*◆दरमियां लवो के◆*
◆दरमियां लवो के◆
बंदिशों का दौर गुजर जाये तो पास आओ न,,
बहुत दूर दूर से हो गये हो खास हो जाओ न,,
मेरे लवो की सोखिया खुश्क होने लगी है अब तो,,
इन लवो के दरमियां उन लवो को लाओ न,,
हैरान से दिन है मेरे परेसान सी ये सर्द राते है,,
कुछ गर्मजोशी का यहसास हो ऐसी अगन जलाओ न,,
शहर से दूर शहर का मिजाज बदला सा है जाने क्यू,,
कुछ रोज आके अपने शहर से मेरे शहर मे बिताओ न,,
मासूम कली हो हम भी गुलाब सा दिल रखते है जानो,,
मनु के दिलेबाग को आके इत्र सा महकाओ न,,
【मानक लाल मनु】