Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

होली

बरसाने की प्रेम गलिन में
बहती है रसधार
भीग रही हैं कुंवर राधिका
भीगा उनका प्यार।

अबीर गुलाल हाथ भरे हैं
संग भरी पिचकारी
गोप गोपियां रंग रंगे हैं
रंगी राधा प्यारी।
मधुवन प्रेम संदेशा लेकर
करता है मनुहार।

बरसाने की कुंज गलिन में
बहती है रसधार
भीग रही हैं कुंवर राधिका
भीगा उनका प्यार।

गुलाल लसी राधिका ऐसो
कृष्ण करत बरजोरी
सांझ गगन में सूरज मानो
डूबे चोरी चोरी
प्रीत का रंग चढ़ा है ऐसा
नयन हुए रतनार।

बरसाने की कुंज गलिन में
बहती है रसधार
भीग रही हैं कुंवर राधिका
भीगा उनका प्यार।

~माधुरी महाकाश

Language: Hindi
59 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अमूक दोस्त ।
अमूक दोस्त ।
SATPAL CHAUHAN
आइन-ए-अल्फाज
आइन-ए-अल्फाज
AJAY AMITABH SUMAN
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
Sanjay ' शून्य'
*पिता (दोहा गीतिका)*
*पिता (दोहा गीतिका)*
Ravi Prakash
मेरे दिल ने देखो ये क्या कमाल कर दिया
मेरे दिल ने देखो ये क्या कमाल कर दिया
shabina. Naaz
Adha's quote
Adha's quote
Adha Deshwal
अंधविश्वास
अंधविश्वास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है
Atul "Krishn"
इश्क में तेरे
इश्क में तेरे
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
सत्य कुमार प्रेमी
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
Shweta Soni
सबसे क़ीमती क्या है....
सबसे क़ीमती क्या है....
Vivek Mishra
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
The_dk_poetry
बेटियां
बेटियां
Mukesh Kumar Sonkar
बदले नजरिया समाज का
बदले नजरिया समाज का
Dr. Kishan tandon kranti
ना जाने क्यों...?
ना जाने क्यों...?
भवेश
आंगन को तरसता एक घर ....
आंगन को तरसता एक घर ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
Manisha Manjari
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
Neelam Sharma
3122.*पूर्णिका*
3122.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिशते ना खास होते हैं
रिशते ना खास होते हैं
Dhriti Mishra
प्रेम जीवन में सार
प्रेम जीवन में सार
Dr.sima
गंगा की जलधार
गंगा की जलधार
surenderpal vaidya
#शेर-
#शेर-
*प्रणय प्रभात*
*मेघ गोरे हुए साँवरे* पुस्तक की समीक्षा धीरज श्रीवास्तव जी द्वारा
*मेघ गोरे हुए साँवरे* पुस्तक की समीक्षा धीरज श्रीवास्तव जी द्वारा
Dr Archana Gupta
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
कवि रमेशराज
हिन्दी ही दोस्तों
हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
Loading...