गाड़ी समझो जाम , जाएगी आगे कैसे
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल नंबर 999761 5451
[20/6/2019, 4:25 PM] Ravi Prakash: भटके रोटी के लिए (कुंडलिया )
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भटके रोटी के लिए , घर से दूर विदेश
पैसा तो मिलता रहा, मन में भारी क्लेश
मन में भारी क्लेश , शनी की साढ़े साती
नए देश की वायु , रास कब जल्दी आती
कहते रवि कविराय , अधर में समझो लटके
एक पांव में देश , दूसरे से जग भटके
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रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[24/6/2019, 12:15 PM] Ravi Prakash: बरसात (कुंडलिया)
???????????
बरसातें लो आ गयीं, मौसम में आह्लाद
टप टप टप पानी गिरा, भीषण गर्मी बाद
भीषण गर्मी बाद, मेघ घिर- घिरकर आए
दिन में जैसे शाम, देख कर मन मुस्काए
कहते रवि कविराय, स्वर्ग-सी हैं दिन रातें
सबसे प्यारा दौर , साल में हैं बरसातें
??????????
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[24/6/2019, 3:25 PM] Ravi Prakash:
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भरा सड़कों पर पानी (कुंडलिया )
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भारी बारिश से खुली, नालों की सब पोल
पानी बोला क्यों बहूँ, करता टालमटोल
करता टालमटोल , भरा सड़कों पर पानी
नाले – नाली खूब , कर रहे यूं मनमानी
कहते रवि कविराय, व्यवस्था सुधरे सारी
पानी बहे अबाध, भले जल बरसे भारी
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[25/6/2019, 3:07 PM] Ravi Prakash: फिर भी सूबेदार( कुंडलिया )
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मस्ती को क्या चाहिए ,मन के राजकुमार
तन पर हैं कपड़े नहीं , फिर भी सूबेदार
फिर भी सूबेदार ,चार ईंटों का तकिया
राजाओं – सा रौब, उधेड़े सबकी बखिया
कहते रवि कविराय ,मौज होती है सस्ती
धनवानों के पास, खोजिए कब है मस्ती
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[25/6/2019, 5:49 PM] Ravi Prakash: बरसातें सबसे बुरी (कुंडलिया )
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बरसातें सबसे बुरी ,चिप- चिप हुआ शरीर
बारिश जैसे ही रुकी , गर्मी फिर गंभीर
गर्मी फिर गंभीर , चौगुने मच्छर छाए
कीड़े कीट पतंग ,न जाने क्या-क्या आए
कहते रवि कविराय ,चैन के दिन कब रातें
बुरे फंसे हे राम , मुसीबत हैं बरसातें
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा,
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[30/6/2019, 10:56 AM] Ravi Prakash: आबादी( कुंडलिया )
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शादी करके क्या हुआ, छह बच्चों के बाप
घर में चिल्लम पौं मची ,ज्यों तबले की थाप
ज्यों तबले की थाप , देश है बोझ उठाता
देता मुफ्त मकान , रोटियां घर पहुंचाता
कहते रवि कविराय, बढ़ रही नित आबादी
दो बच्चों की बात, कर रही पर कब शादी
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रचयिता :रवि प्रकाश,, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश,मोबाइल 99 97 61 5451
[4/7/2019, 3:03 PM] Ravi Prakash: बादल (कुंडलिया)
????⛈⛈???
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर
शोर मचाते हैं घना , बातों पर है जोर
बातों पर है जोर , खूब सपने दिखलाते
लगता जैसे ढेर , बारिशें लेकर आते
कहते रवि कविराय, शोर करके सो जाना
मेघों का यह खेल, हो गया अब रोजाना
??????????
रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा रामपुर
उत्तर प्रदेश, मोबाइल 999 761 5451
[4/7/2019, 8:54 PM] Ravi Prakash: कौन जाने कब बरसे (कुंडलिया)
???????⛈⛈??
