ॐ सूर्याय नमः
दिया तुम्हें
मालिक ने यह
नगीना अनमोल
दे रहा जो
हर इक को
उसके हिस्से की/धूप /ऊष्मा /ताप
बेमोल/बगैर नाप-तौल
किस में है इतना दम
उसके न्याय पर
कुछ सके बोल।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©
दिया तुम्हें
मालिक ने यह
नगीना अनमोल
दे रहा जो
हर इक को
उसके हिस्से की/धूप /ऊष्मा /ताप
बेमोल/बगैर नाप-तौल
किस में है इतना दम
उसके न्याय पर
कुछ सके बोल।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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