■ मुक्तक / सीढियां उम्र की
■ सीढ़ियां उम्र की…..
【प्रणय प्रभात】
“छत पे जा कोने में छुप जाती कहीं,
और अपने आप को खोती नहीं।
सीढ़ियां होती हैं केवल उम्र की,
ज़िन्दगी की सीढ़ियां होती नहीं।।
■ सीढ़ियां उम्र की…..
【प्रणय प्रभात】
“छत पे जा कोने में छुप जाती कहीं,
और अपने आप को खोती नहीं।
सीढ़ियां होती हैं केवल उम्र की,
ज़िन्दगी की सीढ़ियां होती नहीं।।