Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2024 · 1 min read

இந்த உலகில் எல்லாமே நிலையற்றது தான் நிலையானது இன்று நாம் நின

இந்த உலகில் எல்லாமே நிலையற்றது தான் நிலையானது இன்று நாம் நினைப்பதெல்லாம் பெரும் ஜட பொருளாக தான் இருக்கிறது

+ ஓட்டேரி செல்வ குமார்

26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या कहना हिन्दी भाषा का
क्या कहना हिन्दी भाषा का
shabina. Naaz
औरत औकात
औरत औकात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।
जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।
पूर्वार्थ
एक ज़िद थी
एक ज़िद थी
हिमांशु Kulshrestha
*इश्क़ से इश्क़*
*इश्क़ से इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
2938.*पूर्णिका*
2938.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परिस्थितीजन्य विचार
परिस्थितीजन्य विचार
Shyam Sundar Subramanian
प्रेम
प्रेम
Pratibha Pandey
मेरी घरवाली
मेरी घरवाली
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
यादों की किताब
यादों की किताब
Smita Kumari
हमारी सम्पूर्ण ज़िंदगी एक संघर्ष होती है, जिसमे क़दम-क़दम पर
हमारी सम्पूर्ण ज़िंदगी एक संघर्ष होती है, जिसमे क़दम-क़दम पर
SPK Sachin Lodhi
नजदीकियां हैं
नजदीकियां हैं
surenderpal vaidya
..
..
*प्रणय प्रभात*
वो  खफा है ना जाने किसी बात पर
वो खफा है ना जाने किसी बात पर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"समाहित"
Dr. Kishan tandon kranti
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
Shashi kala vyas
कविता-
कविता- "हम न तो कभी हमसफ़र थे"
Dr Tabassum Jahan
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
Rajendra Kushwaha
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
“लिखने से कतराने लगा हूँ”
“लिखने से कतराने लगा हूँ”
DrLakshman Jha Parimal
चाहे जिसको नोचते,
चाहे जिसको नोचते,
sushil sarna
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
तुम में एहसास
तुम में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
फीका त्योहार !
फीका त्योहार !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
Shweta Soni
भीगी पलकें...
भीगी पलकें...
Naushaba Suriya
किसी दर्दमंद के घाव पर
किसी दर्दमंद के घाव पर
Satish Srijan
ग़ज़ल(नाम जब से तुम्हारा बरण कर लिया)
ग़ज़ल(नाम जब से तुम्हारा बरण कर लिया)
डॉक्टर रागिनी
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
मैं कल के विषय में नहीं सोचता हूं, जो
मैं कल के विषय में नहीं सोचता हूं, जो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...