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17 Jun 2018 · 1 min read

#ग़ज़ल-46

बहर-फ़ाइलातुन मुफ़ाईलुन फ़ेलुन
2122 1212 22

आपकी याद इस तरह आई
ये हवा ज्यों गुलाब छू आई/1

रातभर सोचता रहूँ ना मैं
आँख सपना तिरा सज़ा लाई/2

दूरियाँ-दूरियाँ नहीं होती
चाहतें जब बने न हरजाई/3

हम सदा मिल रहें यही चाहा
दो दिलों को मिले न तन्हाई/4

आ मिलें हम गले करें वादा
हो न दिल में कभी ज़रा खाई/5

प्रीत सजके मिटे नहीं प्रीतम
ज्यों तनों से हटे न परछाई/6

-आर.एस. “प्रीतम”

1 Like · 344 Views
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