बरसे बादल क्या पता ,किसके घर के पास
देखें सब आंखें लगा, भरकर मन में आस
भरकर मन में आस, देखकर मन ललचाए
सबकी करुण पुकार, मेघ हम तक भी आए
कहते रवि कविराय, जाइए जब भी घर से
छाता लेकर साथ , कौन जाने कब बरसे
?????⛈⛈????
रचयिता :रवि प्रकाश ,
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997615451
[5/7/2019, 2:46 PM] Ravi Prakash: स्वागतम हे ऋतु वर्षा( कुंडलिया)
????⛈⛈????
वर्षा ऋतु लो आ गई, आया माह असाढ़
रिमझिम है बारिश कहीं, कहीं दीखती बाढ़
कहीं दीखती बाढ़ ,भरे कीचड़ से नाले
पानी जमा अथाह , शहर में लगते ताले
कहते रवि कविराय , देख बूँदे मन हर्षा
मच्छर की भरमार., स्वागतम हे ऋतु वर्षा
????⛈⛈?????
रचयिता ःरवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 999761 5451
[5/7/2019, 3:39 PM] Ravi Prakash:
आया बचपन माँजता( कुंडलिया )
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आया बचपन माँजता, बर्तन को दिन रात
बोला जाने कब मिले , बस्ते की सौगात
बस्ते की सौगात , जुटाते रोटी – पानी
दो पैसे की रोज , मजूरी यही कहानी
कहते रवि कविराय, पेट आधा- भर खाया
जाते बच्चे स्कूल, देखकर मन भर आया
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश, मोबाइल नंबर 999761 5451
[7/7/2019, 4:02 PM] Ravi Prakash: अपना बोझा आप (कुंडलिया )
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ढोना सबको पड़ रहा, अपना बोझा आप
चाहे हँसकर ढ़ोइए , चाहे करें विलाप
चाहे करें विलाप , पैर से खुद चलिएगा
जमकर करिए काम ,हाथ वरना मलिएगा
कहते रवि कविराय, ठीक बस अंतिम रोना
कंधे पर जब लाद, चार को पड़ता ढ़ोना
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रचयिताःरवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997615451
[7/7/2019, 6:25 PM] Ravi Prakash: बुढ़ापा अति दुखदाई (हास्य कुंडलिया)
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डाई बालों में लगी , दिखते काले बाल
पिचका मुख आंखें धँसी,झुर्री वाली खाल
झुर्री वाली खाल , कहाँ असली बत्तीसी
खाते पतली दाल ,रोज मिक्सी की पीसी
कहते रवि कविराय, बुढ़ापा अति दुखदाई
लगा जान को काम ,बाल हर हफ्ता डाई
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 999 7615451
[15/7/2019, 11:04 AM] Ravi Prakash: बच्चा होता एक( कुंडलिया )
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ढ़ोते – ढ़ोते हो गए , पूरे सत्तर साल
दूर गरीबी कब हुई , देखो एक कमाल
देखो एक कमाल ,बढ़ी जनसंख्या भारी
बच्चे हैं छह आठ, हर त रफ मारामारी
कहते रवि कविराय ,नियम यदि लागू होते
बच्चा होता एक , सब्सिडी फिर क्यों ढ़ोते
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[23/7/2019, 10:51 AM] Ravi Prakash: चित्र पर आधारित कविता दिनांक 23-7- 2019
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जीवन के मोड़( कुंडलिया )
