Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2023 · 1 min read

सूने सूने से लगते हैं

गए हो जबसे वे गलियां चौबारे सूने सूने से लगते हैं
करते थे जहां अटखेलियां चौराहेभी सूने सूने से लगते हैं
आ भी जाओ अब बहुत दिन हो चले हैं मिले हुए तुमसे
संजोए स्मृतियों विगत हर पथ सूने सूने से लगते हैं

इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
9425822488

241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Er. Sanjay Shrivastava
View all
You may also like:
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जिस्मानी इश्क
जिस्मानी इश्क
Sanjay ' शून्य'
"चाहत " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
shabina. Naaz
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Shaily
Janeu-less writer / Poem by Musafir Baitha
Janeu-less writer / Poem by Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
sushil sarna
रोते घर के चार जन , हँसते हैं जन चार (कुंडलिया)
रोते घर के चार जन , हँसते हैं जन चार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कोमल चितवन
कोमल चितवन
Vishnu Prasad 'panchotiya'
रचो महोत्सव
रचो महोत्सव
लक्ष्मी सिंह
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
gurudeenverma198
परिणय प्रनय
परिणय प्रनय
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
.........,
.........,
शेखर सिंह
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
तिरस्कार,घृणा,उपहास और राजनीति से प्रेरित कविता लिखने से अपन
तिरस्कार,घृणा,उपहास और राजनीति से प्रेरित कविता लिखने से अपन
DrLakshman Jha Parimal
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है।
प्रेमदास वसु सुरेखा
***
*** " तुम आंखें बंद कर लेना.....!!! " ***
VEDANTA PATEL
फूल खिलते जा रहे
फूल खिलते जा रहे
surenderpal vaidya
प्रकृति
प्रकृति
नवीन जोशी 'नवल'
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
"वचन देती हूँ"
Ekta chitrangini
*॥ ॐ नमः शिवाय ॥*
*॥ ॐ नमः शिवाय ॥*
Radhakishan R. Mundhra
"आंधी की तरह आना, तूफां की तरह जाना।
*Author प्रणय प्रभात*
3328.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3328.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Sukoon
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
It always seems impossible until It's done
It always seems impossible until It's done
Naresh Kumar Jangir
रामचरितमानस
रामचरितमानस
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"वक्त" भी बड़े ही कमाल
नेताम आर सी
Loading...