Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2017 · 1 min read

ख़्वाहिश…..

?? मुक्तक ??
??????????

फ़क़त इतनी सी ख़्वाहिश थी वतन के काम आता सर।
तिरंगे का कफ़न होता गर्व से उठ ही जाता सर।
लहू पानी है जो ना काम आये मुल्क़ की ख़ातिर।
सदा माँ भारती के ‘तेज’ के किस्से सुनाता सर।

??????????
?तेज मथुरा

Language: Hindi
221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
तुम मुझसे ख़फ़ा हो गए हो
तुम मुझसे ख़फ़ा हो गए हो
शिव प्रताप लोधी
दीवाली
दीवाली
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"समय के साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
गुरु और गुरू में अंतर
गुरु और गुरू में अंतर
Subhash Singhai
बदनाम से
बदनाम से
विजय कुमार नामदेव
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नव वर्ष की बधाई -2024
नव वर्ष की बधाई -2024
Raju Gajbhiye
मैं खड़ा किस कगार
मैं खड़ा किस कगार
विकास शुक्ल
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
** दूर कैसे रहेंगे **
** दूर कैसे रहेंगे **
Chunnu Lal Gupta
...........
...........
शेखर सिंह
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
!! वह कौन थी !!
!! वह कौन थी !!
जय लगन कुमार हैप्पी
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
Jyoti Khari
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
Dr. Upasana Pandey
*गाजर-हलवा श्रेष्ठतम, मीठे का अभिप्राय (कुंडलिया)*
*गाजर-हलवा श्रेष्ठतम, मीठे का अभिप्राय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
कवि रमेशराज
अर्थ रार ने खींच दी,
अर्थ रार ने खींच दी,
sushil sarna
भीड से निकलने की
भीड से निकलने की
Harminder Kaur
3850.💐 *पूर्णिका* 💐
3850.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज के लिए कम सोचो
आज के लिए कम सोचो
Ajit Kumar "Karn"
काजल
काजल
Neeraj Agarwal
कैसी यह मुहब्बत है
कैसी यह मुहब्बत है
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
बुढ़ापा भी गजब हैं
बुढ़ापा भी गजब हैं
Umender kumar
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
संस्कारी लड़की
संस्कारी लड़की
Dr.Priya Soni Khare
A Picture Taken Long Ago!
A Picture Taken Long Ago!
R. H. SRIDEVI
■ “दिन कभी तो निकलेगा!”
■ “दिन कभी तो निकलेगा!”
*प्रणय*
कुछ नमी अपने साथ लाता है
कुछ नमी अपने साथ लाता है
Dr fauzia Naseem shad
Loading...