Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2016 · 1 min read

‘ विरोधरस ‘—5. तेवरी में विरोधरस — रमेशराज

—————————————————–
कवि के रूप में एक तेवरीकार के लिये ऐसा सारा वातावरण मक्कारी, छल, फरेब, ठगई से बनता है, जो खुशियों के बजाय दुःख को जनता है। तेवरीकार ऐसे वातावरण को लेकर क्षुब्ध होता है और अपने मन में ऐसे आक्रोश को संजोता है जो तेवरी में विरोध-रस का परिपक्व बनता है-
खुदकुशी कर ली हमारे प्यार ने,
डस लिये हम आपसी तकरार ने।
-दर्शन बेज़ार, ‘देश खण्डित हो न जाए’, पृ-59

कुलटा और कलंकिन, निर्लज, बता-बता कर राख किया
हमने हर दिन अबलाओं को, जला-ला कर राख किया।
भूखे पेट रखा बिन पानी, सोने जैसी काया को
और इस तरह धन लोभी ने, उसे जलाकर राख किया।
-दर्शन बेजार, ‘देश खण्डित हो न जाए’, पृ.58

मयकदों में पड़े हैं गांव के मालिक,
हो गया बरबाद हर घरबार झूठों से।
-कृष्णावतार करुण, ‘कबीर जिन्दा है’,पृ.42
————————————————————
+रमेशराज की पुस्तक ‘ विरोधरस ’ से
——————————————————————-
+रमेशराज, 15/109, ईसानगर, अलीगढ़-202001

Language: Hindi
Tag: लेख
447 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2458.पूर्णिका
2458.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
स्मृतिशेष मुकेश मानस : टैलेंटेड मगर अंडररेटेड दलित लेखक / MUSAFIR BAITHA 
स्मृतिशेष मुकेश मानस : टैलेंटेड मगर अंडररेटेड दलित लेखक / MUSAFIR BAITHA 
Dr MusafiR BaithA
धनमद
धनमद
Sanjay ' शून्य'
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
मुख्तसर हयात है बाकी
मुख्तसर हयात है बाकी
shabina. Naaz
ना समझ आया
ना समझ आया
Dinesh Kumar Gangwar
संगिनी
संगिनी
Neelam Sharma
रिश्ते
रिश्ते
Mamta Rani
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
Vivek Mishra
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
#परिहास-
#परिहास-
*Author प्रणय प्रभात*
ये गजल नही मेरा प्यार है
ये गजल नही मेरा प्यार है
Basant Bhagawan Roy
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
स्वर्णिम दौर
स्वर्णिम दौर
Dr. Kishan tandon kranti
आक्रोश - कहानी
आक्रोश - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"दोस्ती के लम्हे"
Ekta chitrangini
ग़ज़ल - रहते हो
ग़ज़ल - रहते हो
Mahendra Narayan
निदा फाज़ली का एक शेर है
निदा फाज़ली का एक शेर है
Sonu sugandh
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
Harminder Kaur
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सज़ा तुमको तो मिलेगी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
gurudeenverma198
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
संगीत का महत्व
संगीत का महत्व
Neeraj Agarwal
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
Ranjeet kumar patre
💐प्रेम कौतुक-399💐
💐प्रेम कौतुक-399💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चलो चलाए रेल।
चलो चलाए रेल।
Vedha Singh
माटी में है मां की ममता
माटी में है मां की ममता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
देखिए खूबसूरत हुई भोर है।
देखिए खूबसूरत हुई भोर है।
surenderpal vaidya
Loading...