ऐ जिन्दगी तूं और कितना इम्तिहान लेंगी
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
🥀*गुरु चरणों की धूलि*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
इन दिनों शहर में इक अजब सा माहौल है,
चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)
तीर्थों का राजा प्रयाग
Anamika Tiwari 'annpurna '
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
*कस्तूरबा गाँधी पक्षी-विहार की सैर*
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
जैसा सोचा था वैसे ही मिला मुझे मे बेहतर की तलाश मे था और मुझ