✍️गहरी बात✍️
हाथ थामना पड़ जाए तुझे किसी और का तो थाम लेना,
मत सोचना मै क्या कहूंगी,
शायद सोचने के लिए मै रहुँ ना रहुँ,
प्यार जताना पड़ जाए तुझे किसी और से तो जता देना,
मत सोचना मै क्या सोचूंगी,
शायद कुछ सोचने के लिए मै रहुँ ना रहुँ,
तुझे पता है मै नहीं देख सकती तुझे किसी और के साथ पर तू रह लेना,
मत सोचना मै कैसे देखूँगी,
शायद कुछ देखने के लिए मै रहुँ ना रहुँ,
जो भी करना परिवार की खुशी से करना,
मत सोचना मै बिखर जाऊंगी,
शायद बिखरने के लिए मै रहुँ ना रहुँ,
तुझे फेरे लेने पड़ जाए किसी और के साथ तो ले लेना,
मत सोचना मै कैसे जियुंगी,
शायद जीने के लिए मै रहुँ ना रहुँ ।
✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu)
कौशाम्बी