ख़्वाहिश…..
?? मुक्तक ??
??????????
फ़क़त इतनी सी ख़्वाहिश थी वतन के काम आता सर।
तिरंगे का कफ़न होता गर्व से उठ ही जाता सर।
लहू पानी है जो ना काम आये मुल्क़ की ख़ातिर।
सदा माँ भारती के ‘तेज’ के किस्से सुनाता सर।
??????????
?तेज मथुरा
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फ़क़त इतनी सी ख़्वाहिश थी वतन के काम आता सर।
तिरंगे का कफ़न होता गर्व से उठ ही जाता सर।
लहू पानी है जो ना काम आये मुल्क़ की ख़ातिर।
सदा माँ भारती के ‘तेज’ के किस्से सुनाता सर।
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?तेज मथुरा