मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
सिर्फ जो उठती लहर व धार देखेगा
यादों का थैला लेकर चले है
औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
मेघाें को भी प्रतीक्षा रहती है सावन की।
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कल तेरे नाम से दुनिया ने मुझको जाना था,
ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
अगर आप समय के अनुसार नही चलकर शिक्षा को अपना मूल उद्देश्य नह
अपनी तस्वीरों पर बस ईमोजी लगाना सीखा अबतक
*** " तिरंगा प्यारा.......!!! " ***