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18 Jul 2023 · 1 min read

मेरी शायरी

ये जो दो मिसरे और दो नब्ज़, मैं कहने वाला हूँ,
ये मेरे महबूब की मोहब्बत है जिसका मैं होने वाला हूँ..!

उसके होंठों से सुन लोगे जो मेरी नाजुक शायरी,
वो आँखों से लिख देती है मैं बस उसी को पढ़ने वाला हूँ..!

उसके गुलाबी होंठ हैं और झील सी गहरी आंखें हैं खबरदार,
तुम दूर से ही नजारा देखोगे अब मैं उसी मैं तैरने वाला हूँ..!

उसे देखते ही तुम रूह छोड़ दोगे अपने बदन से,
मैं छोड़ चुका हूँ ज़िस्म को अब उसी की रूह में खोने वाला हूँ..!

वो हवा है मदहोश सी जो उठती है पूरब के सागर से,
मैं धुएं का बादल हूँ जो सावन की तरह अब बरसने वाला हूँ..!

पगडंडियों के जैसे हैं उसके बदन के मोड़,
मैं राही अलबेला हूँ अब उन्हीं पर चलने वाला हूँ.!

बजता है राग उसकी धड़कनों का मेरे मासूम जिगर में,
तुम भी दिल पर हाथ रखकर सुनिए मैं बस वही लिखने वाला हूँ..!

Language: Hindi
1 Like · 356 Views
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