*नकली दाँतों से खाते हैं, साठ साल के बाद (हिंदी गजल/गीतिका)*
#ਅੱਜ ਦੀ ਲੋੜ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
लौह पुरुष - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
सागर की लहरों
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
आध्यात्मिक और सांसारिक जीवन में संतुलन कैसे बनाएं, और कुछ मिथक बातें। ~ रविकेश झा
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जो घनश्याम तुम होते......
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
वाणी को रसदार बना।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
अनुभवों संग पक्षाघात बना वरदान
तुम्हारा आना
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद