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10 Feb 2024 · 1 min read

माहिया – डी के निवातिया

माहिया
******

जाती हो तो जाओ,
बीती बाते तुम,
यादो में ना आओ !!

!
आओ ना मस्ती में,
की खो ना जाऊं
मैं दिल की बस्ती में !!

!
मौसम रंगीला है,
दिल भारी भारी,
थोड़ा सा ढीला है !!

!
अब तो आओ सजना,
कब तक रहुं तन्हा,
बिन तेरे ना जचना !!

!
तन मन तुमपे वारी,
हारी मैं हारी,
जाती हूँ बलिहारी ।।
***

डी के निवातिया

1 Like · 48 Views
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