Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2023 · 1 min read

भारत की होगी दुनिया में, फिर से जय जय कार

बल्लेबाज करेंगे रन की, तूफ़ानी बौछार।
चौके छक्कों की आएगी, फिर एक नई बहार।।
गेंदबाजों का होगा फिर से, जोड़दार प्रहार।
उड़ जाएंगे कंगारू, भैया अबकी बार।।
महा मुकाबले में होगी, भारत की जयजय कार।
कुछ ही घंटे शेष हैं,हम ज़श्न को हैं तैयार।।

Language: Hindi
1 Like · 98 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है
गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
मै ठंठन गोपाल
मै ठंठन गोपाल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दोहा- दिशा
दोहा- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तेरे भीतर ही छिपा,
तेरे भीतर ही छिपा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कितनी सहमी सी
कितनी सहमी सी
Dr fauzia Naseem shad
रामपुर में थियोसॉफिकल सोसायटी के पर्याय श्री हरिओम अग्रवाल जी
रामपुर में थियोसॉफिकल सोसायटी के पर्याय श्री हरिओम अग्रवाल जी
Ravi Prakash
2320.पूर्णिका
2320.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खेल,
खेल,
Buddha Prakash
खोटे सिक्कों के जोर से
खोटे सिक्कों के जोर से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"वादा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
प्रकृति प्रेमी
प्रकृति प्रेमी
Ankita Patel
पूनम की चांदनी रात हो,पिया मेरे साथ हो
पूनम की चांदनी रात हो,पिया मेरे साथ हो
Ram Krishan Rastogi
.......... मैं चुप हूं......
.......... मैं चुप हूं......
Naushaba Suriya
अधूरी प्रीत से....
अधूरी प्रीत से....
sushil sarna
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बच्चों के साथ बच्चा बन जाना,
बच्चों के साथ बच्चा बन जाना,
लक्ष्मी सिंह
लीकछोड़ ग़ज़ल / मुसाफ़िर बैठा
लीकछोड़ ग़ज़ल / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
अफ़सोस
अफ़सोस
Shekhar Chandra Mitra
"फ़िर से आज तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
GOOD EVENING....…
GOOD EVENING....…
Neeraj Agarwal
अनंतनाग में परचम फहरा गए
अनंतनाग में परचम फहरा गए
Harminder Kaur
प्यासा मन
प्यासा मन
नेताम आर सी
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
The_dk_poetry
अमृत मयी गंगा जलधारा
अमृत मयी गंगा जलधारा
Ritu Asooja
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पिछले पन्ने 3
पिछले पन्ने 3
Paras Nath Jha
"लायक़" लोग अतीत की
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...