✍️✍️लफ्ज़✍️✍️
✍️✍️लफ्ज़✍️✍️
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कभी किसी
का आत्मसम्मान
कट के हो जाये चूर…
कभी किसी
का स्वाभिमान
फट के हो जाये गुरूर…
अपने तीखे
लफ्ज़ो में निर्मान ना
हो कभी ऐसी पैनी धार…!
अपने लफ्ज़ मुलायम हो,
हर किसी के मानसम्मान
को लगे मखमल सा आधार… !
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✍️”अशांत”शेखर✍️
16/06/2022