Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2023 · 1 min read

भीड से निकलने की

भीड से निकलने की
चाहत होने लगी है
अब हमे भी पहचान
गैरौ की होने लगी है
चन्द ख्वाहिश की खातिर
अपनो से तू -तू ,
मै -मै होने लगीं है।

हरमिंदर कौर, अमरोहा

3 Likes · 212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ ख़ास दिन, ख़ास दोहा
■ ख़ास दिन, ख़ास दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
नव उल्लास होरी में.....!
नव उल्लास होरी में.....!
Awadhesh Kumar Singh
शैक्षिक विकास
शैक्षिक विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पर्यावरण
पर्यावरण
नवीन जोशी 'नवल'
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
Anand Kumar
आपका बुरा वक्त
आपका बुरा वक्त
Paras Nath Jha
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
🙏
🙏
Neelam Sharma
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
Dr MusafiR BaithA
सुख दुख
सुख दुख
Sûrëkhâ Rãthí
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
रक्षाबन्धन
रक्षाबन्धन
कार्तिक नितिन शर्मा
💐प्रेम कौतुक-227💐
💐प्रेम कौतुक-227💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
Suryakant Dwivedi
मेरे जाने के बाद ,....
मेरे जाने के बाद ,....
ओनिका सेतिया 'अनु '
3168.*पूर्णिका*
3168.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक तेरे चले जाने से कितनी
एक तेरे चले जाने से कितनी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
क्यों तुम उदास होती हो...
क्यों तुम उदास होती हो...
Er. Sanjay Shrivastava
Weekend
Weekend
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मोहन तुम से तुम्हीं हो, ग्रथित अनन्वय श्लेष।
मोहन तुम से तुम्हीं हो, ग्रथित अनन्वय श्लेष।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
Dushyant Kumar
दुनिया मे नाम कमाने के लिए
दुनिया मे नाम कमाने के लिए
शेखर सिंह
यही रात अंतिम यही रात भारी।
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Srishty Bansal
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"परिपक्वता"
Dr Meenu Poonia
बरसातें सबसे बुरीं (कुंडलिया )
बरसातें सबसे बुरीं (कुंडलिया )
Ravi Prakash
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
दुष्यन्त 'बाबा'
Loading...