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2 May 2024 · 1 min read

कुछ नमी अपने साथ लाता है

कुछ नमी, अपने साथ लाता है।
जब भी तेरा ख़्याल आता है।।

देख कर ही सुकून मिलता है।
तेरा चेहरा नज़र को भाता है।।

कुछ भी रहता नहीं है यादों में।
वक़्त लम्हों में बीत जाता है।।

रास्तों पर सभी तो चलते है।
कौन मंजिल को अपनी पाता है।।

मैं भी हो जाती हूँ गज़ल जैसी ।
वो गजल जब कभी सुनाता है।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
2 Likes · 18 Views
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