√√भगतसिंह सुखदेव राजगुरु की महान कुर्बानी 【गीत】
भगतसिंह सुखदेव राजगुरु की महान कुर्बानी 【गीत】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
भगत सिंह सुखदेव राजगुरु की महान कुर्बानी
याद करो भारत माँ के भक्तों की अमर कहानी
(1)
तेइस मार्च इकत्तिस की थी कालरात्रि जब
आई
रो -रो पड़ा देश यह भारत ,बदली दुख की
छाई
फाँसी के फंदे पर निर्मम गोरों ने लटकाया
मौन हो गई वीर-क्रांति से भरी शौर्य की
काया
तेइस की थी उम्र सभी की अर्पित हुई
जवानी
(2)
अंग्रेजों का राज हिंद में हत्यारा आतुर था
उत्पीड़नवादी गोरी सत्ता का अड़ियल सुर था
वीर लाजपत राय देश की बलिवेदी पर हारे
लाठी की चोटों से लड़कर गए देशहित मारे
नहीं चलेगी मनमानी यह थी वीरों ने ठानी
(3)
हाथों में पिस्तौल थाम सांडर्स क्रूर को मारा
यह था एक पुलिस अधिकारी या कहिए
हत्यारा
उफन पड़ी गोरी सत्ता दिन-रात एक कर
डाला
सोचा कौन चला हाथों में लेकर विष का
प्याला
यह था एक त्रिभुज वीरों का तीन वीर
बलिदानी
(4)
यह ही थे सुखदेव पत्र गाँधी जी को लिख
पाए
इर्विन समझौते पर तीखे मारक प्रश्न उठाए
कहा क्रांतिकारी कब छूटे जेलों में सड़ते हैं
फिर भी गाँधी कहो शांति की बातें क्यों करते
हैं
यह ही थे सुखदेव जिन्हें आती थी आग
जलानी
(5)
यह थे वीर राजगुरु पूना से काशी आए थे
साथ साथ वेदों के युद्ध- कला कौशल पाए
थे
जब अफसर सांडर्स मारने की योजना बनी
थी
कार्य-लिप्तता वीर राजगुरु की ही बड़ी घनी
थी
इनके बलिदानों की गाथा सबको याद
जुबानी
(6)
भगतसिंह थे क्रांतिवीर जिनसे गोरे थर्राए
बम असेंबली में फेंका था मगर नहीं
घबराए
गोरी सत्ता के बहरे कानों को खूब सुनाया
मापदंड यह मृत्यु- वरण करने का गया
बनाया
इतिहासों में कहीं नहीं इस कुर्बानी का सानी
(7)
अंग्रेजों को लिखा हमें मत फाँसी पर
लटकाना
अरे युद्ध हमने छेड़ा है समुचित सजा सुनाना
फौज बुलाओ हमें मारने को गोली चलवाओ
वीरों का बलिदान किस तरह दुनिया को
दिखलाओ
नहीं सहेंगे बर्बर गोरी सत्ता की मनमानी
भगतसिंह सुखदेव राजगुरु की महान
कुर्बानी
********************************
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451