Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2017 · 1 min read

ग़ज़ल-ये तुम क्यों भूल गए

ग़ज़ल-ये तुम क्यों भूल गए

मैंने तुम से प्यार किया था…..ये तुम क्यों भूल गए
तुमको सब कुछ मान लिया था ये तुम क्यों भूल गए

सुबह थी तुम शाम थी तुम मेरे दिल की जान थी तुम
सब कुछ तुझपर वार दिया था ये तुम क्यों भूल गए

हर जन्म साथ निभाने का एक-दूसरे को अपनाने का
साथ मिलकर कसम लिया था ये तुम क्यों भूल गए

हर पल तेरा साथ दिया तेरे हर सुख-दुख के लमहों में
तेरे हर एक जख्मो को सिया था ये तुम क्यों भूल गए

एक तरफ थे दुनियावाले एक तरफ दीवाना “पियुष”
सांसों में तुमको बसा लिया था ये तुम क्यों भूल गए

पियुष राज ,दुमका ,झारखण्ड
कविता- 64 (26 मई 2017)

478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
3138.*पूर्णिका*
3138.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चिरकाल तक लहराता अपना तिरंगा रहे
चिरकाल तक लहराता अपना तिरंगा रहे
Suryakant Angara Kavi official
मदनोत्सव
मदनोत्सव
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
राह से भटके लोग अक्सर सही राह बता जाते हैँ
राह से भटके लोग अक्सर सही राह बता जाते हैँ
DEVESH KUMAR PANDEY
*गुरु जी की मक्खनबाजी (हास्य व्यंग्य)*
*गुरु जी की मक्खनबाजी (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💐प्रेम कौतुक-434💐
💐प्रेम कौतुक-434💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नशे में फिजा इस कदर हो गई।
नशे में फिजा इस कदर हो गई।
लक्ष्मी सिंह
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
अपनापन
अपनापन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
~~बस यूँ ही~~
~~बस यूँ ही~~
Dr Manju Saini
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माचिस
माचिस
जय लगन कुमार हैप्पी
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
Ashwini sharma
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
Shweta Soni
तमाशबीन जवानी
तमाशबीन जवानी
Shekhar Chandra Mitra
नंद के घर आयो लाल
नंद के घर आयो लाल
Kavita Chouhan
हिन्दी की मिठास, हिन्दी की बात,
हिन्दी की मिठास, हिन्दी की बात,
Swara Kumari arya
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
प्यार ~ व्यापार
प्यार ~ व्यापार
The_dk_poetry
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोस्ती ना कभी बदली है ..न बदलेगी ...बस यहाँ तो लोग ही बदल जा
दोस्ती ना कभी बदली है ..न बदलेगी ...बस यहाँ तो लोग ही बदल जा
DrLakshman Jha Parimal
हेेे जो मेरे पास
हेेे जो मेरे पास
Swami Ganganiya
शिव वंदना
शिव वंदना
ओंकार मिश्र
🥀✍अज्ञानी की 🥀
🥀✍अज्ञानी की 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी शायरी
मेरी शायरी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
Ranjeet kumar patre
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
Loading...