होली
बरसाने की प्रेम गलिन में
बहती है रसधार
भीग रही हैं कुंवर राधिका
भीगा उनका प्यार।
अबीर गुलाल हाथ भरे हैं
संग भरी पिचकारी
गोप गोपियां रंग रंगे हैं
रंगी राधा प्यारी।
मधुवन प्रेम संदेशा लेकर
करता है मनुहार।
बरसाने की कुंज गलिन में
बहती है रसधार
भीग रही हैं कुंवर राधिका
भीगा उनका प्यार।
गुलाल लसी राधिका ऐसो
कृष्ण करत बरजोरी
सांझ गगन में सूरज मानो
डूबे चोरी चोरी
प्रीत का रंग चढ़ा है ऐसा
नयन हुए रतनार।
बरसाने की कुंज गलिन में
बहती है रसधार
भीग रही हैं कुंवर राधिका
भीगा उनका प्यार।
~माधुरी महाकाश