Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**

**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
******************************

कब से बंद पड़ी है गली दुकान की,
भुगती आज सजा है खुली जुबान की।

कोई साथ खड़ा,हैँ कहीं नहीं दिखा,
देखी है आन सदा कीमती बयान की।

वो तो झूठ सदा थे बोलते रहे यहाँ,
दुनिया जान गई है कड़ी विधान की।

मिलता खूब रहा खोट रोज आम सा,
झूटी काम न आई कली बखान की।

छिपता चाँद बुरा है लगे विराग का,
मिटती कब रीझ है भला विहान की।

मानसीरत न रुका है कभी मुकाम पर,
गिरती नींव रुकी ही नहीं मकान की।
******************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यारी प्यारी सी
प्यारी प्यारी सी
SHAMA PARVEEN
धैर्य.....….....सब्र
धैर्य.....….....सब्र
Neeraj Agarwal
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गुनाह ना करके भी
गुनाह ना करके भी
Harminder Kaur
Kohre ki bunde chhat chuki hai,
Kohre ki bunde chhat chuki hai,
Sakshi Tripathi
बाबू जी
बाबू जी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ईंट खोदकर नींव की, गिरा दिया निज गेह ।
ईंट खोदकर नींव की, गिरा दिया निज गेह ।
Arvind trivedi
2557.पूर्णिका
2557.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
सौरभ पाण्डेय
"दोस्ती क्या है?"
Pushpraj Anant
कभी भी व्यस्तता कहकर ,
कभी भी व्यस्तता कहकर ,
DrLakshman Jha Parimal
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
झाँका जो इंसान में,
झाँका जो इंसान में,
sushil sarna
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
Sunil Suman
इतनी के बस !
इतनी के बस !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
"लफ़्ज़ भी आन बान होते हैं।
*प्रणय प्रभात*
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
औरत अश्क की झीलों से हरी रहती है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
ना भई ना, यह अच्छा नहीं ना
ना भई ना, यह अच्छा नहीं ना
gurudeenverma198
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
*दादी चली गई*
*दादी चली गई*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पर्यावरण दिवस
पर्यावरण दिवस
Satish Srijan
*भीड़ से बचकर रहो, एकांत के वासी बनो ( मुक्तक )*
*भीड़ से बचकर रहो, एकांत के वासी बनो ( मुक्तक )*
Ravi Prakash
याद
याद
Kanchan Khanna
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
अति वृष्टि
अति वृष्टि
लक्ष्मी सिंह
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
Sanjay ' शून्य'
हर मानव खाली हाथ ही यहाँ आता है,
हर मानव खाली हाथ ही यहाँ आता है,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Loading...