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बच्चा बूढ़ा हो गया , यौवन पीछे छोड़
सौ वर्षों की जिंदगी , भांति भांति के मोड़
भाँति -भाँति के मोड़, काल सबको है खाता
काले बाल सफेद , चेहरा वृद्ध कहाता
कहते रवि कविराय ,जगत मत जानो सच्चा
झूठा वृद्ध जवान , झूठ है हँसता बच्चा
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[24/7/2019, 9:25 AM] Ravi Prakash: भंडारे( कुंडलिया)
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भंडारे की पूड़ियाँ , देसी घी का स्वाद
आलू सब्जी रायता , गंगाफल की याद
गंगाफल की याद , चखा हलुआ दोबारा
सावन में भरमार , खूब खाते भंडारा
कहते रवि कविराय ,समस्या लेकिन प्यारे
पेट हमारा एक , दो जगह हैं भंडारे
“”””””””‘””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[25/7/2019, 5:45 PM] Ravi Prakash: सौ बरसों की जिंदगी( कुंडलिया )
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सौ बरसों की जिंदगी , सौ बरसों का खेल
सौ बरसों की दुश्मनी , सौ बरसों का मेल
सौ बरसों का मेल, छोड़ फिर सब कुछ जाना
सारा जोड़ – घटाव , काम हरगिज कब आना
कहते रविकविराय,आज कल या फिर परसों
जीवन का हो अंत , या चले यह सौ बरसों
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[29/7/2019, 9:28 AM] Ravi Prakash: बुखार (कुंडलिया )
××××××××××××××××××××××××××
जाने कैसे आ गया , ताबड़तोड़ बुखार
बोला मिल मुझसे गले,अब मैं तेरा यार
अब मैं तेरा यार , नहीं पीछा छोडूंगा
ढीला होगा हाल , देह सारी तोडूंगा
कहते रवि कविराय, जान आते हैं खाने
रक्षा कर भगवान , निबट इनसे तू जाने
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1
[9/8/2019, 3:23 PM] Ravi Prakash: जल- बिन हाहाकार (कुंडलिया)
??????????
धरती में पानी नहीं , जल- बिन हाहाकार
कैसे अब जीवन चले , सब जन करें विचार
सब जन करें विचार , गया नाली में पानी
वर्षा जल बेकार , हर जगह यही कहानी
कहते रवि कविराय, काम मोटर कब करती
जल से हुई .विहीन , सूख कांटे – सी धरती
???????????
रचयिता रवि प्रकाश बाजार सराफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451
[17/8/2019, 12:15 PM] Ravi Prakash: सावन में झूला पड़ा( हास्य कुंडलिया)
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सावन में झूला पड़ा , कुंडा था कमजोर
बोला हल्के झूलना , करना अधिक न जोर
करना अधिक न जोर , जंग खाया था सारा
झोंटे में घनघोर , गिरा औचक बेचारा
कहते रवि कविराय, सदा ऋतु मनभावन में
कुंडा हो मजबूत , झूलिए तब सावन में
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[19/8/2019, 3:27 PM] Ravi Prakash: आज से कुनबा छोटा( कुंडलिया)
????????????????????
छोटा रखिए सोच के , सब अपना परिवार
मोदी जी बतला रहे , देशभक्ति का सार
देशभक्ति का सार , देशवासी अपनाएं
सबके हित की बात, देश को सब बतलाएं
कहते रवि कविराय , बाँधिए दो का कोटा
बन जाए कानून , आज से कुनबा छोटा
????????????????????
