✍️मेरी कलम की स्याही✍️
✍️मेरी कलम की स्याही✍️
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मेरी कलम की स्याही से उतरे ये लफ्ज़ कुछ बोलते है
इसमें अपनों से मिले ज़ख्म और दुनिया ने दिये घांव है
इस शेरो शायरी में कुछ अपने जिंदगी के दर्द-ए-गम है
छाँव की तलाश में पड़े कड़ी धूप से छालों भरे ये पांव है
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✍️©’अशांत’ शेखर✍️
24/08/2022