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25 Mar 2024 · 1 min read

रंगों का त्योहार होली

होली की खुमारी में, सब खूब मस्ती करते है।
रंगों से भरी पिचकारी, हाथों में लिए फिरते हैं।

दौड़ते भागते गीले होते, एक दूसरे को रंगते हैं।
पहनकर बिरंगे कपड़े, मस्ती में गाते झूमते हैं।

भेदभाव सब भुला, एक-दूजे के गले लगते है।
मुट्ठी में भर कर गुलाल, आसमान में उड़ाते है।

यारों की टोली, गली-गली में धूम मचाती है।
भाईचारे का भाव ले, खुशी के रंग बिखेरती है।

घर घर जाकर के लोग, रंग भी ऐसा लगाते है।
कि आईने में खुद को ही पहचान नहीं पाते है।

घरों से गुब्बारे फेंक, एक दूसरे को भिगोते है।
होली त्योहार के दिन, बच्चे हुड़दंग करते हैं।

रंग रंगीन चेहरे ये सबके, दिखते बड़े निराले है।
रंगों से सराबोर हो करके, सब संग में नाचते हैं।

रंगों की फुहारों से, सारे गम भी धुल जाते है।
होली का ये त्योहार, सब हंसी खुशी मनाते है।

– सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार

1 Like · 37 Views
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