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा,रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[27/8/2019, 11:00 AM] Ravi Prakash: गगरी (कुंडलिया)
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गगरी कब किसकी भरी, गगरी रही उदास
गगरी भरने की रही , लेकिन सबको आस
लेकिन सबको आस , अधूरी हैं इच्छाएँ
मनचाहे आकाश , दूर कुछ रह- रह जाएँ
कहते रविकविराय,निकट कब पिय की नगरी
जब भी देखूँ झाँक , अधभरी पाई गगरी
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 9 99761 5451
[30/8/2019, 8:55 AM] Ravi Prakash: मस्ती( कुंडलिया)
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मस्ती में यदि भीगना, छतरी का क्या काम
फेंको छतरी मन करो , फुल मस्ती के नाम
फुल मस्ती के नाम , नहीं बरसातें रहतीं
जीवन के दिन चार,बिजलियाँ नभ की कहतीं
कहते रवि कविराय ,रखा क्या मँहगी सस्ती
मिल जाए जिस भाव , खरीदो जल्दी मस्ती
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[2/9/2019, 12:39 PM] Ravi Prakash: बीमारी (कुंडलिया)
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बीमारी सबसे बड़ी , विपदा जग में जान
कोर्ट- कचहरी ना करे , दुश्मन को भगवान
दुश्मन को भगवान , गरीबी रोग कहाता
दुनिया का आनन्द ,सिर्फ धनिकों को आता
कहते रवि कविराय , कर्ज की किस्तें भारी
खर्चे अंधाधुंध , शान की है बीमारी
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रचयिताः रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[6/9/2019, 5:02 PM] Ravi Prakash: तिहाड़ में हाल( कुंडलिया)
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सोने को मिलती धरा, खाते रोटी दाल
बड़े- बड़ों का हो रहा, यह तिहाड़ में हाल
यह तिहाड़ में हाल, टॉयलेट इंग्लिश पाया
लगता ज्यों वरदान, किसी ने नेक सुनाया
कहते रवि कविराय , बची बैरक रोने को
कोठी स्वप्न समान , जेल है अब सोने को
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[18/9/2019, 1:10 PM] Ravi Prakash: हर कोने में पीक( कुंडलिया )
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गमले पीकों से भरे , हर कोने में पीक
जिनके मुँह में पीक है ,कहते हैं यह ठीक
कहते हैं यह ठीक, देखिए क्या पिचकारी
पिच्च- पिच्च आवाज,लक्ष्य पर देकर मारी
कहते रवि कविराय , पीक के अद्भुत हमले
क्या दफ्तर घर – बार ,देखिए महके गमले
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रचयिताः रवि प्रकाश बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश (मोबाइल ).99 97 615451
[4/10/2019, 12:45 PM] Ravi Prakash: जन्म तिथि 4 अक्टूबर 1960 के अनुसार 59 वर्ष पूरे होने पर लिखी गई
एक कुंडलिया
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उनसठ जब पूरे हुए, लगा सोच आघात
साठ बरस में रह गई ,एक साल की बात
एक साल की बात , कहेंगे सब जन बूढ़े
एक साल क्या देर , दौड़कर होंगे पूरे
कहते रविकविराय,समय यह करता है हठ
होंगे पूरे साठ , जिस तरह पूरे उनसठ
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रचयिता ःरवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9 99761 5451
दिनांक 4 अक्टूबर 2019
[12/10/2019, 1:37 PM] Ravi Prakash: आता काल बिना कहे (कुंडलिया)
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आता काल बिना कहे, लेकर जाता जान
कब आया कब डँस गया,क्या किसको अनुमान
क्या किसको अनुमान,मरण का सिर्फ बहाना
जन्म – मृत्यु का खेल , जगत में रहा पुराना
कहते रवि कविराय, काल सबको ही खाता
बालक वृद्ध जवान , काल सबके घर आता
“”””””””'””””‘”‘”””””””””'”””””””””””'”””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[14/10/2019, 1:28 PM] Ravi Prakash: प्याज (कुंडलिया )
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खाने वाले खा रहे , खुशबू वाली प्याज
बिना प्याज बनती कहाँ,दिखती सब्जी आज
दिखती सब्जी आज , काटने वाले रोते
खाने वाले स्वाद , खुशबुओं में हैं खोते
कहते रवि कविराय ,न मिलते ठौर- ठिकाने
बिना प्याज इस दौर ,चले जब सब्जी खाने
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451
[19/10/2019, 8:25 PM] Ravi Prakash: साठ वर्ष का (कुंडलिया)
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साठ वर्ष का जो हुआ , समझो गुण की खान
उम्र यही उत्तम हुई , असली यह विज्ञान
असली यह विज्ञान , अनुभवों से भर जाता
दुनियादारी ज्ञान , चौगुना भीतर पाता
कहते रवि कविराय , विषय यह बड़े हर्ष का
रखे स्वास्थ्य बस ठीक,हुआ जो साठ वर्ष का
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[25/10/2019, 10:18 AM] Ravi Prakash: काया- धन (कुंडलिया)
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काया-धन सबसे बड़ा , रखिए इसे सँभाल
जो काया से खुश रहा, असली में खुशहाल
असली में खुशहाल , निरोगी काया पाई
फटकी जिसके पास , सर्जरी नहीं दवाई
कहते रवि कविराय ,नियम से रहना आया
जिया तीन सौ साल,योगमय जिसकी काया
“”””””””””””””””””””””””””'””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 9997 61 5451
[2/11/2019, 10:10 AM] Ravi Prakash: दूभर लेना साँस( कुंडलिया )
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छाई वायु जहर भरी , दूभर लेना साँस
हालत खस्ता हो रही ,रात- रात भर खाँस
रात- रात भर खाँस ,प्रदूषण इतना भारी
हाँफ रहा इंसान , हाँफते सब नर- नारी
कहते रवि कविराय , दुर्दशा ऐसी आई
घटती जाती आयु, मौत ज्यों सब पर छाई
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[3/11/2019, 12:11 PM] Ravi Prakash: गलियाँ पानी से भरीं( कुंडलिया)
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गलियाँ पानी से भरीं , परेशान इंसान
रहने वाले कह रहे , बुरे फँसे भगवान
बुरे फँसे भगवान , दुकानें व्यर्थ सजाएं
गलियों में से लोग, किस तरह आएं-जाएं
कहते रवि कविराय, शूल संग जैसे कलियाँ
बदबूदार मकान , रो रहीं जैसे गलियाँ
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[3/11/2019, 7:04 PM] Ravi Prakash: रात दिन विष को पीते( कुंडलिया )
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साफ हवा है अब कहाँ,किसने देखी आज
दिल्ली- एनसीआर में , रहते आती लाज
रहते आती लाज ,रात दिन विष को पीते
आधी लेते साँस , हाँफते जैसे जीते
कहते रवि कविराय ,मर्ज की नहीं दवा है
ढूँढ रहे हैं लोग, कहाँ अब साफ हवा है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[4/11/2019, 6:44 PM] Ravi Prakash: रात में लाउडस्पीकर (दो कुंडलियाँ)
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(1)
सोए कैसे आदमी, दस बजने के बाद
लाउड स्पीकर कर रहा, नींदों को बर्बाद
नींदों को बर्बाद, रात भर खूब बजाते
रक्षक जो कानून, रोक कब लेकिन पाते
कहते रवि कविराय ,आदमी कितना रोए
रोते बीती रात, किस तरह कैसे सोए
(2)
शोर मचाते रात को , लाउड स्पीकर तेज
सोना मुश्किल हो गया, काँटों की ज्यों सेज
काँटों की ज्यों सेज, रात- भर जगते बीती
लड़ी रात भर नींद ,शोर से पर कब जीती
कहते रवि कविराय, जश्न इस तरह मनाते
कानफोड़ आवाज , रात भर शोर मचाते
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल9997 61 5451
[5/11/2019, 8:40 PM] Ravi Prakash: प्रदूषण( कुंडलिया)
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कैसे दिल्ली में घटे ,बढी प्रदूषण मार
सोच रहे सब क्या करें ,कैसे हो उपचार
कैसे हो उपचार ,ऑड- ईवन अपनाया
कहा पराली- दोष,रेत- सरिया रुकवाया
कहते रवि कविराय , तरीके ऐसे- वैसे
मर्ज हुआ गंभीर, काम कर पाएं कैसे
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 61 5451
[6/11/2019, 12:42 PM] Ravi Prakash: साफ- सफाई (कुंडलिया)
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साफ- सफाई सब रखें, डेंगू करे न वार
मच्छर पनपेंगे नहीं, असली यह उपचार
असली यह उपचार,कहीं जल ठहर न पाए
चले स्वच्छ अभियान ,निरोगी जग हो जाए
कहते रवि कविराय , मुक्ति रोगों से पाई
जिनकी उत्तम सोच, रख रहे साफ-सफाई
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[12/11/2019, 6:30 PM] Ravi Prakash: कैसे हो अब स्नान (कुंडलिया)
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काला पानी दिख रहा, नदियों का मन म्लान
कैसे जल – क्रीड़ा करें , कैसे हो अब स्नान
कैसे हो अब स्नान, फैक्ट्रियाँ जहर बहातीं
शहरों का मल – मूत्र , गंदगी नदियाँ पातीं
कहते रवि कविराय ,पड़ा कुटिलों से पाला
नियमों को रख ताक, कर रहे पानी काला
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615451
[16/11/2019, 10:44 PM] Ravi Prakash: शुरू साठवाँ साल( कुंडलिया )
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कहलाता नव – दौर है,शुरू साठवाँ साल
आँखें बूढी हो रहीं, श्वेत हो रहे बाल
श्वेत हो रहे बाल , बतीसी हिलती पाई
घुटनों में तकलीफ , कान से कहाँ सुनाई
कहते रवि कविराय ,हँसो मुस्काओ भ्राता
जीवन का हर दौर, एक अनुभव कहलाता
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रचयिता ; रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[18/11/2019, 8:59 PM] Ravi Prakash: घर की चक्की( कुंडलिया)
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चक्की बोली अब कहाँ, घर-घर मेरी बात
गेहूँ कब मुझसे पिसा, सबसे ही आघात
सबसे ही आघात , न कोई मुझे चलाता
वरना इस्तेमाल , रोग सब दूर भगाता
कहते रवि कविराय,बात यह समझो पक्की
कसरत भी थी साथ, घूमती घर की चक्की
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[20/11/2019, 11:35 AM] Ravi Prakash: मौजी मन के (कुंडलिया)
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मन के मौजी हम रहे, सत्ता .के कब दास
पद के पीछे कब चले,धन की कब की आस
धन की कब की आस ,राह पर अपने चलते
हम भीतर से एक , हाथ चाहे हों मलते
कहते रवि कविराय, न पीछे भागो धन के
रहे मजे में लोग ,दीखते मौजी मन के
रचयिता रवि प्रकाश बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99 97 61 545
[21/11/2019, 11:38 AM] Ravi Prakash: मानव की पहचान (कुंडलिया)
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मानव से बढ़कर हुआ, पशुओं को यह ज्ञान
जीवन में संवेदना , मानव की पहचान
मानव की पहचान , काम औरों के आएँ
जो समाज में दोष , दूर आमूल भगाएँ
कहते रवि कविराय, युद्ध हर क्षण दानव से
सच पूछो पशु आज , हुए बढ़कर मानव से
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[21/11/2019, 2:29 PM] Ravi Prakash: धूप (कुंडलिया)
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सबसे ज्यादा कीमती , जाड़ों में है धूप
सबको यह ही चाहिए,क्या फकीर क्या भूप
क्या फकीर क्या भूप , सभी को धूप सुहाती
बदनसीब वह धूप , नहीं जिनको मिल पाती
कहते रवि कविराय , दोष मौसम में जब से
उजली खिलती धूप , दूर बैठी है सबसे
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रचयिता रवि प्रकाश बाजार सराफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99 97 61 545 एक
[21/11/2019, 6:55 PM] Ravi Prakash: कोयल नभ से पूछती (कुंडलिया)
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उजड़ी ऋतुएं हो गईं, ठुन्ठ दीखती डाल
कोयल नभ से पूछती, मौसम क्यों बदहाल
मौसम क्यों बदहाल ,हवा में दोष समाया
दूषित है जलवायु ,पाप क्यों कहो कमाया
कहते रवि कविराय, लगा ज्यों तुरपन उधड़ी
धुंध हवा में धूल, जगह सब उजड़ी- उजड़ी
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[22/11/2019, 2:30 PM] Ravi Prakash: रोग से गर्दन अकड़ी( कुंडलिया)
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अकड़ी गर्दन घूमता, सिर फिरकी की चाल
दिन में तारे दिख रहे , आँखें हैं बदहाल
आँखें हैं बदहाल , हाथ मोबाइल आया
दिन हो चाहे रात , खूब बस इसे चलाया
कहते रवि कविराय,राह अनुचित यह पकड़ी
लत को समझो रोग,रोग से गर्दन अकड़ी
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[26/11/2019, 7:46 PM] Ravi Prakash: उनसठ (कुंडलिया)
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उनसठ के जो हो चुके , होंगे पूरे साठ
खुद को मत समझें युवा,पढ़ लें सच का पाठ
पढ़ लें सच का पाठ, बाल अब कब हैं काले
घुटने कहते रोज , हो रहे ढी़ले – ढा़ले
कहते रवि कविराय ,बुढ़ापा करता है हठ
स्वागत मेरा आप, कीजिए मैं हूँ उनसठ
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 61 5451
[11/12/2019, 9:01 AM] Ravi Prakash: बोला कैदी एक( कुंडलिया)
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दिल्ली में दूषित हवा , बोला कैदी एक
फाँसी क्यों देते मुझे , सुनो मशवरा नेक
सुनो मशवरा नेक , मुझे दिल्ली में डालें
दूषित नभ के बीच,रोज ही मुझको पालें
कहते रवि कविराय,शहर की उड़ती खिल्ली
जल्दी होगी मौत , बसेगा जो भी दिल्ली
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451
[19/12/2019, 12:04 PM] Ravi Prakash: भारत आयुष्मान (कुंडलिया)
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सारी दुनिया कह रही , भारत आयुष्मान
स्वास्थ्य प्रदाता यह बड़ी, सबसे श्रेष्ठ महान
सबसे श्रेष्ठ महान , सभी का रोग मिटाती
जन-जन को यह लाभ,मुफ्त घर-घर पहुँचाती
कहते रवि कविराय, मील का पत्थर भारी
सेहत जिंदाबाद , मिटे बीमारी सारी
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रचयिता: रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 9997615451
[24/1/2020, 12:41 PM] Ravi Prakash: सबसे बड़ा सवाल ( कुंडलिया )
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मर जाएँगे आज ही , या जीवित सौ साल
लेकिन उससे क्या हुआ,सबसे बड़ा सवाल
सबसे बड़ा सवाल,खेल किस लिए चलाया
क्यों जाता इंसान,किस लिए जग में आया
कहते रवि कविराय , समझ कैसे पाएँगे
जीवन के दिन चार,और फिर मर जाएँगे
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[25/1/2020, 11:40 AM] Ravi Prakash: शौचालय सौगात( कुंडलिया )
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गाँव- शहर में खुल रहे , शौचालय हर ओर
बीत रही गहरी निशा , आया नवयुग भोर
आया नवयुग भोर , घोर तम गया मिटाया
धवल स्वच्छता भाव ,लोक के मन में आया
कहते रवि कविराय,खुले अब हर घर-घर में
शौचालय सौगात , गली हर गाँव – शहर में
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 545 1
[2/2/2020, 11:51 AM] Ravi Prakash: चलती का नाम गाड़ी( कुंडलिया)
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चलती का लो रख दिया , सबने गाड़ी नाम
जुड़ी हुई यह आज से , वर्तमान से काम
वर्तमान से काम , सदा इस क्षण जो जीता
क्या भविष्य क्या भूत , रहा दोनों से रीता
कहते रवि कविराय , नहीं चलती की गलती
उसको करो प्रणाम , आज है जिसकी चलती
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रचयिता ःरवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451
[3/2/2020, 11:44 AM] Ravi Prakash: दाँत मंजन रोजाना( कुंडलिया )
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रोजाना मंजन करो , सोओ उसके बाद
दाँत अभागे कर रहे , सबसे यह फरियाद
सबसे यह फरियाद , करो ब्रश फिर ही सोना
नहीं लगेगा रोग , दाँत का रोना – धोना
कहते रवि कविराय , राज सबको बतलाना
चाह रहे हर रात , दाँत मंजन रोजाना
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 9761 5451